मॉब लिंचिंग पर राज्यसभा में पीएम मोदी ने मुंह खोला, इधर रांची में दिखा विभिन्न संगठनों का जनाक्रोश
राज्यसभा में पहली बार पीएम नरेन्द्र मोदी ने झारखण्ड में हो रहे मॉब लिंचिंग पर अपनी बातें रखी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि झारखण्ड को मॉब लिंचिंग का अड्डा बताना सही नहीं, जो बुरा हुआ, उसे अलग से देखने की जरुरत है, पूरे झारखण्ड को बदनाम करने का हक हमें नहीं हैं, क्योंकि वहां भी सज्जनों की भरमार है, न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है, ज्ञातव्य है कि गत दिनों राज्यसभा में झारखण्ड में हो रहे मॉब लिंचिंग और एक खास समुदाय को बनाये जा रहे इसके शिकार को लेकर कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्य सरकार को संसद में घेरा था।
इधर पीएम नरेन्द्र मोदी राज्यसभा में कुछ भी कहे और राज्य में चल रहे अपनी सरकार को बचाने का कुछ भी प्रयास करें, पर राज्य की जनता पिछले साढ़े चार सालों में राज्य में हुए अब तक हुए मॉब लिंचिग और उससे राज्य की हो रही बदनामी से बेहद खफा है, आज भी राज्य में एक बहुत बड़ा बुद्धिजीवी वर्ग हैं, जो किसी भी हिंसा का मुखालफत करता है, पिछले दिनों सरायकेला-खरसावां में तबरेज के साथ जो कुछ हुआ, उसको लेकर यह वर्ग सड़कों पर उतर आया है, और राज्य सरकार को कटघरे में रख रहा है।
झारखण्ड में अब तक इरादतन 18 मॉब लिंचिंग के खिलाफ कई राजनीतिक-सामाजिक संगठनों ने आज राजभवन के समक्ष अपना आक्रोश जताया, धरना दिया। जिसमें बड़ी संख्या में साहित्यकार, सामाजिक-राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया और राज्य में बढ़ रही इस प्रकार की घटना पर रोक लगाने की मांग की। इन नेताओं ने एक स्वर से कहा कि इस प्रकार की घटना ने झारखण्ड को कहीं का नहीं छोड़ा है, सरकार कितना भी विकास-विकास कर लें, पर विकास तो कही दिखता नहीं, पर मॉब लिंचिंग ने पूरे देश में झारखण्ड के सम्मान की बांट जरुर लगा दी है।