शर्मनाक, राज्य के भाजपाई मंत्री का हाल देखिये, महिलाओं का भी सम्मान नहीं करते, उन पर हाथ छोड़ देते हैं
राज्य के कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह का विवादों से गहरा नाता रहा है, वे हमेशा सुर्खियों में बने रहने के लिए ऐसी-ऐसी हरकतें करते हैं, जिसकी सर्वत्र आलोचना व भर्त्सना होती है, आश्चर्य है ऐसे मंत्री पर इसका कोई असर नहीं पड़ता, वे नई-नई हरकत करने बे बाज नहीं आते। कभी उन्होंने सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज को भी अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, जब ज्यां द्रेज प्रभात खबर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रुप में भाग लेने गये थे और आज तो उन्होंने सारठ जिला परिषद् सदस्य पिंकी कुमारी को थप्पड़ ही जड़ दिया।
कृषि मंत्री के इस हरकत पर ऐपवा झारखण्ड की राज्य सचिव गीता मंडल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि महिलाओं को असम्मान करने, उनके उपर मारपीट करने, भद्दी-भद्दी गालियां देनेवाले ऐसे कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। ऐपवा की गीता मंडल बताती है कि सारठ जिला परिषद सदस्या पिंकी को बिना किसी कारण या उकसावा के भद्दी-भद्दी गालियां दी गई, उसके बाद रणधीर सिंह द्वारा उक्त महिला के गाल पर थप्पड़ मार दिया गया, जिसकी जितनी निंदा की जाय कम है। यह घटना बताती है कि मोदी-रघुवर सरकार में कोई महिलाएं सुरक्षित नहीं, यह सरकार महिला हिंसा का मॉडल बन गई है।
पिंकी ने आज जामताड़ा के करमाटाड़ थाने में कृषि मंत्री रणधीर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी है। जिसमें पिंकी ने कहा है कि आज वह काला झरिया मदनकट्टा में आयोजित लक्ष्मी नारायण यज्ञ में कलश यात्रा में सम्मिलित थी। इसी दरम्यान जलयात्रा से लौटने के क्रम में सारठ के स्थानीय विधायक सह कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह और उनके अंगरक्षक ने उसके साथ छेड़छाड़, दुर्व्यवहार, बदसलुकी तथा गाली-गलौज किया और उन्हें थप्पड़ भी मारा। पिंकी का कहना है कि कृषि मंत्री से उसके जान को खतरा है, इसलिए उसे सुरक्षा दी जाये, इधर कृषि मंत्री रणधीर ने पिंकी द्वारा लगाये गये आरोप को बेबुनियाद और आधारहीन बताया है।
कृषि मंत्री द्वारा जिप सदस्य के साथ किये गये दुर्व्यवहार मामले ने तूल पकड़ लिया है, और इस कांड की सर्वत्र आलोचना हो रही है, लोगों का कहना है कि कृषि मंत्री व भाजपा विधायक के इस कृत्य ने भाजपा को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है, अब भाजपा के लोग महिलाओं पर हाथ भी छोड़ने लगे, इससे बड़ी शर्म की बात और क्या हो सकती है? राज्य के सभी प्रमुख दलों ने कृषि मंत्री के इस कार्य की एक स्वर से आलोचना की है, तथा सरकार से ऐसे मंत्री को हटाने की मांग कर दी है।