भाजपाइयों के मुंह पर लगा ताला, धनबादवासियों का आंदोलन रंग लाया,15 से डीसी रेललाइन पर ट्रेनों का परिचालन
15 जून 2017 से बंद धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर अब 15 फरवरी से रेल परिचालन प्रारम्भ हो जायेगा, दरअसल भाजपा की केन्द्र सरकार को इस बात की भनक मिल गई थी कि इस रेललाइन पर रेल सेवा ठप कर दिये जाने से जनता में भारी आक्रोश हैं, और इसका परिणाम चुनाव पर भी अवश्य पड़ेगा और इससे भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन से लाखों लोगों की रोजी-रोजी जुड़ी थी, तथा इस इलाके के लोगों के लिए ये लाइन, लाइफ-लाइन थी।
ज्ञातव्य है कि जिस दिन से इस धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर रेलसेवा ठप हुई, यहां के लोगों ने कभी आराम नहीं किया। धरना-प्रदर्शन, पदयात्रा की लंबी सूची बन गई। झाविमो नेता बाबू लाल मरांडी, जागो संस्था और वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा को इस बात के लिए दाद देनी होगी, कि इन लोगों ने अपने-अपने स्तर से आंदोलन को बरकरार रखा, जबकि भाजपा के कई नेता तो इन लोगों को बराबर इसी बात का डोज देते, कि आप लाख आंदोलन कर लें, जो मोदीजी निर्णय ले लेते हैं, उस पर अडिग रहते हैं, अब इस धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर रेलसेवा ठप हो गया तो यह अब बहाल नहीं होगा, आज इस प्रकार के सोच वाले भाजपाइयों के मुंह पर ताले लग गये हैं, और रेलसेवा अब जल्द ही बहाल होनेवाली है।
करीब बीस महीने के लंबे अंतराल के बाद रेलवे बोर्ड ने इस बात की इजाजत दे दी कि इस रेलखण्ड पर रेलपरिचालन शुरु होनी चाहिए। सोमवार को जारी आदेश में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर पहले की तरह ही ट्रेनें चलेंगी। फिलहाल बंद रेलखण्ड पर इसके लिए सारी तैयारियां दस फरवरी तक पूरी कर ली जायेंगी, इसके लिए कार्य भी युद्धस्तर पर शुरु कर दिया गया है।
हालांकि इस धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर रेलसेवा जल्द बहाल होगी, इसकी सूचना उसी वक्त लोगों को मिल गई थी, जब पिछले दिनों 31 जनवरी को सीसीआरएस शैलेश कुमार पाठक ने इस रेलखण्ड पर रेलपरिचालन के लिए एनओसी दी थी। एनओसी मिलने के बाद पूर्व मध्य रेलवे ने अपना काम किया, तथा इसकी जानकारी रेलवे बोर्ड को दी और रेलवे बोर्ड ने जल्द ही इस पर फैसला ले लिया, साथ ही इस रेलखण्ड पर परिचालन प्रारम्भ करने के पूर्व सारी चीजें दुरुस्त कर लेने को कहा।
इस रेलखण्ड पर फिर से रेलपरिचालन प्रारम्भ कर दिये जाने की घोषणा से लोगों को इस बात की अब गारंटी हो गई कि जल्द ही इस रेलखण्ड पर वे सारी 26 जोड़ियां ट्रेनें चलेंगी, जो इस रेलखण्ड के बंद हो जाने से बंद हो गई थी। पूरे कतरास व धनबाद में इस घोषणा के बाद हर्ष की लहर है, सभी अपने आंदोलन और संघर्ष की जीत बता रहे हैं, जबकि कल तक इस पर चुप्पी साधनेवाले भाजपाइयों का दल इसका श्रेय लेने के लिए अभी से मचलने लगे हैं, पर धनबादवासियों का कहना है कि जिस भाजपा ने 20 महीने तक धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन पर ट्रेन सेवा ठप करवा दी, कभी उनके आंदोलन का साथ नहीं दिया, ऐसी स्थिति में वे किस मुंह से परिचालन शुरु कराने का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, क्या जनता इतनी मूर्ख है?