चतरा में लालू का जादू बरकरार, लालू समर्थकों ने कांग्रेसी नेता धीरज साहू का किया घेराव
लालू प्रसाद जेल में रहे या लालू प्रसाद बाहर रहे, जो उनके समर्थक हैं, उन्हें क्या फर्क पड़ता है, वे तो आज भी लालू की आशिकी में उतने ही दिवाने हैं, जितने कल थे। चूंकि चतरा सीट महागठबंधन में हुए समझौते के अनुसार कांग्रेस को मिली है, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल ने भी यहां से अपना उम्मीदवार सुभाष यादव को खड़ा कर दिया है। राजद का कहना है कि चतरा में उसकी अच्छी पकड़ हैं, और यहां से वह बिना किसी के समर्थन के भी आराम से जीत सकता हैं।
इधर कांग्रेस के लोगों ने कई बार राजद के नेताओं को मनाने की कोशिश की, पर वे नहीं मानें, अंततः तय हुआ कि यहां कांग्रेस और राजद के बीच दोस्ताना फाइट होगी, पर यहां लग नहीं रहा कि दोस्ताना फाइट होगा, यहां संघर्ष की सारी तैयारी हो गई है।
सूत्र बताते है कि आज ही पांकी मस्जिद चौक के पास राष्ट्रीय जनता दल के समर्थकों ने कांग्रेसी नेता धीरज प्रसाद साहू का घेराव किया। घेराव में विरोध के स्वर ऐसे बुलंद हुए जैसे लगा कि मार-पीट तक हो जायेगी, तनाव तथा मामला आगे न बढ़े, धीरज साहू ने मौके की नजाकत को देखते हुए निकल जाना ही बेहतर समझा।
राजद समर्थक नेता व कार्यकर्ता, इस दौरान लालू यादव जिंदाबाद, सुभाष यादव जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, साथ ही कह रहे थे कि जब राजद ने अपना उम्मीदवार यहां दे दिया तो आखिर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी यहां से क्यों उतारें? ज्ञातव्य है कि कांग्रेस ने यहां से मनोज यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो आज का यह दृश्य किसी भी प्रकार से आनेवाले समय के लिए शुभ संकेत नहीं हैं, यहां लड़ाई त्रिकोणात्मक होना तय है, फिलहाल यहां से कौन जीतेगा, कुछ कहा नही जा सकता, पर जैसे-जैसे समय बीतेगा, वैसे-वैसे स्थिति भी स्पष्ट हो जायेगी, पर आज की यह घटना, फिलहाल तीसरे स्थान पर चल रहे सुभाष यादव के लिए निश्चय ही संजीवनी का काम करेगी, उन्हें आज जरुर लगा होगा, कि लालू यादव की आज भी तूती बोलती है, ऐसे में जब लोग लालू प्रसाद के साथ हैं, तो निश्चय ही वोट भी लालू के नाम पर, उन्हें ही शिफ्ट होंगे।
राजनीतिक पंडितों की माने तो यहां कांग्रेस और राजद दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं, ऐसे में महागठबंधन में राजद और कांग्रेस को छोड़कर, शामिल अन्य दलों के नेता शायद ही यहां इनदोनों में से किसी एक का प्रचार करने के लिए अपना समय दे पायेंगे, ऐसे में कांग्रेस और राजद दोनों को अपने-अपने तरीके से जीत की तैयारी करनी होगी, और ऐसे में सफलता किसे मिलेगी, कहना मुश्किल है?