जो भी आरएसएस-भाजपा के खिलाफ बोलता है, उसे RSS-BJP के लोग मुकदमे में फंसाते हैं – राहुल
भाजपा नेता एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज पटना पहुंचे, तथा पटना की एक अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। जहां उन्हें जमानत भी मिल गई। जमानत मिलने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि देश में एक नई परम्परा की शुरुआत हुई है, जो भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है, उससे बदला लेने की कवायद शुरु हो जाती है।
उन्होंने कहा कि वे देश के गरीब, किसानों-मजदूरों के लिए संघर्ष करने को दृढ़-संकल्पित है, जिसके लिए वे आज पटना में हैं। उन्होंने कहा कि विडम्बना देखिये, जो भी भाजपा-आरएसएस के खिलाफ आवाज बुलंद करता है, उसके खिलाफ अदालती मामले दायर कर, उन्हें निशाना बनाया जाता है, पर वे ऐसे मामलों में झूकनेवाले नहीं, उनकी ऐसे लोगों से लड़ाई जारी रहेगी।
दरअसल राहुल गांधी पर जो मुकदमे दायर किये गये हैं, वो मुकदमे दायर करनेवाले भी जानते है तथा राज्य की जनता भी जानती है कि राहुल गांधी ने अपने भाषण के क्रम में किस मोदी की चर्चा की थी, राहुल गाधी ने जिस मोदी का अपने भाषण में जिक्र किया था, वे मोदी थे – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बैंक धोखाधड़ी के आरोपी नीरव मोदी और आइपीएल के ललित मोदी, पर राहुल गाधी के इस बयान कि सभी चोरों के के उपनाम मोदी क्यों है?
इसे लेकर सुशील कुमार मोदी ने मानहानि का मामला दायर कर दिया, पर राहुल गांधी ने भाजपा के इन नेताओं के इस रवैये की कोई आलोचना नहीं की, बल्कि उनके इस मुकदमे को दृढ़ता से मुकाबला किया और वे संघर्ष कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों की माने, तो भाजपा के नेता अभी खुशफहमी में हैं, उन्हें लगता है कि वे जो कर रहे हैं, वे सही कर रहे हैं, पर उन्हें नहीं पता कि जनता का मूड बदलते देर नहीं लगता, जनता सब देख रही हैं, उसका सही गलत पर लिया जानेवाला निर्णय कब भाजपा को सांप सूंघा देगा, पता भी नहीं चलेगा, पर चूंकि सत्ता का मद हैं, वे इसमें चूर होकर, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल के नेताओं पर मुकदमे ठोके जा रहे हैं।
इधर कांग्रेस पार्टी के नेताओं व अन्य कार्यकर्ताओं ने पटना पहुंचते ही अपने नेता राहुल गांधी का भव्य स्वागत किया। राहुल गांधी से उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया, पर उनके इस अनुरोध पर वे मुस्कुराने से नहीं चूके, इधर बिहार के राजनीतिक पंडितों का कहना है कि वक्त किसे कब और कहां पहुंचा दें, कुछ कहा नहीं जा सकता, फिलहाल राहुल गांधी के सितारे अभी गर्दिश में हैं, पर हमेशा गर्दिश में ही रहेंगे, ऐसा हो नहीं सकता।