ऋचा नहीं बांटेगी कुरान जायेगी हाईकोर्ट इधर सोशल साइट पर जज के फैसले पर लोग उठा रहे अंगूलियां
आम तौर न्यायपालिका के फैसले पर लोग चुप्पी साध लेते हैं, और उसे हार-पछता कर मानते ही है, पर कल रांची की एक अदालत द्वारा ऋचा भारती को कुरान बांटने के आदेश के बाद सोशल साइट पर बवाल है, लोग तरह-तरह के सवाल कर रहे हैं, इधर ऋचा भारती का कहना है कि वह कुरान नहीं बांटेगी और रांची सिविल कोर्ट से मिली सशर्त जमानत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देगी।
ज्ञातव्य है कि सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने कुरान की पांच प्रतियां बांटने के शर्त पर उसे जमानत प्रदान की थी, पर ऋचा भारती का कहना है कि अदालत का फैसला ऐसा है कि वह मान नहीं सकती, उसने फेसबुक पर कोई गलत पोस्ट नहीं किया।
इधर जज के फैसले को लेकर सोशल साइट पर बवाल जारी है, लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। राहुल व्यास का कहना है कि जैसा कि कल एक हिन्दू लड़की को माननीय न्यायालय ने कुरान बांटने को कह दिया, ऐसे कुछ मामलों में मुस्लिम युवाओं पर भी मामला दर्ज है, क्या उन्हें गीता बांटने को कहकर जमानत दी जायेगी।
शिव लाटा लिखते है कि जज साहब भूल से भी किसी मुस्लिम भाई को पांच रामायण बांटने की सजा देने की भूल मत कीजियेगा, वर्ना आपकी फजीहत सुनिश्चित है।
चिन्टू सोलंकी के अनुसार, सीआरपीसी की कौन सी धारा में लिखा है, जमानत लेने के लिए कुरान बांटनी पड़ेगी? मिलार्ड ने तो कोर्ट को ही इस्लाम प्रचार केन्द्र बना दिया।
प्रभाकर गिरिडीह से लिखते है कि पिठोरिया मामले में जज साहेब का कुरान बांटने का फरमान तो साम्प्रदायिकता को खत्म या इस पर सामंजस्य बिठाने के बजाय उन्हें खाद पानी दे गया। प्रभाकर लिखते है कि जब अभी एक वर्ग जयश्रीराम सुनने बोलने में अपनी धार्मिक भावना आहत होने की दुहाई देता हैं तो ऐसे में क्या किसी को उसके सम्प्रदाय जिसमें आस्था और आसक्ति जुड़ी हो, उसके इतर उसे कुरान बांटने का फरमान लिख देना क्या उस लड़की की धार्मिक भावना के खिलाफ नहीं है?
गौरव राज के पोस्ट को सुशील दूबे ने शेयर किया है, जिसमें लिखा है – अगर जबर्दस्ती जयश्रीराम बुलवाना लीचिंग लगता है तो एक हिन्दु से जबरदस्ती कुरान बंटवाना भी लींचिंग है हुजूर (जज साहेब)