पुलवामा के बाद, कोई अपने बेटे के रिसेप्शन तीन-तीन जगह कराने में मस्त, तो कोई शहीदों के परिवारों को आनन्द देने में मस्त
भाई दुनिया में एक से एक आदमी है, एक से एक संस्था है, अगर कोई चाह लें कि किसी को मदद करना हैं, तो भला उसकी चाह को कौन रोक सकता हैं, कहा भी गया है, जहां चाह वहां राह और जो कभी अच्छा चाहा नहीं, वह भला किसी का क्या भला चाहेगा? फिलहाल कश्मीर के पुलवामा में जो घटना घटी, उससे कई देशवासी अभी भी व्यथित हैं, कई भारतीय परिवार तो उस हिंसक घटना से प्रभावित शहीद परिवारों के साथ आज भी तन–मन–धन के साथ खड़े हैं, कई तो इस बार होली न मनाने का संकल्प ले लिया है।
कई आज भी यह प्रयास कर रहे है कि शहीद के परिवारों को कितना और कैसे ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलवाया जाये, वह भी बिना किसी लाम–काम के। कई परिवार व संस्थाएं ऐसी भी है, जिन्होंने बहुत बड़ा लाम–काम बांध दिया, कई बड़ी–बड़ी घोषणाएं कर दी, पर उन घोषणाओं का लाभ उन शहीद परिवारों को आज–तक नहीं मिला।कई शहीद परिवार तो आज भी सरकार के द्वारा की गई घोषणाओं को अमल में लाने के लिए डीसी और समाहरणालय की परिक्रमा कर रहे हैं, पर न तो डीसी सुन रहा और न ही समाहरणालय के बाबूओं के कानों पर जूं रेंग रही है।
एक राज्य का मुख्यमंत्री हैं, जिसे अपने बेटे के रिसेप्शन से फुरसत ही नहीं मिल रही, वह खुद को मजदूर का बेटा बताकर तीन–तीन स्थानों जैसे जमशेदपुर, रांची व दिल्ली में रिस्पेशन कर करोड़ों फूंक दिया, पर उसे पता ही नहीं कि जिसे देश के वीरों के साथ पुलवामा जैसी घटना होती है, वहां का मुख्यमंत्री अपने बेटे की शादी में डांस नहीं करता, वह इतने बेतरतीब ढंग से पैसे खर्च नहीं करता, वह तीन–तीन जगहों पर करोड़ों नहीं फूंकता, वह सादगी के साथ वैवाहिक संस्कार मनाकर लोगों को, अपने राज्य की जनता को संदेश देता है कि इस दुख की घड़ी में केवल वे ही नहीं, बल्कि उसका मुख्यमंत्री भी उसके साथ है, वह अपने घर में सादगी के साथ कार्यक्रम मना रहा है, पर उससे उसे क्या मतलब?
पर इधर एक खुशी की भी बात है कि लगभग पांच वर्ष पहले रोटरी स्कूल, डालटनगंज, पलामू के पूर्व छात्र अभिषेक पांडेय द्वारा अपने बैच 2000 के तीन छात्रों के साथ प्रारंभ किया गया व्हाट्सएप ग्रुप पुलवामा हमले में मारे गये शहीद विजय सोरेंग के परिवार की सहायतार्थ आगे आया। इस ग्रुप में धीरे–धीरे उक्त बैच से सब जुटते गये और सकारात्मक पहल करने की दिशा में सदा तत्पर रहे, जब पुलवामा हमला हुआ, तब सभी ने अपने बैच के ग्रुप से शहीद के परिवार के लिए पृथक रुप से एक राशि जमा करने का संकल्प लिया और इस राशि को बिना ताम–झाम के झारखण्ड के लाल शहीद विजय सोरेंग के परिवार को सहायतार्थ देने का निर्णय लिया।
सूत्र बताते है कि उस बैच के व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा निर्मित वेलफेयर फंड में विद्यालय के पूर्व शिक्षक विशाल कश्यप के मार्गदर्शन में कुणाल किशोर के पास राशि जमा किया गया। जिस दिन पुलवामा हमले का एक माह पूर्ण हुआ, रोटरी स्कूल डालटनगंज पलामू के छात्र दिलीप सिंह ने शहीद के पैतृक घर गुमला जाकर उनके पिता से वार्ता कर, उनकी मां के नाम से 41,500 का चेक समर्पित किया। जिसकी सराहना वहां के ग्रामवासियों ने की। इसके अतिरिक्त रोटरी स्कूल, डालटनगंज, पलामू के पूर्व छात्र–छात्राओं के समूह द्वारा कुछ राशि सीआरपीएफ कल्याण कोष में भी जमा किया गया। रोटरी परिवार के पूर्व विद्यार्थी इस प्रकार के सामाजिक व सकारात्मक कार्यों को मूर्त्त रुप देने में हमेशा आगे रहते है, जो सराहनीय–प्रशंसनीय है।
इस पुनीत कार्य में व्हाट्सएप ग्रुप के अजय सिन्हा, अमरनाथ, अभिषेक कुमार, अरुण, अश्विनी, गौरव, गोविन्द, हैप्पी, मनीष, मनोहर निलय, नीरज, विकास श्रीवास्तव, राजेश अग्रवाल, विकास तिवारी, राकेश गुप्ता, रवि प्रकाश, ऋषि, सहज, विकास रंजन, सत्यप्रकाश, शैलेश पांडेय, विवेक, शशिरंजन, स्नेहशील, शैलेश मिश्रा, तुषार, उत्तम, विनीत, प्रवीण कच्छप की भूमिका प्रशंसनीय रही।