होनहार CM के बेटे ललित की शादी में, प्रेस सलाहकार को जाने में दिक्कत न हो, इसके लिए RU ने की परीक्षा स्थगित
कुलाधिपति जवाब दें, वह कौन सा अपरिहार्य कारण है? जिसके कारण रांची विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पत्रकारिता एवं जनसंचार संस्थान की पीजी मास कॉम एंड जर्नलिज्म फर्स्ट एवं थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में से प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा जो 8 मार्च को होनेवाली थी, वह स्थगित कर दी गई और अब ये परीक्षा 16 मार्च को होगी।
आखिर अचानक ये खबर, परीक्षा नियंत्रक डा. राजेश कुमार के माध्यम से रांची से प्रकाशित कुछ अखबारों में क्यों प्रसारित करवाई गई? कुलाधिपति जी उन परीक्षार्थियों को जवाब चाहिए, जो पीजी मास कॉम एंड जर्नलिज्म के फर्स्ट सेमेस्टर के परीक्षार्थी है। ऐसे भी हमने ऐसे ही आपसे पुछ लिया, और चूंकि हम जानते है कि आप न तो इस प्रश्न का उत्तर दे पायेंगी और न सही उत्तर किसी के पास है।
अब हम जनता को बताते है, कि सच्चाई क्या है? हमारे सूत्र बताते है कि चूंकि झारखण्ड के एकमात्र होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के होनहार बेटे ललित दास की कल यानी 8 मार्च को परिणयोत्सव यानी शुभविवाह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होना सुनिश्चित हैं, ऐसे मुबारक समय पर राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार मौजूद न रहे, ये कैसे हो सकता है?
इसीलिए रांची विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. राजेश कुमार ने 8 मार्च को होनेवाले पीजी मास कॉम एंड जर्नलिज्म के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित कर दी और उक्त परीक्षा की तिथि 16 मार्च को निर्धारित कर दी, ताकि राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार, होनहार मुख्यमंत्री के बेटे ललित दास की शादी में शान से सम्मिलित हो सकें।
हम आपको बता दे कि फिलहाल राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस सलाहकार अजय कुमार पीजी प्रथम सेमेस्टर के परीक्षार्थी भी हैं, जिनकी दिक्कत को देखते हुए, रांची विश्वविद्यालय ने 8 मार्च को होनेवाली परीक्षा को ही स्थगित कर दिया, ऐसे चल रहा हैं, अपना रांची विश्वविद्यालय, ऐसे चल रहा हैं अपना राज्य झारखण्ड, ऐसे चला रहे हैं कनफूंकवे अपने इस राज्य झारखण्ड को, यानी अंधेर नगरी चौपट राजा, टके सेर भाजी, टके सेर खाजा।
गजब स्थिति है रे भाई, यहां तो मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार को परीक्षा देने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए परीक्षा तक स्थगित कर दी जाती है, ऐसे में किसी ने ठीक ही कहा कि जनता को यह नारा ‘सबका साथ, सबका विकास’ कहकर उल्लू बनाओ और खुद ‘सबका साथ लेकर, सिर्फ और सिर्फ अपना विकास करो।’