कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखनेवाले मोदी को राहुल का जवाब, BJP को हरायेंगे, मिटायेंगे नहीं
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ही नहीं, बल्कि सारे भाजपाइयों को सीखा दिया कि बात कैसे की जाती है? ऐसे भी तीन हिन्दी प्रदेशों में भाजपा को हराना मजाक नहीं, जनता ने राहुल गांधी को इतराने का पूरा मौका दिया है, पर राहुल इतरा नहीं रहे और न ही कोई ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जिस भाषा से किसी को कष्ट या दुख पहुंचे।
ऐसे भी हमारी संस्कृति में ये बातें बार-बार कही जाती है कि संपत्ति आये या चली जाये, दोनों अवस्थाओं में धीर पुरुष एक समान ही दीखते हैं, पर यहीं बात भाजपाइयों में इन दिनों दीख नहीं रही, जबकि पूर्व में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी तथा दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के समय में हमेशा दीख जाया करती थी।
जरा देखिये, राहुल गांधी ने क्या कहा? हमें लगता है कि जिस किसी ने भी राहुल गांधी के आज के प्रेस कांफ्रेस देखे होंगे, वह यह कहे बिना नहीं रहा होगा, वाह राहुल वाह। जरा देखिये, वे तीनों प्रदेशों के निवर्तमान मुख्यमंत्रियों को इस बात के लिए बधाई देते हैं कि उन्होंने राज्य की बेहतरी के लिए काम किया है, और वे उन कामों को आगे ले जायेंगे, क्या यहीं बोल पीएम नरेन्द्र मोदी या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के मुख से अपने विरोधियों के लिए कभी निकले? हमनें तो कभी सुना नहीं।
बार-बार कांग्रेस मुक्त देश बनाने की बात कहनेवाली भाजपा और भाजपा के लोग, आज जरुर शर्म से गर गये होंगे, जब एक संवाददाता के सवाल पर राहुल गांधी ने साफ कहा कि भाजपा और कांग्रेस एक विचारधारा है, और हम भाजपारुपी विचारधारा को हरायेंगे, बार-बार हरायेंगे, पर उसे मिटाने की बात कभी नहीं कह सकते, सचमुच किसी को मिटाने की बात कहना ही अपने आप में क्रूरता को परिलक्षित करता है, सभ्य समाज में तो ये भाषा होनी ही नहीं चाहिए, लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों की अपनी भूमिका है।
उन्होंने बड़ी ही शालीनता से कहा कि विपक्ष एकजुट हैं, और मिलकर 2019 का चुनाव लड़ेगा, वे 2019 का चुनाव जीतेंगे। वे कहते है कि ये बदलाव का समय है। वे कहते है कि ये कांग्रेस कार्यकर्ताओं, किसानों और छोटे दुकानदारों की जीत है, वे अपने कार्यकर्ताओं का हौसलाअफजाई भी करते है, कि हां तुम बब्बर शेर हो। वे कहते है कि आगे की लड़ाई सिर्फ तीन मुद्दों पर ही उन्हें लड़नी है, पहला-रोजगार, दूसरा-किसान और तीसरा-भ्रष्टाचार।
राहुल ने आज एक बार फिर कहा कि पीएम मोदी ने जो 2014 में लोगों को सपने दिखाएं, और जो 2014 के चुनाव में जो उन्हें सबक दिये, उन सबक से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। ये कहकर उन्होंने अपने अंदर के टीस को बाहर कर दिया, शायद कांग्रेस के कार्यकर्ताओ और उनके समर्थकों का समूह समझने की कोशिश करता होगा।
वे आज खुलकर बोले और बताया कि नोटबंदी एक बहुत बड़ा स्कैम है, आर्थिक क्षेत्र में भारत की स्थिति बहुत ही खराब है, भारत की अर्थव्यवस्था को ठीक करने की जरुरत हैं, राफेल मुद्दे पर एक बार फिर उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी को घेरा तथा इन तीन राज्यों में भाजपा की करारी हार को पीएम मोदी के भ्रष्टाचार से जोड़ दिया। वे इवीएम पर भी बोले तथा कहा कि वे आज भी इवीएम पर उनका स्टैंड वहीं है, जो पहले था, ये उतना सुरक्षित नहीं, जितना बैलेटपेपर से मतदान करना सुरक्षित है। आज का राहुल गांधी का प्रेस कांफ्रेस सभी को यह बताने के लिए काफी है कि जिन्हें लोग पप्पू कहते थे, आज उसने सभी को एक तरह से सीख दी कि प्लीज आप किसी का मजाक न ऊड़ाएं, सभी का सम्मान करें, नहीं तो आप स्वयं अपने आप पर देर-सबेर लज्जित महसूस करेंगे।