प्रशासन ने ठीक किया जो बिरसा की प्रतिमा के शुद्धिकरण पर रोक लगाया, नहीं तो इससे पूरे देश का अपमान होता
रांची जिला प्रशासन ने ठीक ही किया, कि भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के शुद्धिकरण के लिए आये केन्द्रीय सरना समिति को ऐसा करने से मना कर दिया, नहीं तो यह देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ही नहीं, बल्कि देश के 130 करोड़ जनता का अपमान होता, क्योंकि प्रधानमंत्री किसी व्यक्ति विशेष या दल का नहीं होता, बल्कि पूरे देश की जनता का प्रतिनिधि होता है।
आजकल जिसे देखो, वहीं हर बात में राजनीति ले आ रहा हैं, जो लोग कल भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का शुद्धिकरण के लिए, रांची के बिरसा चौक पहुंच गये थे, यहीं लोग हाय तौबा मचा देते, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एयरपोर्ट से बिरसा चौक तक रोड शो तो करते, पर भगवान बिरसा को श्रद्धांजलि नहीं दे पाते। अर्थात् कहने का मतलब, पीएम मोदी को किसी में चैन नहीं, अरे भाई वो प्रधानमंत्री हैं, उनका सम्मान करिये, जब प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे और उनकी किसी बात की तकलीफ होगी, तो आप जो चाहे वो करें, कौन मना कर रहा है?
ये सामंतवादियों वाली प्रवृत्ति प्रतिमाओं का शुद्धिकरण करने/कराने की मनोवृत्ति कब से पैदा हो गई। आदिवासियों का हृदय तो बहुत विशाल होता हैं, वे सभी को अपनाते हैं, यहां घृणा कौन फैला रहा है, इसे देखना होगा, क्योंकि इस पर रोक लगाना अभी से जरुरी हैं, नहीं तो ये विषवेल पूरे झारखण्ड के सम्मान को प्रभावित करेगा।
ज्ञातव्य है कि 23 अप्रैल को पीएम नरेन्द्र मोदी रोड शो के दौरान भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि देकर, अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसे लेकर केन्द्रीय सरना समिति ने अंगूली उठा दी और 24 अप्रैल को भगवान बिरसा की प्रतिमा को शुद्धिकरण करने का ऐलान कर दिया, पर रांची जिला प्रशासन की बुद्धिमता से ये संभव नहीं हो सका, सचमुच रांची जिला प्रशासन ने इस प्रकरण पर अच्छी भूमिका निभाई।
नहीं तो, अगर शुद्धिकरण का रस्म पूरा हो जाता तो पूरे देश में झारखण्ड की बेइज्जती हो जाती, सभी यह कहते कि यह कैसा राज्य हैं, जहां एक प्रधानमंत्री द्वारा किसी प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित कर देने से वह प्रतिमा अपवित्र हो जाती है, और हम इस प्रश्न का क्या जवाब देते? राजनीति करिये, पर राजनीति किसके लिए, किसको आगे करके, इसका भी ख्याल रखिये, नहीं तो आनेवाले समय में आपके पास पोस्टर–बैनर रहेगा, पर लोग नहीं होंगे, इसे गांठ बांध कर रख लीजिये।