केन्द्रीय सरना समिति घृणा न फैलाएं, प्रधानमंत्री किसी दल का नहीं, पूरे देश का होता है, सम्मान करना सीखें
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् से संम्बद्ध केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर धरती आबा बिरसा मुंडा के वंशजों का अपमान करने का आरोप लगाया है, साथ ही उन्होंने यह भी कह डाला कि भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर उनके द्वारा माल्यार्पण सिर्फ दिखावा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी के हक अधिकार, जल–जंगल जमीन उनकी सुरक्षा कवच के रुप में बने संवैधानिक अधिकारों के साथ छेड़–छाड़ करनेवाली भाजपा सरकार का सभी आदिवासी समुदाय विरोध करता है।
केन्द्रीय सरना समिति के महासचिव संतोष तिर्की के अनुसार आज केन्द्रीय सरना समिति के नेतृत्व में पूर्वाह्न 11.30 बजे सात मौजा के पाहनों एवं विभिन्न सामाजिक, धार्मिक संगठनों के द्वारा आदिवासी रुढ़िवादी परम्परा के अनुरुप धरती आबा बिरसा मुंडा की प्रतिमा का शुद्धिकरण पारम्परिक रीति–रिवाज रानु पानी से किया जायेगा।
अब सवाल उठता है कि इस प्रकार के कार्यक्रम करने से किसको क्या फायदा मिलनेवाला हैं, क्या इससे समाज में कटुता पैदा नहीं होगी? क्या यह देश के प्रधानमंत्री का अपमान नहीं, क्या देश के उन 130 करोड़ जनता का अपमान नहीं, जिसका नेतृत्व प्रधानमंत्री कर रहे हैं। लोकतंत्र में विरोध, अगर विरोध की तरह हो, तो ठीक है, पर इसके नाम पर घृणा का वातावरण तैयार करना, वह भी सरना के नाम पर ये सब कार्य हो, तथा प्रधानमंत्री को अपमानित करने के लिए इसे किये जाये, इसे कोई भी सभ्य व्यक्ति या सभ्य समाज किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहरा सकता।