शर्मनाक, राज्य के होनहार CM के शासनकाल में 40 दिनों से धरने पर बैठा है प्रकाश, पर कोई सुन नहीं रहा
गिरिडीह सरिया के सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश मंडल को गांधी और गांधी के सिद्धांत पर गहरी आस्था और विश्वास है, उनका मानना है कि गांधी के रास्ते चलकर, हर समस्या का निराकरण कराया जा सकता है, इसीलिए वे पिछले चालीस दिनों से रांची के मोराबादी मैदान स्थित गांधी की प्रतिमा सह बापू वाटिका के बगल में एक छोटा सा तंबू लगाकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। उनका मानना है कि भले ही लोग आज उन पर ध्यान न दें, पर एक न एक दिन ऐसा आयेगा कि लोग उसकी बात सुनेंगे और उनका काम हो जायेगा।
प्रकाश मंडल कोई अपने काम के लिए अनिश्चितकालीन धरने पर नहीं बैठे हैं, वे तो सिर्फ यह चाहते है कि सरिया–गिरिडीह स्थित रेलवे क्रासिंग पर एक ओवर ब्रिज का निर्माण हो जाये, वे कहते है कि रांची और दिल्ली में तो अब डबल इंजन की सरकार है, फिर भी ओवरब्रिज का निर्माण क्यों नहीं हो रहा? वे इसी मांग को लेकर गत् 30 जनवरी यानी बापू के शहादत दिवस के दिन से धरने पर बैठे हुए हैं।
आश्चर्य की बात है कि इस रास्ते से प्रतिदिन राज्य के बड़े–बड़े मंत्री, विधायक, सांसद, आइएएस, आइपीएस मार्निंग वॉक के समय सुबह–शाम गुजरते हैं, वे इधर देखते भी हैं, पर उन्हें फुर्सत नहीं कि प्रकाश मंडल से बात करें, उसके अनिश्चितकालीन धरने को समाप्त कराएं, या उसकी समस्या का हल निकालने में रुचि दिखाएं।
आश्चर्य इस बात की भी है कि रांची से आजकल सुबह–शाम अनेक छोटे–बड़े अखबार निकलते हैं, चैनलें चलती हैं, पोर्टलों पर समाचार आते हैं, पर किसी अखबार, चैनल व पोर्टल को समय नहीं कि उसके दुख–दर्द को अपने अखबारों, चैनलों, पोर्टलों पर स्थान दें, तथा इसकी समस्या दूर कराने में दिलचस्पी लें।
आश्चर्य इस बात की भी है कि इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है, पर गांधी के सिद्धांतों को लेकर आंदोलन चलानेवालों की यहां पूछ नहीं, ऐसा भी नहीं कि प्रकाश मंडल की ऐसी मांग है, जो पूरी नहीं की जा सकती, पर चूंकि हमारे यहां सिस्टम ऐसा हैं कि यहां के लोगों को सीएम के बेटे की बाराती में जाने तथा रिसेप्सन में शरीक होने की तो दिलचस्पी है, पर सत्य का साथ देने में, किसी की समस्या को दूर करने में, पता नहीं, क्यूं नानी–दादी याद आ जाती है।
प्रकाश मंडल कहते है कि वे चाहते है कि जल्दी से जल्दी सरिया रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओवरब्रिज बनाई जाय। सरिया में बन रहे पावर ग्रिड निर्माण की गति/ट्रांसमिशन लाइन खिंचवाने का कार्य अविलम्ब शुरु हो। प्रस्तावित सरिया अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र को अपग्रेड कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उसे परिवर्तित की जाय। स्वच्छता अभियान पर ध्यान दी जाये तथा सरिया को अनुमंडल का दर्जा मिले।
हालांकि इधर कब चुनाव आयोग लोकसभा के चुनाव तिथि की घोषणा कर दें, कुछ कहा नहीं जा सकता, ऐसे में प्रकाश मंडल का आंदोलन और बढ़ जायेगा, तब तो नेताओं और अधिकारियों को भी अपना बदन बचाने का अच्छा मौका मिल जायेगा कि अब तो आचार संहिता लागू हो गया, वे कुछ वायदा भी नहीं कर सकते, पर 40 दिनों से बैठा यह आदमी एक सवाल पूछता है कि क्या यहां सचमुच में प्रशासन है।
अगर प्रशासन रहता तो उसका एक न एक आदमी तो उसके पास जरुर आकर पूछता कि बताओ भाई, तुम्हारे क्या हाल–चाल हैं, बारिश और ठंड के बीच यह संघर्ष कर रहा प्रकाश मंडल उन सारे बुद्धिजीवियों से भी सवाल दाग रहा है कि क्या सत्य के लिए आग्रह करनेवालों के लिए भी आपके पास समय नहीं हैं, तो फिर आपका समय किस बहुरुपिये के लिए हैं, जवाब दें।