JMM MLA सीमा देवी ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को लिखा पत्र, हिन्डालको मुरी में हुई घटना की CBI जांच कराने की मांग
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की सिल्ली विधायक सीमा देवी ने आज राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर, गत 9 अप्रैल को हिन्डाल्को मुरी के कास्टिक तालाब में हुए हादसे की सीबीआइ जांच कराने तथा सभी दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। विधायक सीमा देवी ने अपने पत्र के माध्यम से, राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों को निम्निलिखित बातों की ओर ध्यान भी आकृष्ट कराया है।
सीमा देवी का कहना है कि हिन्डालको द्वारा 100 एकड़ जमीन में बनाये गये कास्टिक तालाब जिसमें 500 फीट ऊंचाई तक घातक कास्टिक रेड मड जमा किया गया है, इसको यहां से हटाने के लिए, उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन को चार माह पूर्व पत्र लिखी थी और खतरे से आगाह भी किया था, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा इसे उच्चस्तरीय सुरक्षित स्थल बताकर उनकी मांग को खारिज कर दिया गया। जिसका परिणाम यह हुआ कि गत 9 अप्रैल को यह कास्टिक टिला पूरी तरह जमीदोंज हो गया, जिसके लिए फैक्ट्री प्रबंधन को हादसे का दोषी मानते हुए, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाय।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस ठेका कंपनी को इस कास्टिक तालाब के चारो ओर दिवार बनाकर घेरने का ठेका दिया गया है, उसे अविलम्ब गिरफ्तार कर, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये। सीमा देवी ने कहा है कि लगभग 100 एकड़ में फैले जहरीले कास्टिक मड को दो माह के अंदर पूरी तरह यहां से हटाई जाय, क्योंकि बारिश के आने पर समुचा कास्टिक आस-पास के हजारों एकड़ क्षेत्र में बहकर बर्बादी फैलायेंगे, साथ ही साथ इसके बगल में बहनेवाली स्वर्णरेखा नदी में कास्टिक बह कर चले जाने से इसका दुष्प्रभाव 450 किलोमीटर तक के स्वर्णरेखा नदी क्षेत्र में पड़ेगा और इसकी जद में चांडिल डैम भी आ जायेगा।
सीमा देवी का कहना है कि इस दुर्घटना का दोषी प्रदूषण विभाग भी है, जो हिन्डालको को हमेशा इस खतरनाक कास्टिक तालाब के लिए क्लीन चिट देता रहा है, पर कानूनी कार्रवाई कभी नहीं किया, इसलिए प्रदूषण विभाग के खिलाफ भी कार्रवाई की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि यहां वर्षों से खेतों में कास्टिक युक्त मिट्टी जाने से बड़ा क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जिसकी जानकारी कृषि विभाग को भी थी, लेकिन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने हिन्डालको को क्लीन चिट देने में ज्यादा दिमाग लगाया।
सीमा देवी ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जिस रेल लाइन के बगल में पांच सौ फीट ऊंचा खतरनाक कास्टिक का विशाल टीला खड़ा हो गया, वह रेल विभाग भी इस पर मौन साधे रहा। सीमा देवी का कहना है कि इस हादसे में कितने श्रमिकों की मौत हुई है, इसका आंकड़ा अब तक हिन्डालको द्वारा नहीं बताया गया है, क्योंकि यहां काम करनेवाले दैनिक मजदूरों का आंकड़ा फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा नहीं रखा जाता है। यह सब श्रम विभाग के भ्रष्ट अफसरों के मिलीभगत से वर्षों से होती रही है, पर कानूनी कार्रवाई की जाय।
सीमा देवी ने कहा कि हिन्डालको में सैकड़ों डम्फर, हाइवा बगैर लाइसेंस-परमिट के चलते है, जिसके कारण हादसे में लापता वाहनों का आकड़ा पता नहीं चल रहा है, यह सब परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से होती रही है, इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये।