धनबाद में राहुल के रोड शो के दौरान PM मोदी का मुखौटा लगाये बच्चे को थाना प्रभारी ने लगाया थप्पड़
कल धनबाद में राहुल गांधी के रोड शो के क्रम में अपने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं में जोश व उत्साह भर रहे राहुल गांधी ने धनबाद के पुलिसकर्मियों में भी लगता है कि कांग्रेस के प्रति जोश व उमंग भर दिया, तभी तो न आव देखा न ताव, बैंक मोड़ थाना प्रभारी सुरेन्द्र सिंह ने पीएम नरेन्द्र मोदी का मुखौटा लगाये एक बच्चे के गाल पर जोर से एक थप्पड़ जड़ दिया, फिर क्या था, वह बच्चा उक्त पुलिसकर्मी के जोरदार थप्पड़ से विचलित हो गया, और पीएम मोदी के गिरे मुखौटे को संभाल कर वहां से चलते बना।
किसी नेता के कही पर आगमन होने पर, पुलिसकर्मियों पर उनकी सुरक्षा का भार रहता है, पर ये क्या एक बच्चे को थप्पड़ मारने से उक्त पुलिसकर्मी को क्या मिला? इस हरकत ने उस बच्चे में तो पुलिसकर्मियों के दिल में ऐसी नफरत पैदा कर दी कि वह जब तक जिन्दा रहेगा, नफरत ही करता रहेगा, आखिर उसका कसूर क्या था? कि उसके गालों पर थप्पड़ जड़ दिया गया।
इधर उक्त पुलिसकर्मी का कहना है कि वह भाजपा समर्थक को समझाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें कहा जा रहा था कि यह भाजपा का कार्यक्रम नहीं है, आप लोग बेवजह विरोध कर माहौल मत बिगाड़े, लेकिन लोग मान नहीं रहे थे, गाली-गलौज करने लगे, इसी दौरान ठेला-ठेली में एक को थप्पड़ लग गया, पर अगर वायरल वीडियो को देखे, तो साफ दिखता है कि उक्त पुलिस पदाधिकारी ने बड़ी ही निर्दयता से एक बच्चे को चुना और उसके एक गाल पर करारा तमाचा जड़ दिया।
वहां इस घटना को देख रहे कुछ लोगों का कहना था कि शायद उक्त पुलिसकर्मी को पता लग चुका है कि समय बदल रहा है, और कांग्रेस अब आनेवाली है, इसलिए अभी से ही उसने अपना काम करना शुरु कर दिया है, ताकि इसका फायदा कांग्रेस के शासन आने पर उसे मिले, क्योंकि एक बच्चे के गाल पर तमाचा मारना क्या बताता है , जबकि वह बच्चा भाजपा समर्थक भी नहीं था, वो तो ऐसे ही पीएम मोदी का मुखौटा लगाकर, राहुल गांधी के रोड शो को देख रहा था, उस बच्चे को न तो राहुल से मतलब है और न ही मोदी से।
हां, थाना प्रभारी ने खुद को बचाने के लिए बड़ी ही सावधानी बरत कर अपनी गलती छुपाने के लिए, उक्त बच्चे को भाजपा समर्थक बता दिया, जबकि उसी स्थान पर कई भाजपा के बड़े-बड़े स्वयंभू नेता मौजूद थे, जिस पर हाथ छोड़ने से बावेला मचना भी तय था, पर उक्त थाना प्रभारी ने एक बच्चे को थप्पड़ जड़ने में ही ज्यादा बुद्धिमानी दिखाई, जिसे किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता।
समर्थन की बात नही है है सर्। वो बच्चे ग्रुप में थे । और राहुल जी के नाम के पीछे बहुत गंदी गंदी गालिया निकाल रहे थे।
पुलिस वाले का थप्पड़ मारना जरा भी उचित नही है। पर क्या क्या उस छोटे से बच्चे के मुंह से गाली निकलना उचित है? क्या आपको नही लगता के बिते वर्षों मे नफरत इतनी ज्यादा बढ़ गई है के छोटे छोटे बच्चे भी गली देने लगे। ये जो घटना हुई मेरे सामने हुई। उस पुलिस वाले का थप्पड़ तो वो बच्चा भूल जाएगा। पर क्या जो नफरत उसके दिमाग मे डाली गई है , क्या उसे वो भूल पायेगा ?