होनहार CM बोले, बिहार में दारु की होम डिलीवरी, एक सौ का दारु दो सौ रुपये में, दारु से मर रहे लोग
“बिहार में दारु बंद नहीं हुआ, वहां बैकडोर से चल रहा है, कानून बना देने से सब कुछ नहीं हो जाता, उसे इम्पलीमेंट कराना पड़ता है, लेकिन उसको इम्पलीमेंट करना बहुत मुश्किल है, अब वहां होम डिलीवरी हो रहा है, पता है जो वहां एक सौ रुपये में दारु मिलता था, अब वहां 200 रुपये में मिल रहा है, दारु धड़ल्ले से चल रहा है, अवैध दारु चल रहा है, उससे आदमी मर रहा है।”
ये कहना है, झारखण्ड के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास का। वे ये बातें जामताड़ा के शहरपुरा पंचायत में जन चौपाल के दौरान कह दी, जब एक ममता देवी नामक महिला ने झारखण्ड में शराब से घर-परिवार के हो रहे नुकसान की ओर होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास का ध्यान आकृष्ट कराया। ममता देवी ने यह भी कहा कि जैसे बिहार में शराबबंदी लागू हुआ, ठीक उसी प्रकार आप भी झारखण्ड में शराबबंदी लागू करिये।
शायद ममता देवी की यहीं बातें, झारखण्ड के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के कानों में चुभ गई। भला वे कैसे बर्दाश्त करते कि उनकी जनता, उनके सामने किसी पड़ोसी राज्य के मुख्यमंत्री की अच्छी बातों की प्रशंसा कर दें। जनाब तुरन्त आ गये प्रवचन की मुद्रा में और जो कहां, वो मैने उपर में लिख दिया हूं, आप पढ़ ही लिये होंगे।
होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ममता देवी को बताया कि जो वो बोल रही है, दरअसल झूठ है, आज भी बिहार में धड़ल्ले से दारु बिक रहा हैं, वह भी एक सौ का दारु, दो सौ रुपये में मिल रहा है, अवैध दारु मिल रहा है, जिससे लोग मर भी रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन की सरकार चल रही है, फिर भी ममता देवी की बातों से नाराज मुख्यमंत्री ने जमकर बिहार के खिलाफ भड़ास निकाली और जो मन में आया, बकते चले गये, उन्होंने इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया कि उन्हीं के बड़े नेता, जब उनका बयान सुनेंगे तो क्या सोचेंगे? बिहार में चल रहे गठबंधन पर इस बयान का क्या असर पड़ेगा?
अपनी आदत के अनुसार, यहां भी होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पिछले चौदह साल के शासनों और उनके मुख्यमंत्रियों को जमकर कोसा, तथा खुद को महान बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी, जबकि उनकी महानता का पोल इसी पंचायत में खुल गया, जब कई महिलाओं ने कहा कि उनके इलाके में आज भी कई घरों में शौचालय नहीं बने है, जबकि कुछ ही माह पहले इन्होंने संपूर्ण राज्य को खूले में शौच मुक्त घोषित कर रखा है, यानी झारखण्ड के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास को पता ही नहीं कि जिस जनता के बीच वे चौपाल लगाये है, वो जनता उनका और बाहर के राज्यों के मुख्यमंत्री के क्रियाकलापों की जन्मकुंडली बड़े ही आराम से बनाकर बैठी है, और इंतजार कर रही हैं 2019 का, ताकि इनके बड़बोलेपन पर सदा के लिए ताला लगा दें।