धनबाद में जिला प्रशासन खुद ही उड़ा रहा आचार संहिता का माखौल, सत्तारुढ़ दल को कर रहा मदद
गत् दस मार्च को लोकसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही पूरे देश में आचार संहिता लागू हो गई, पर लगता है कि धनबाद जिला प्रशासन को इस बात की जानकारी ही नहीं, या हो सकता हैं कि उन्हें मालूम हो और वे इस चुनाव आचार संहिता की स्वयं धज्जियां उड़ाने का संकल्प ले लिया हो, जबकि चुनाव आयोग द्वारा दिये गये सारे निर्देशों को पालन कराना या उन्हें जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी इन्ही की है, पर जो धनबाद में देखने को मिल रहा है, वो धनबाद जिला प्रशासन के कृत्यों पर प्रश्न चिह्न लगा दे रहा है।
आश्चर्य है धनबाद जिला प्रशासन के इन गड़बड़ियों को न तो वहां की मीडिया उठा रही हैं और न ही विपक्षी दल इस पर मुखर हो रहे हैं, जबकि इन गड़बड़ियों पर अंगूली उठाना तथा बेहतर लोकतंत्र के लिए, अपनी भूमिका का निर्वहण करना प्रत्येक भारतीयों का कर्तव्य है। जरा देखिये, धनबाद में क्या हो रहा हैं?
धनबाद जंक्शन से उत्तर की ओर जानेवाली सड़क पर, वाकिंग डिस्टेंस पर हैं अम्बेडकर चौक, जहां धनबाद रेल मंडल प्रबंधक का आवास है, धनबाद रेल मंडल प्रबंधक के आवास की चाहारदिवारी पर ही राज्य के श्रम विभाग का बोर्ड लगा है, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास तथा श्रम मंत्री राज पलिवार का फोटो लगा हैं और उसमें श्रम विभाग से संबंधित प्रमुख जानकारी दी गई है, नियमतः यह पूरी तरह आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है।
कायदे से श्रम विभाग को यह बोर्ड खुद हटवा लेना चाहिए था, अथवा जिला प्रशासन स्वयं इस बोर्ड को हटाने के लिए पहल करता, पर आज आचार संहिता लागू हुए पूरे 18 दिन बीत गये, पर न तो श्रम विभाग ने और न ही जिला प्रशासन ने इस महत्वपूर्ण जगह पर लगी बोर्ड को हटाया। ऐसे में श्रम विभाग और जिला प्रशासन ही खुद बताएं कि ऐसा करने से वह किसको फायदा पहुंचा रहा हैं, राज्य सरकार को, चुनाव आयोग को, बेहतर लोकतंत्र को या सत्तारुढ़ दल को।
विद्रोही24.कॉम को जैसे ही धनबाद परिभ्रमण के दौरान, 27 मार्च को इस बोर्ड पर नजर पड़ी, विद्रोही 24.कॉम ने इसकी फोटो ली और समाचार के माध्यम से आप तक पहुंचा दिया, अब क्या समाचार प्रसारित हो जाने के बाद भी जिला प्रशासन इन गड़बड़ियों को सुधारने का काम करेगा, या यह प्रचार-प्रसार का बोर्ड इसी तरह धनबाद के अम्बेडकर चौक पर नजर आता रहेगा।
हम आपको बता दें कि जिस स्थान पर यह बोर्ड लगा है, वह इलाका बहुत ही महत्वपूर्ण है और तिमुहाना होने के कारण इस बोर्ड पर हर व्यक्ति की नजर जाती है, चाहे वह पैदल हो या वाहन पर हो, पर जिला प्रशासन के अधिकारियों को अब तक इस बोर्ड पर नजर नहीं गई, ये उससे भी बड़ा आश्चर्य है। आम तौर पर जैसे ही चुनाव आचार संहिता लागू होता है, राज्य सरकार से संबंधित जो भी विज्ञापन विभिन्न स्थानों पर होते हैं, विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उन विज्ञापनों को वहां से हटा लेते हैं, पर धनबाद में ऐसा देखने को नहीं मिला।