अर्जुन के हर कामों में साथ देनेवाली मीरा का जब पूरे राज्य में चलता है जादू, तो खूंटी में क्यों नहीं चलेगा?
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को खूंटी से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा की ओर से टिकट भी मिल चुका। अर्जुन अपने लक्ष्य को वेधने के लिए अपने रांची स्थित आवास से कब के निकल चुके। वे सर्वप्रथम खूंटी जाकर खूंटी के निवर्तमान सांसद करिया मुंडा से मिलते हैं, आशीर्वाद ग्रहण करते हैं और लीजिये करिया मुंडा भी अर्जुन मुंडा को वहीं भाव से ‘विजयी भव’ का आशीर्वाद देने से खुद को रोक नहीं पाते।
दोनों के उस वक्त के चेहरे देखते ही बन रहे और इन दोनों के चेहरों पर छूपे भाव को देख अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा भी भाव–विह्वल हुए नहीं रह पाई, ऐसे भी मीरा मुंडा भाव–विह्वल क्यों नहीं होगी? उनके पति को ‘विजयी भव’ का वरदान जो मिल चुका। इन दिनों झारखण्ड की यह ताकतवर महिला मीरा मुंडा, कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो गई है, वो अपने पति के साथ उस हर जगह पर जाना चाहती है, जहां उन्हें जाना जरुरी मालूम होता है, अर्जुन मुंडा भी शायद, मीरा मुंडा के हृदय में छुपे भाव को जानते हैं, वे उन्हें रोकते नहीं, वे उन हर जगहों पर ले जा रहे हैं, जहां उनका साथ होना वे जरुरी समझ रहे हैं।
कभी अर्जुन मुंडा के राजनीतिक सलाहकार रह चुके अयोध्या नाथ मिश्र बताते है कि इसमें कोई दो मत नहीं कि मीरा मुंडा एक उच्च कोटि की आदर्श महिला है, मैंने उन्हें बड़ों का सम्मान करना, गरीब बेटियों की पढ़ाई पर पैसे खर्च करना, उसकी शादी–ब्याह कराना, दर्जनों काम ऐसे तो हमने खुद देखे हैं। हमेशा लो प्रोफाइल में रहना, हम सीएम की पत्नी है, ऐसा घमंड नहीं करना, विपरीत परिस्थितियों में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहना, ये उनके व्यक्तिगत आदर्श लक्षण है, जो उन्हें विशेष बनाते हैं।
अयोध्या नाथ मिश्र के अनुसार, कहा भी गया है कि किसी भी पुरुष को आगे बढ़ाने में नारी की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता, ऐसे में अर्जुन मुंडा को ऊंचाई पर ले जाने में उनकी भूमिका को कोई कैसे नजरंदाज कर सकता है? वे यह भी कहते है कि तीरंदाज दीपिका को दीपिका बनाने में उनकी भूमिका को कोई भूला सकता है क्या?
पा–लो–ना की संचालिका मोनिका आर्या बताती है कि एक बार उन्हें मीरा मुंडा का साक्षात्कार लेने के लिए उनके पास जाना था, जब वो उनके आवास पर पहुंची तो उन्हें लगा ही नहीं कि वो मुख्यमंत्री की पत्नी से मिल रही है, कोई अहं का भाव नहीं, बिल्कुल सरल तरीके से मिलना, सामान्य महिलाओं की तरह मुस्कुरा कर सब की आवभगत करना, उन्हें बहुत प्रभावित किया था।
मोनिका आर्या बताती है कि एक समय था, जब अर्जुन मुंडा का समय गर्दिश में चल रहा था, तब भी उन्हें सामान्य भाव में वह दिखी, एक बार जब उनके पति अर्जुन मुंडा को वो सम्मान प्राप्त नहीं हो रहा था, जिसकी उनको जरुरत थी, और वैसे हालत में एक किसी कमेटी में उन्हें महत्वपूर्ण पद दिया गया, वो बिल्कुल उस पद को ठुकरा दी, यानी एक पति के सम्मान के लिए, सब कुछ का परित्याग करने की भावना, आज भी उनमें हैं।
