धर्म

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर परमहंस योगानन्द के प्रति भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत समन्वय दिखने को मिला योगदा सत्संग मठ रांची में

आषाढ़ पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा के अवसर पर योगदा सत्संग मठ में अपने गुरु परमहंस योगानन्द के प्रति भक्ति और श्रद्धा निवेदित करने के लिए भक्तों में अद्भुत समन्वय दिखने को मिला। इस  दौरान सभी ने एकताबद्ध होकर, अपने गुरु के चित्र के समक्ष भक्ति और श्रद्धा निवेदित कर, उनके बताये गये मार्गों पर आजीवन चलने का संकल्प भी लिया। आज बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने तथा विदेशों से आये योगदा भक्तों ने भक्ति की विशेष रसधारा में डूबकी लगाई तथा स्वयं को धन्य किया।

ऐसे भी योगदा भक्तों के लिए रांची का योगदा सत्संग मठ काफी मायने रखता है। जो भी योगदा भक्त, योगदा संत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया अथवा सेल्फ रियलाइजेशन फेलोशिप से जुड़ते हैं, उनकी इच्छा होती है कि वे रांची जरुर आये तथा अपने प्रिय गुरुदेव परमहंस योगानन्द द्वारा यहां बिताये गये महत्वपूर्ण पलों के साथ कुछ जीवन के पल यहां साझा करें, लोग बताते है कि यहां आकर उन्हें अद्भुत शांति मिलती हैं, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। कई ऐसे योगदा भक्त कहते हैं कि रांचीवासी धन्य है, जहां परमहंस योगानन्द जी ने अपने जीवन के कुछ वर्ष बिताये तथा यहां योगदा सत्संग सोसाइटी का गठन किया, जिसका लाभ वे ले रहे हैं।

आज बड़ी संख्या में योगदा सत्संग मठ में शिव मंदिर के पास योगदा भक्तों ने यहां के संन्यासियों के साथ यज्ञ-पूजा अर्चना में भाग लिया, परमहंस योगानन्द की भव्य आरती उतारी, तत्पश्चात पुष्पांजलि अर्पित कर विश्व कल्याण के लिए प्रार्थना की, तथा सभी के जीवन में ईश्वर प्रेम जगे, इसके लिए परमहंस योगानन्द जी से विशेष प्रार्थना की। इसके बाद सभी ने मिलकर प्रसाद ग्रहण किया।

लोग बताते है कि ऐसे तो दिव्य गुरु का आशीर्वाद जब भी मिल जाये तो उसके फायदे ही फायदे हैं, पर गुरु पूर्णिमा का मिला आशीर्वाद रुपी प्रसाद काफी मायने में अद्वितीय होता है, शायद यहीं कारण रहा है कि आज के दिन बड़ी संख्या में परमहंस योगानन्द जी जैसे दिव्य गुरु के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए लोगों का समूह योगदा सत्संग मठ में प्रातः से ही उमड़ता रहा।