अपनी बात

प्रभात खबर की “रघुवर भक्ति” और बिजली मुद्दे पर CM रघुवर के झूठ से परेशान झारखण्डवासी

गत् 12 जुलाई को झारखण्ड के सीएम रघुवर दास द्वारा बिजली से संबंधित बयान रांची के सभी प्रमुख अखबारों में दिखी थी, जिससे पता चला था कि राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली अधिकारियों को हड़काया था कि 31 जुलाई तक बिजली नहीं सुधरी तो सबको सुधार देंगे। सीएम रघुवर दास ने तो यहां तक कह दिया था कि 31 जुलाई के बाद से रांची में जीरो पावर कट बिजली देखने को मिलेगी। 

जबकि सच्चाई यह है कि कल यानी एक अगस्त को भी रांचीवासियों ने अंधेरे में अपना समय काटा, लेकिन सीएम रघुवर दास को शायद 12 जुलाई को छपे अपने बयान की शायद याद नहीं, हो सकता है कि वे अपने पिछले बयान की तरह भूल गये हो, जिसमें उन्होंने कभी कहा था कि दिसम्बर 2018 तक 24 घंटे बिजली नहीं दे सका तो वो वे वोट मांगने नहीं आयेंगे। लेकिन वस्तुस्थिति क्या है? सबको पता है।

कल रांची के बहुतेरे इलाके में बिजली दस से बारह घंटे तक लगातार कटी रही, और लोग बिजली नहीं रहने के कारण परेशान रहे, पर रांची से प्रकाशित एक अखबार प्रभात खबर, बिना सच जाने, जनता की राय जाने, इन सबसे अलग सीएम रघुवर दास और उनके बिजली विभाग का यशोगान छाप दिया। जरा देखिये, प्रभात खबर का पृष्ठ संख्या 3, अखबार ने हेडिंग क्या दिया है बिजली विभाग ने तय समय सीमा में पूरा कर लिया अपना टास्क। सब हेडिंग भी देख लीजिये सीएम ने रांची में अधूरे कार्यों को 31 जुलाई तक पूरा करने का दिया था निर्देश।

अब जरा इसके समाचार को पढ़िये, दो कॉलमों में प्रकाशित न्यूज में, अखबार लिखता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बिजली विभाग को 31 जुलाई तक अधर में लटके सभी कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया था। उनके निर्देश के बाद विभाग ने तय समय में इसे पूरा कर लिया। अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार ने सभी बिजली अधिकारियों से रिपोर्ट लेने के बाद कहा कि लोगों को निर्बाध बिजली सुनिश्चित करने के लिए गुरुवार से शहर के किसी भी हिस्से में पूर्व घोषणा के तहत बिजली नहीं काटी जायेगी, लेकिन सच्चाई यह रही कि राजधानी के लोग लगातार बिजली संकट को झेल रहे हैं, और मुख्यमंत्री के सारे दावे कि 31 जुलाई के बाद रांची को जीरो पावर कट बिजली मिलेगा, यह दावा भी पूर्व के दावे की तरह फेल हो गया।

बुद्धिजीवियों का मानना है कि हो सकता है कि अखबार की अपनी मजबूरियां रही होगी, उसे सीएम रघुवर दास में नूर नजर आता होगा, पर सच्चाई तो जनता झेलती है, एक अगस्त को जिस प्रकार बिजली की स्थिति राजधानी में रही, वो आनेवाले दिनों में भी रहेगी। चाहे सीएम रघुवर दास कुछ भी बोल लें, जनता को परेशान तो रहना ही हैं, सच्चाई तो यह भी है कि राजधानी के कई ऐसे इलाके हैं, जहां बिजली के खम्भे नहीं हैं। 

लोग बांसबल्लियों से बिजली के तार ले जा रहे हैं, लोग प्रतिदिन बिजली विभाग के अधिकारियों के पास जाते हैं, नाक रगड़ते हैं, पर कोई सुनता ही नहीं, बिजली विभाग के अधिकारी तो मंत्री तक की बात नहीं सुनते, विद्रोही24.कॉम के पास सबूत है कि नगर विकास मंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया और पूछा कि चुटिया कतारीबगान स्थित विन्ध्यवासिनी नगर के एक इलाके में बिजली के खम्भे कब तक लग जायेंगे, उधर से अधिकारी ने जवाब दिया, सर दस दिनों में लग जायेंगे। 

आज दस दिन पूरे हो गये, जरा जाकर देख लीजिये कि वहां क्या हाल हैंकहना यह है कि आखिर इन सभी झूठी बातों से किसका भला हो रहा हैं, जनता का, अखबार का, या सीएम रघुवर का, और अगर झूठ ही में आनन्द लेने का अखबार और सीएम रघुवर ने प्रण कर लिया हैं तो फिर इसकी बात ही अलग है।