रांची में मॉब लिंचिंग के विरोध के नाम पर हुई गुंडागर्दी के लिए प्रशासनिक अधिकारी दोषी – सीपी सिंह
राज्य के नगर विकास मंत्री सी पी सिंह कल रांची में मॉब लिंचिंग के विरोध के नाम पर हुई गुंडागर्दी से आक्रोशित है, उनका कहना है कि कल रांची में जो भी घटना घटी है, उसके लिए अगर कोई दोषी है, तो यहां के प्रशासनिक अधिकारी दोषी है, इसलिए सबसे पहले इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए कि इनके रहते इतनी बड़ी घटना कैसे घट गई? नगर विकास मंत्री सी पी सिंह ने आज विद्रोही24.कॉम से बातचीत के क्रम में ये बाते कही।
उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग के नाम का इजाद भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग और उनके समर्थकों ने किया हैं, जो जाति-धर्म के नाम पर मॉब लिंचिंग का इस्तेमाल करते हैं, जबकि होना यह चाहिए कि जिस किसी व्यक्ति के साथ मॉब लिंचिंग की घटना घटती हो, चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का क्यों न हो, उसका खुलकर विरोध करना चाहिए, पर यहां तो धर्म और जाति देखकर मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कल रांची में मॉब लिंचिंग के नाम पर जो कुछ भी हुआ, उसे सही नहीं ठहराया जा सकता, रैली के नाम पर लोग उधम मचाते रहे, लोगों को तबाह करते रहे और जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने जब रांची के एसडीओ से पूछा कि मेन रोड में जुलूस निकला है, क्या इसकी इजाजत है? एसडीओ ने कहा कि उन्होंने कोई इजाजत नहीं दी है और न ही कोई जुलूस निकला है, इसका मतलब क्या हुआ, एसडीओ ने उनसे झूठ बोला।
सीपी सिंह ने कहा कि जब वे मेडिका पहुंचे, जहां एक युवा जो कल की घटना के दौरान मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ था, जिसे चाकू गोद दिया गया था, उससे जाकर मिला तब जाकर स्थिति की भयावहता का पता चला। उन्होंने कहा दीपक नामक एक लड़के को पटक-पटककर मारा गया, यह पूछकर कि तुम हिन्दू हो, आखिर किसी के धर्म या जाति पूछकर, इस प्रकार की घटना को अंजाम देने से किसी को क्या मिल रहा है?
सी पी सिंह ने कहा कि यह सब शहर के अंदर हुआ, कही सुनसान जगह पर यह घटना घटती तो माना जाता कि सुनसान जगह पर घटी, पर यहां तो जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में घटना घट गई। यह पूछकर कि तुम हिन्दू हो, और उसे तीन-चार चाकू गोद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि रात में उनके पास फोन आया, एक युवा अपनी पत्नी को बचाने के लिए अपनी गाड़ी को छोड़कर भागा, आखिर पुलिस प्रशासन क्या कर रहा था?
उन्होंने कहा कि निश्चित रुप से उनका पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन पर आरोप है कि ये लोग बिल्कुल अकर्मण्य है, ऐसे लोगों से प्रशासन चल नहीं सकता, नहीं तो सबसे पहले उन लोगों पर ये कार्रवाई करें, जिन्होंने इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया। सी पी सिंह ने यह भी कहा कि जब वे मेडिका में उस युवक से मिलने गये, जिसे चाकू गोद दिया गया था, उसका कहना था कि जिसने उसे चाकू गोदा है, उसे पहचानता है।
पर जब उन्होंने रांची सदर थाना के इंस्पेक्टर से पूछा कि क्या उन्होंने मेडिका आकर घायल युवक के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की, तब उसका कहना था कि अभी वह युवक बयान देने की स्थिति में नहीं है, तब उन्होंने कहा कि उक्त युवक से तो उनकी खुब बात हुई हैं, वो बयान भी दे रहा हैं, इसका मतलब क्या है? इसका मतलब है कि पुलिस टाल-मटोल कर रही हैं, इसी से पता लग जाता है कि कि पुलिस का रवैया कैसा है?