मोदी जी, झारखण्ड को लेकर जहां-तहां झूठ न बोलें, नहीं तो झारखण्ड में BJP को भारी नुकसान होगा
भाई कमाल है, हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ये तो पता लगा लेते है कि किस सांसद की अपने इलाके में क्या स्थिति हैं? वह जीत पायेगा या नहीं, और उसके हिसाब से वे उसका टिकट भी कटवा देते हैं, और नये लोगों तथा दलबदलूओं को देखते ही देखते टिकट थमा देते हैं, पर जिस राज्य में उनकी सरकारें चल रही हैं, पता नहीं उसके लेखा-जोखा में धोखा कैसे खा जाते हैं? कुछ राजनीतिक पंडित तो कहते है कि पीएम मोदी के पास भाजपा शासित राज्यों की सरकारों का भी लेखा-जोखा होता है।
वे जानते है कि वहां उनकी स्थिति ठीक नहीं है, पर हमारे देश में जातिवाद एक ऐसा विष है, जिसके शिकार पीएम मोदी भी हो जाते है, अब जरा देखिये न, नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और झारखण्ड में रघुवर दास, ऐसे में पीएम मोदी अपने सजातीय रघुवर दास की कटु आलोचना कैसे कर दें? इसलिए वे इलाहाबाद में रहें, दिल्ली में रहे या ओड़िशा के सुंदरगढ़ में रहे, उनके जुबान से झारखण्ड सरकार के लिए शहद ही टपकती है, जबकि सच्चाई क्या है? जो झारखण्ड में रह रहा है, वो बखूबी समझ रहा है।
यहां तो लॉ एंड आर्डर की बात करें या विकास की बात करें, जो लूट का सिलसिला चल रहा हैं, वो तो थमने का नाम नहीं ले रहा। यहां का मुख्यमंत्री तो अपने बेटे की शादी में ही तीन-तीन जगह रिसेप्शन करा देता है, शायद पीएम मोदी जब दिल्ली में आयोजित रिसेप्शन में भाग लिये होंगे तो उन्हें लगा होगा कि जहां का मुख्यमंत्री ही तीन-तीन जगह अपने बेटे का रिसेप्शन कर रहा होगा, वहां की जनता तो निःसंदेह बहुत ही खुशहाल होगी, अरे छोड़िये सीएम रघुवर के बेटे के रिसेप्शन को, यहां तो एक विश्वविद्यालय सीएम रघुवर के बेटे की शादी में सीएम के प्रेस एडवाइजर को शामिल होने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए परीक्षा की तिथि तक बढ़ा देता है।
अरे प्रधानमंत्री जी, अपने ही थिंक टैंक माने जानेवाले सरयू राय से ही पूछ लीजिये न कि वे सीएम रघुवर दास के बारे में क्या सोचते है, अरे जरा अपने ही सीएम रघुवर दास से पूछिये न कि राज्य के आदर्श गांवों की क्या स्थिति है? जरा पूछिये न खूले में शौचमुक्त होने के बावजूद, रांची की बेटी दुष्कर्म का शिकार शौच जाने के क्रम में कैसे हो जाती है? पूरे देश में बिजली पहुंचा देने का दंभ भरनेवाले आप ही बता दें कि झारखण्ड में क्या सारे गांवों में बिजली पहुंच गई? आपके मुख्यमंत्री ने तो कहा था कि दिसम्बर 2018 तक अगर पूरे राज्य में 24 घंटे बिजली नहीं पहुंचाई तो वोट मांगने नहीं जायेंगे, क्या पूरे राज्य में 24 घंटे बिजली लोगों को मिल रही हैं, अगर नहीं तो वे किस मुंह से लोगों के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं?
आखिर राज्य के विभिन्न गांवों के 7000 स्कूलों में ताले क्यों लटकवा दिये गये? गांवों को कैशलेस डिजिकटल बनाने का दावा पूरे राज्य में दांत क्यों निपोड़ रहा? रांची के ही नगड़ी में डीबीटी योजना क्यों फेल हो गई? कृषि सिंगल विंडो सिस्टम का उद्घाटन जमशेदपुर में 24 अप्रैल 2016 को आपने ही शुरु किया था न, आपके द्वारा ये शुरु की गई योजना टांय-टांय फिस्स क्यों हो गई? बकोरिया में निर्दोष मासूमों को गोली का शिकार क्यों बनाया गया? और जब इसकी सीबीआई जांच की बात कोर्ट ने की तो मुख्यमंत्री ने सीबीआई की जांच रुकवानें के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा क्यों खटखटा दिया?
आखिर इनके राज्य में किसानों ने आत्महत्या क्यों की? बड़े पैमाने पर जल, जंगल, जमीन की लड़ाई लड़ रहे लोगों को देशद्रोह के मुकदमे में क्यों फंसा दिया गया? आखिर गोड्डा के ग्रामीणों से उनकी जमीन क्यों छीन ली गई? आदिवासी युवाओं को समय पर छात्रवृत्ति क्यों नही मिलती? पिछले पांच महीनों से चौकीदारों, सहियाओं, पारा-टीचरों के वेतन क्यों बंद है? और आप कहते है कि यहां के युवाओं को उनके राज्यों में नौकरी मिल गई? ऐसा झारखण्ड में कभी बोलियेगा भी नहीं, नहीं तो युवा जो थोड़ा बहुत आपको वोट देने की सोच रहा है, वो वोट के लिए भी आप तरस जाइयेगा।
और रही बात बेरोजगारी और पलायन तथा आपके सीएम रघुवर के विकास कार्यों को देखने की, तो आइये रांची, हम दोनों रांची जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर एक से लेकर पांच तक घुमेंगे और देखेंगे कि कैसे युवा दिल्ली, चेन्नई की ट्रेनों पर लटककर रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं, क्यों कैसा रहेगा? माफ करें, प्रधानमंत्री झूठ बोले, अच्छा नहीं लगता? और हां आपके होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यहां मोमेंटम झारखण्ड के नाम पर खुब हाथी उड़वाया है, जरां बताइयेगा कि ये हाथी कहां उड़ता है? ये उड़नेवाला हाथी कहां पाया जाता है, जाकर लाउंगा, क्योंकि हाल ही में मैं दादा बना हूं, अपनी पोती को दिखाऊंगा कि देखो ये उड़नेवाला हाथी है, जो पीएम मोदी व सीएम रघुवर दास के द्वारा झारखण्डियों को दिया गया अनुपम भेंट हैं।