लो जी, जुलाई भी खत्म हो गया, उस धमकी का क्या हुआ? जुलाई तक बिजली नहीं सुधरी तो सबको सुधार देंगे?
भाई, हमारे राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास, यह ढिंढोरा पीटते नहीं थकते, कि राज्य में डबल इंजन की सरकार है। उनका डबल इंजन की सरकार का मतलब होता है, कि केन्द्र और राज्य दोनों में भाजपा की सरकार है और यह राज्य बड़ी तेजी से विकास कर रहा है, इसी घमंड में वे पता नहीं विभिन्न बैठकों में क्या–क्या आदेश दे देते हैं, अधिकारियों को क्या चेतावनी दे देते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता।
इधर अखबार वाले अपने स्वभावानुसार, मुख्यमंत्री रघुवर दास की रघुवरभक्ति में इस प्रकार से जनता के बीच समाचार संप्रेषित करते हैं, जैसे लगता है कि अब तो क्रांति हो गई, इधर जुलाई खत्म और उधर जीरो पावर कट बिजली रांची में प्रारम्भ और देखते ही देखते पूरे राज्य में बिजली की स्थिति में जबर्दस्त सुधार, पर जो मुख्यमंत्री रघुवर दास की कथनी और करनी को जानते है, वे अच्छी तरह समझते है कि यहां कुछ होनेवाला नहीं, बस चीनी की चाशनी में डूबे सीएम रघुवर की भक्ति में डूबे समाचारों को पढ़ते जाइये और अपने दिल को तसल्ली देते जाइये।
याद करिये, कभी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि दिसम्बर 2018 तक 24 घंटे बिजली नहीं दे सका तो वे जनता के बीच वोट मांगने नहीं जायेंगे, दिसम्बर 2018 बीत गये, राज्य में कही भी 24 घंटे बिजली नहीं दिखी और उनका यानी मुख्यमंत्री रघुवर दास के संकल्प का हवा निकल गया, वे लोकसभा चुनाव में जनता के बीच वोट मांगने चले गये।
इधर एक बार फिर 12 जुलाई 2019 को रांची के सभी अखबारों के माध्यम से राज्य की जनता को पता चला कि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली अधिकारियों को हड़काया है कि जुलाई तक बिजली नहीं सुधरी तो सबको सुधार देंगे, तो सवाल अब जनता पूछ रही हैं, डबल इंजन की सरकार और राज्य के अब तक के सर्वाधिक शक्तिशाली मुख्यमंत्री रघुवर दास से कि जुलाई तो आज खत्म हो गया, क्या राजधानी रांची को जीरो पावर कट बिजली मिलनी शुरु हो गई।
क्या पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति में सुधार हो गया और अगर नहीं तो आपने आज कितने बिजली के अधिकारियों पर गाज गिराया, क्योंकि आपने तो कहा था कि आप सबको सुधार देंगे, भाई कब और कैसे सुधारेंगे? राज्य की जनता जानना चाहती है, या यह भी संवाद बड़बोलापन का भेंट चढ़ जायेगा, अगर ऐसा होता है, जैसा दिख रहा है कि होना तय है, आप जनता की नजरों से गिर जायेंगे और फिर वहीं होगा, वह लोकोक्ति तो आपको याद होगा ही, “पंडित जी अपने गये तो गये, जजमान को भी साथ लेकर चल गये” यानी आपने अपनी छवि तो गिराई ही, भाजपा की भी गत बनाकर छोड़ देंगे।
इसलिए यह अब आपके उपर है कि आप अपने वायदे या संकल्प को कैसे पूरा करते हैं, ऐसे मैं बता दूं कि रांची में ही एक ऐसा इलाका है, जहां का एक निवासी आपके नगर विकास मंत्री सीपी सिंह से मिला और कहा कि उसके इलाके में बिजली नहीं पहुंची हैं, खम्भे नहीं लगे हैं, आप विधायक हैं, और मंत्री भी, उसके इलाके में थोड़ा बिजली के खम्भे लगवा दीजिये, आज तक वहां बिजली का खम्भा लग ही रहा है, यानी आप हो या आपके नेता हो या आपके लोगों की वाणी हो, इस पर कोई कैसे विश्वास करें, फिलहाल आप लोगों पर तो सबसे बड़ा संकट विश्वास का ही है, कि लोग आप पर विश्वास करे तो कैसे करे?