आदिवासियों की विभिन्न संस्थाओं ने लोकतंत्र पर हो रहे हमले को लेकर खूंटी में की विशेष बैठक, जताई चिन्ता
28 मार्च को प्रेमनगर तोर रोड खूंटी में लोकतंत्र पर हो रहे हमले को लेकर, एक विचार विमर्श के लिए विभिन्न आदिवासी संगठनों ने एक बैठक बुलाई। इस बैठक का आयोजन आदिवासी अधिकार मंच, झारखंड जनाधिकार महासभा और जनतांत्रिक महासभा ने सयुंक्त रूप से किया। जिसमे खूंटी जिला के छः प्रखण्डों के ग्रामीणों ने भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षीय मंडल मे बी बी चौधरी, फादर स्टेन स्वामी, टाटा से मंथन, दीपक रंजीत, सीराज दत्ता, आलोका कुजूर, कल्याण नाग, सागू मुण्डा, बा सिंह हिस्सा, रायजी मुण्डा के अलावे गाँव के लगभग 30 से 35 लोग शामिल हुए।
इस बैठक मे निर्णय लिया गया की हर महीने सभी मिलकर अपने अधिकार को लेकर आपस मे शहर और गांव मे लगातार काम करेगे। इनका कहना था कि चूंकि आदिवासी समाज की समस्या पर सरकार ध्यान नही दे रही, ऐसे मे वे सभी अपनी मांगों के साथ लगातार संघर्ष करते रहेगे। सरहुल तक खुंटी के इलाके, सरकार का दमन रोकने के लिए, जन संगठनो से अपील के लिए, निवेदन करेंगे, तथा राजभवन के समक्ष धरना देगे। खूंटी मे चुनाव विशेष पर्यवेक्षक के द्वारा कराने की मांग के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखने के लिए जन संगठन निवेदन भी करेगे।
बैठक में सभी ने एक प्रस्ताव दिया, जिसमें निम्नलिखित बातें उल्लेखित थी। खूंटी के मामले में जन सुनवाई होना चाहिए। बाहर के मानवाधिकार संगठन को खूंटी भेजना चाहिए। 29 लोगो के उपर जो केस है उसकी वापसी की मांग आई। चुनाव के पहले एक डेलिगेशन चुनाव आयोग से मिलेगी। जिसके लिए एक टीम बनाया गया। यह टीम जल्द ही यानी 2 अप्रैल को कल्याण नाग, सागू मुण्डा, बा सिंह हस्सा, रामजी मुण्डा के नेतृत्व मे चुनाव आयोग से मिलने जाएगी। खूंटी मे फर्जी मुकदमे उठाने की मांग हूई। पुलिस दमन पर रोक लगाने की मांग की गई। खूंटी मे नेतृत्व के मसले पर स्थानीयता का सवाल प्राथमिकता का आधार होगा। हर महीने खूंटी के गांवों मे ग्राम सभा बैठक को नियमित करने का प्रयास होगा।