यार हमारी बात सुनो…
भोर सिंह ने एक-दो छापेमारी क्या कर दी? मिलावटखोरों को क्या पकड़ लिया, अपने रांची शहर में हर तरफ ईमानदार ही ईमानदार नजर आने लगे हैं अर्थात् हर क्षेत्र से बेईमानों की टीम, ईमानदार बनकर भोर सिंह की जय-जयकार कर रही है, उसमें अखबार के संपादक व पत्रकार भी शामिल हो गये, ये वहीं पत्रकार और संपादक है, जो कभी भोर सिंह यादव को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था, यह कहकर कि अहले सुबह भी कहीं हेलमेट जांच किया जाता है, ये अलग बात है कि जब चारो तरफ उनकी थू – थू होने लगी तो उन्हें ख्याल आया कि वे गलत पर है, यहीं नहीं लगातार कश्मीर को पाकिस्तान का अंग बतानेवाले अखबार अब मिलावटखोरी पर संपादकीय लिख रहे है, सेक्स-कमजोरी के नाम पर युवाओं को दिग्भ्रमित करनेवाले विज्ञापन को छापने वाले समाज हित की बात कर रहे है…
भाई एक बात बता दूं, जैसे तेल, दूध और बीज में मिलावट करनेवालों को मत छोड़िये, उसी प्रकार युवाओं को दिग्भ्रमित करनेवाले समाचार और विज्ञापन छापनेवाले अखबारों को भी मत छोड़िये, क्योंकि ये भी बराबर के अपराधी है…
मैं तो सीधे यहीं कहूंगा ऐसा लिखनेवाले और ऐसा बोलनेवाले तथा आंदोलन करनेवालों को, कि वे फिल्म रोटी का गाना सुने…
गाने के बोल है…
यार हमारी बात सुनो…
ऐसा एक बेईमान सुनो…
जिसने पाप न किया हो, जो पापी न हो…
एक बात और,
कानून को अपना काम करने दीजिये, कानून अपना काम करेगा। एक बात और, दुनिया में दो प्रकार के कानून है – एक कानून जो व्यक्ति बनाया है, और दूसरा कानून जो प्रकृति का है।
आप मनुष्य के द्वारा बनाये गये कानून को धोखा दे सकते है, पर ईश्वर के बनाये गये कानून को धोखा नहीं दे सकते, इसलिए सभी अपना-अपना काम करें, ईमानदारी बरतें और झारखण्ड का नाम रोशन करें।
आज तो मैं ये भी देख रहा हूं कि भोर सिंह को लेकर उनकी जाति के लोग भी आंदोलन पर उतर आये है, वे नगर विकास मंत्री का पुतला दहन कर रहे है, भाई भोर सिंह सिर्फ यादवों के एसडीओ थे क्या? अब जिस जाति का एसडीओ बनेगा, उस जाति के लोग उस एसडीओ का जिम्मा लेंगे क्या? अरे भाई, वो एसडीओ है, उसे भी डीडीसी, डीसी और पता नहीं क्या-क्या? बनना है, और बनने की इच्छा रखता है, क्या वह आपके लिए सदा के लिए एसडीओ ही बनकर रह जाये? ये क्या अंधेरगर्दी है भाई? जिसको देखो, हर बात में जातीयता घूसेर दे रहा है, अच्छे लोगो की सराहना थोड़ा सभी जाति के लोग करें, तो अच्छा है। ये एक ही जाति के लोग प्रदर्शन और पुतला दहन करने की सोच रखेंगे तो इस राज्य का क्या हालत होगा? क्या हम सचमुच आगे बढ़ रहे है, या नीचे जा रहे है? हद कर दी है, सबने। हर जगह राजनीति, भोर सिंह का स्थानान्तरण हो गया तो गलत, भोर सिंह का स्थानान्तरण नहीं हुआ तो गलत,
भोर सिंह के समय का अधिकारी, सब का प्रमोशन हो गया और इसके साथ ही भोर सिंह का भी हो गया तो भी गलत और नहीं हुआ तो भी गलत। ऐ भाई, ऐसे में तो, हम मिलावटखोरी वाला सामान नहीं भी खायेंगे, तब भी ब्रेन हेमरेज हो जायेगा…