भयमुक्त और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए राज्य के DGP और ADGP को तत्काल विरमित करे EC -झामुमो
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त को कल एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि विगत 30 जनवरी के पत्रांक संख्या JMM/0056/F-2/2018-19 के द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष एक प्रतिवेदन के द्वारा यह कहा गया था कि वर्तमान समय में झारखण्ड राज्य में पुलिस महानिदेशक के पद पर डी के पांडेय एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) के पद पर अनुराग गुप्ता पदस्थापित है।
भयमुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए तय आदर्श आचार संहिता में यह स्पष्ट उल्लेखित है कि तीन वर्ष या उससे अधिक समय तक पदस्थापित रहनेवाले किसी भी प्रकार के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारी का स्थानान्तरण चुनाव पूर्व सुनिश्चित कर ली जाय।
झामुमो नेता ने पत्र में यह भी कहा है कि उक्त दोनों पदाधिकारियों के संबंध में यह कई स्तरों पर स्पष्ट है कि वे सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी जैसे विशेष राजनीतिक दल के न केवल समर्थक रहे हैं, वरण उनका आचरण भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता के रुप में भी रहा है। आपके द्वारा उक्त पदाधिकारियों के संबंध में पूर्व के वर्ष 2016 में सम्पन्न राज्य सभा निर्वाचन के समय इनके आचरण पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिये गये थे।
लेकिन दुर्भाग्यवश राज्य सरकार में आपके द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया एवं विगत चार वर्षों से भी ज्यादा, वे अपने पदों पर पदस्थापित है। पुलिस महानिदेशक चूंकि राज्य के पुलिस विभाग का मुखिया होता है एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष शाखा) पुलिस विभाग का अत्यंत महत्वपूर्ण अंग होता है, जो प्रत्यक्ष तौर पर निर्वाचन संपन्न करवाने के दायित्व में रहता है।
झामुमो नेता ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि विषय की गंभीरता को देखते हुए, चुनाव आयोग इसमें अविलम्ब हस्तक्षेप करें और उक्त दोनों पदाधिकारियों को उनके दायित्वों से विरमित कर निष्पक्ष पदाधिकारियों को पदस्थापित करें, ताकि राज्य में 17वीं लोकसभा का निर्वाचन भयमुक्त व निष्पक्ष ढंग से संपन्न हो सके। झामुमो नेता ने इस पत्र की एक प्रति राज्य निर्वाचन आयोग को भी संप्रेषित की है।