कार्यकर्ताओं को दलाल और गुंडा कहनेवाले राज्य के मुखिया भ्रष्टाचारियों को बगल में बिठाते हैं – कटारुका
रांची से लेकर नई दिल्ली तक चौकीदारों की फौज हैं, फिर भी घोटाले, बड़े-बड़े घोटाले। ऐसा लगता है कि भविष्य में सबसे भ्रष्टतम राज्य का तमगा झारखण्ड के पास ही होगा। भ्रष्ट अधिकारियों, ठेकेदारों, सप्लायरों और जिम्मेदार लोगों को न तो सरकार का डर है और न ही जांच एजेंसिंयों सहित न्यायालय का डर है, तभी तो सब कुछ ये निडरता के साथ कर रहे हैं। ये उद्गार है भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्टी प्रवक्ता, प्रेम कटारुका के, जो राज्य में उपर से लेकर नीचे तक व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर सरकार से इन दिनों खफा है।
उनका कहना है कि उनकी सरकार से गुजारिश हैं तथा राज्य के उन ईमानदार अधिकारियों से अपील भी, कि वे ऐसे लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें, गिरफ्तार करें तथा उन्हें जेल भेजे। प्रेम कटारुका का कहना है कि कितने दुर्भाग्य की बात है कि रिम्स चार लाख की डेंटल चेयर 54 लाख और 45 लाख की मोबाइल वैन लगभग दो करोड़ रुपये में खरीद लेती हैं, और ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कुछ भी नहीं होता।
सोशल साइट पर अपनी खीझ निकालते हुए प्रेम कटारुका ने एक व्यक्ति विशेष के सवाल के जवाब में यह भी कहा कि कौन नहीं जानता है कि ऐसे लोगों को संरक्षण कौन दे रहा है, जिस राज्य का मुखिया पार्टी कार्यकर्ता को दलाल और गुंडा बताकर जेल भेजने की घोषणा सार्वजनिक रुप से करता है एवं भ्रष्टाचारियों को बगल में बैठाता हैं, वहां ऐसे लोग बड़े-बड़े घोटाले सीना ठोक के करेंगे ही, सो कर रहे हैं।
झारखण्ड सिविल सोसाइटी से जुड़े आर पी शाही तो साफ कहते है कि, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी ही जिस दल को समर्पित कर दिया, जब उनकी बातें भी अनसुनी कर दी जाये, तब तो क्लियर है कि कहीं न कहीं अनिष्ट की आशंका से अब इनकार नहीं किया जा सकता।
झारखण्ड सिविल सोसाइटी की सदस्या अन्जना वर्मा बड़ी ही व्यंग्यात्मक रुप से टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास को भ्रष्टाचार का नया रिकार्ड बनाने के लिए उन्हें बधाई दे दी, पर क्या इतना होने के बावजूद मुख्यमंत्री रघुवर दास के कानों पर जू रेंगेगी, फिलहाल हमें तो नहीं दिखाई देता।