धोनी के पांव शुभ है, क्रिकेट-मैदान में गये भारत की शान बढ़ गई और कश्मीर में गये तो 370 खत्म
क्रिकेटर धोनी के पांव बहुत ही शुभ हैं, जहां गये भारत की शान बढ़ी, काश ये पांव सेना के साथ कश्मीर में बहुत पहले से कदम मिला रहे होते… तो हमें लगता है कि देशवासियों को ये शुभ समाचार और पहले मिल गई होती। आज पूरा देश खुश है, खुश हो क्यों नहीं, कल वो हुआ, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी, जो कल तक आजादी–आजादी चिल्ला रहे थे, उन्हें सही मायनों में पीएम मोदी– गृह मंत्री अमित शाह के जोड़ी ने आजादी दिला दी।
खुद को अलग देश में रहने का ख्वाब पाले कुछ मुट्ठी भर कश्मीरी आतंकियों ने भारत की एकता एवं अखंडता पर बराबर चोट की और केन्द्र की सरकार को आंख दिखाते रहे, लेकिन मोदी–शाह की जोड़ी ने गजब ढा दिया और सबकी बोलती बंद कर दी, यहीं नहीं इस प्रकार से धारा 370 पर चोट दी, कि विपक्ष ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान भी हैरान रह गया। कल तक कश्मीर पर मध्यस्थता की बात करनेवाले अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प के सांप सूंघ गये।
पाकिस्तान तो हक्का बक्का रह गया, और ये सब हुआ MSD के चलते, आप एम का मतलब मोदी, एस का मतलब शाह और डी का मतलब डोभाल कहेंगे, पर जो क्रिकेट की दुनिया में हैं वे एमएसडी का मतलब महेन्द्र सिंह धोनी ही जानते है, कल तो सोशल साइट पर लोगों ने कश्मीर मुद्दे पर महेन्द्र सिंह धोनी को भी शुभकामनाएं देना शुरु कर दिया और कह डाला कि उनके पांव शुभ है, क्रिकेट में गये तो क्रिकेट में भारत की शान बढ़ाई और कश्मीर में सेना की वर्दी पहनकर अपना कार्य प्रारम्भ किया, लीजिये कश्मीरियों को सदा के लिए आजादी दिला दी।
इसमें कोई दो मत नहीं कि भारतीय परम्परा एवं संस्कृति में, जहां संयुक्त परिवार की धारणाएं काफी मजबूत में हैं, जहां एक कमाता है और दस बैठकर खाते हैं, वहां यहीं धारणा बलवती होती है कि कमाता अवश्य एक है, पर उसके साथ दस लोगों की सुंदर भावनाएं भी जुड़ी है, अगर वो भावनाएं जुड़ी न रहे, तो वह एक व्यक्ति कमा भी नहीं सकें, उस पर ईश्वरीय कृपा भी न हो, वो कमाने लायक भी न रहे।
शायद यहीं भावना महेन्द्र सिंह धोनी को लेकर झारखण्डियों और देश के दुसरे कोने में हैं, वे महेन्द्र सिंह धोनी को लकी मानते हैं, वे मानते हैं कि धोनी जहां भी रहेंगे, देश के लिए कुछ न कुछ अच्छा होगा, और लीजिये आज धोनी कश्मीर में सेना के साथ हैं, सेना के साथ कदमताल मिलाकर चल रहे हैं, अपनी सेवा दे रहे हैं, अब समाचार यह है कि कश्मीर से जुड़ा धारा 370 सदा के लिए समाप्त की खबर से पूरा देश आह्लादित है।
शायद इसीलिए वह जहां मोदी, शाह और डोभाल को याद कर रहा हैं, वहीं महेन्द्र सिंह धोनी को भी लोग उसी प्रकार याद कर रहे हैं, कुछ का तो कहना है कि अपना महेन्द्र सिंह धोनी ने देश को बहुत कुछ दिया, क्रिकेटर होते हुए सेना की वर्दी पहनकर देश–सेवा की वो मिसाल पैदा की, कि आनेवाले समय में देश का हर युवा कुछ समय निकालकर देश की सेना के साथ जुड़ना चाहेगा, क्योंकि वर्तमान में देश की सेना के साथ जुड़नेवाले सेलिब्रेटिज परिवारों के युवाओं की संख्या काफी कम है, जबकि अन्य देशों में बड़ी संख्या में लोग सेना के साथ काम करके खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
हमारे देश में भी एक समय था, जब देश की सेना में काम करनेवालों को सम्मान की नजरों से देखा जाता था, तथा उनके प्रति विशेष सम्मान प्रकट किया जाता था, पर आज वैसा नहीं। सेलिब्रेटिज तो सेना से खुद को दूर ही कर लिये हैं, पर महेन्द्र सिंह धोनी के इस आगाज से जरुर कुछ न कुछ असर दिखेगा। लोगों के ख्याल बदलेंगे।
कहा भी जाता है कि आप कुछ भी करते हैं, ये कोई करना नहीं हुआ, जब आप कुछ अलग हटकर करते हैं, तो इसे कुछ करना कहते हैं, महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेटर हैं, पर आज एक सैनिक के रोल में हैं, जो बताता है कि वह अन्य क्रिकेटरों से कुछ हटकर हैं, सचमुच इस महेन्द्र सिंह धोनी नामक युवा पर केवल झारखण्ड ही नहीं, पूरे देश को नाज है। बढ़ते रहो धोनी, बढ़ते रहे देश।