वह बिल्कुल कह सकती है कि वो आदर्श महिला है। उनका दिल सामान्य लोगों के लिए खुब धड़कता है। मोनिका आर्या बताती है कि वो अपनी सास का भी बहुत आदर करती हैं, एक बार जब इंटरव्यू, वो उनका ले रही थी, तब उन्होंने अपनी सास के लिए कुछ शब्द कहे थे, “मां ने जो गांछ लगाया था, आज वो फल देनेलायक हो गया, अच्छा फल दे रहा है।” यानी सास के प्रति इतने सुंदर भाव, आज जरा अपने सास के प्रति किस बहू के अंदर क्या भाव चल रहा हैं? सबको पता है।
जमशेदपुर में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता भी मीरा मुंडा की गजब की फैन है, वह बताती है कि मीरा जी बहुत ही सरल, सहज और उतनी ही सुंदर है, जब भी कभी उनसे बातचीत होती है, तो उनकी सरलता स्पष्ट रुप से दीख जाती है। अन्नी मीरा मुंडा को लेकर बनाये समाचारों पर भी अपना पक्ष रखते हुए कहती है कि निःसंदेह वह एक बेहतरीन महिला है, और अब तो झारखण्ड की एक बहुत बड़ी महिला ताकत भी बन चुकी है।
खैर, ये तो रही उनकी बात, जिन्होंने कुछ पल या कुछ समय मीरा मुंडा के साथ बिताये, वर्तमान में खूंटी में क्या कर रही हैं मीरा मुंडा, वो हम बताना चाह रहे हैं। अर्जुन मुंडा तो खूंटी में चुनाव लड़ ही रहे हैं, परिस्थितियां उतनी सहज भी नहीं, पर परिस्थितियों को असहज से सहज बनाना, भारतीय नारियों का बाएं हाथ का खेल है, वे इसके लिए क्या नहीं करती। मंदिर जाना हो, लोगों की दुआएं लेनी हो, बड़ों का आशीर्वाद ग्रहण करना हो, वो इसमें ज्यादा रुचि दिखाती है, क्योंकि उन्हें पता है कि आशीर्वाद वो ताकत हैं, जो पत्थर पर भी फूल खिला देने की ताकत रखते हैं।
मीरा मुंडा, अपने पति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है, वह खूंटी के हर उस इलाके का भ्रमण कर रही है, जहां–जहां अर्जुन के पांव पड़ रहे हैं। वो बड़े ही सुंदर भाव से करिया मुंडा के पांव को छू रही है, ताकि उनके आशीर्वचन से उनका लक्ष्य निर्विघ्न रुप से प्राप्त हो।
मीरा मुंडा अपने पति के साथ खूंटी के आम्रेश्वर धाम स्थित भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करना नहीं भूलती, देवड़ी में स्थित मां देवड़ी मंदिर की पूजा अर्चना में ज्यादा समय लगाती है, और जब खरसावां पहुंचती है तो अपने पति के साथ वहां जाने को तैयार हो जा रही है, जहां सरहूल मिलन समारोह का आयोजन किया गया है, रास्ते में वे चलने के क्रम में अपने पति अर्जुन मुंडा को मिल रहे प्रेम व आदर से अभिभूत भी दिखती है।
फिलहाल वर्तमान में लोकसभा की इन 14 सीटों पर हो रही चुनाव में अब तक किसी भी उम्मीदवार की पत्नी ने इस प्रकार, अपने पति के लिए कदम से कदम मिलाकर चलने की कोशिश नहीं की, जो भी कर रहे हैं, वे अकेले कर रहे हैं, पर मीरा मुंडा ने ऐसा करके बहुत सारे मिथकों को तोड़ा है, इस भीषण गर्मी में भी विभिन्न मंदिरों व विभिन्न कार्यक्रम व राजनीतिक स्थलों पर पहुंचकर अपने पति का मनोबल बढ़ाना और हर जगह साये की तरह उनकी सेवा के लिए उत्सुक रहना, कोई महिला अगर सीखना चाहे तो वह मीरा मुंडा से सीख सकती है।
शायद यहीं कारण है कि एक भाजपा समर्थक नमिता, विद्रोही24.कॉम से कहती है कि मीरा मुंडा ने झारखण्ड के बहुत सारे गरीब बेटियों की मदद की है, उन्हें झारखण्ड का कौन लोग हैं जो नहीं जानता, ऐसे में खूंटी की जनता उन्हें कैसे मायूस कर सकती है, मतलब समझने की कोशिश कीजिये, ऐसे भी कांग्रेसवाले जिन्हें अभी टिकट देने की कोशिश कर रहे हैं, वे शायद ही अर्जुन मुंडा के समक्ष टिक पाएं।