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लीजिये बंगाल के तर्ज पर, अब भाजपा शासित राज्य झारखण्ड में भी सरस्वती पूजा पर रोक

लीजिये कल तक बंगाल में सरस्वती पूजा पर रोक को मुद्दा बनानेवाली भाजपा, क्या झारखण्ड में भी इसे मुद्दा बनायेगी, अपने गिरेबां में झांकेगी, या केवल इसी तरह दूसरों पर अंगूलियां उठाती रहेगी। ताजा मामला धनबाद का है, जहां पिछले 63 सालों से जिस एसएसएलएनटी महिला महाविद्यालय में सरस्वती पूजा मनाई जा रही थी, उस पर इस साल रोक लगा दी गई, जिसके कारण महाविद्यालय में इस बार सरस्वती पूजा नहीं मनाई गई।

सरस्वती पूजा नहीं होने के संदर्भ में यहां की प्राचार्या रेणुका ठाकुर का कहना है कि कुछ छात्राओं ने, उन्हें लिखकर दिया था कि पूजा के आयोजन से उन्हें परीक्षा की तैयारी में परेशानी होगी, इसलिए उन्होंने कॉलेज में तो नहीं पर हॉस्टल में पूजा करने की अनुमति दे दी। इधर ज्यादातर छात्राओं को कहना है कि दरअसल प्राचार्या चाहती ही नहीं थी कि इस बार कॉलेज सभागार में सरस्वती पूजा हो, इसलिए कई कॉलेज की छात्राओं पर दबाव डाला जा रहा था कि वह लिखकर दें कि परीक्षाओं की वजह से छात्राएं पूजा नहीं करना चाहती, जिसे लिखने से ज्यादातर छात्राओं ने मना कर दिया, पर कुछ हॉस्टल की छात्राओं ने लिखकर दे दिया।

कॉलेज प्राचार्या के इस हरकत से सोशल मीडिया में एसएसएलएनटी में सरस्वती पूजा का आयोजन होना, एक मुद्दा बन चुका है, छात्राएं खुलकर अपना आक्रोश व्यक्त कर रही है, कुछ छात्राओं का कहना है कि कॉलेज परिसर में पिछले सरस्वती पूजा के दौरान जमकर डांस हुआ था, जो प्राचार्या को पसंद नहीं आया, इस बार फिर कही ऐसा हो, इसे ही लेकर प्राचार्या ने ये कदम उठाया कि रहेगी बांस बांजेगी बांसुरी यानी होगा सरस्वती पूजा और लगेगा मजमा और होगा डांस।

कई छात्राओं का कहना है कि बतौर प्रिंसिपल योगदान देने के बाद से ही छात्राओं पर कई तरह के प्रतिबंध प्रारंभ किये गये, जिसमें सरस्वती पूजा पर रोक भी शामिल है, इस बार प्राचार्या ने सरस्वती पूजा पर रोक लगाकर सबसे बड़े सालाना कार्यक्रम को बेरौनक कर दिया है।

इधर सोशल साइट पर ही भाजपा के एक नेता कृष्णा अग्रवाल ने इस प्रकरण पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, उनका कहना है कि एसएसएलएनटी ट्रस्ट महिला महाविद्यालय के प्राचार्य बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पद चिह्नों पर चलते हुए तानाशाही रवैये अपनाई है, प्राचार्य के इस घृणित रवैये के कारण इस वर्ष महिला महाविद्यालय में मां शारदे की आराधना नहीं की गई, जो दुर्भाग्यपूर्ण है, इसकी जितनी भी निंदा की जाय कम है, इस पूरी घटना की शिकायत वे प्रदेश की शिक्षा मंत्री नीरा यादव से करेंगे, साथ ही प्राचार्य को अविलंब निलंबित कराने की भी मांग रखेंगे।