राजनीति

रघुवर सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए झामुमो का रांची में 19 अक्टूबर को बदलाव महारैली

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचना दी है कि दिनांक 19 अक्टूबर दिन शनिवार को रांची के मोरहाबादी मैदान में बदलाव महारैली सह आमसभा का आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया है। इस बदलाव महारैली में झारखण्ड ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी भारी संख्या में नेता, कार्यकर्ता और झामुमो के समर्थक सम्मिलित होंगे। यह रैली वर्तमान राज्य सरकार के मूलवासीआदिवासी विरोधी मानसिकता एवं गलतनीतियों के विरोध में तथा रघुवर सरकार को झारखण्ड से समूल उखाड़ फेकने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

इसकी जानकारी देते हुए झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्ववाली भाजपा नीत राज्य सरकार झारखण्ड के आम जनों के हितों की अनदेखी कर पूंजीपति वर्ग के हाथों की कठपुतली के रुप में कार्य कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सीएनटीएसपीटी एक्ट, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन, स्थानीय एवं नियोजन नीति, श्रम कानून, विद्यालयों के विलय के साथसाथ बंद करने का निर्णय एवं और भी कई तरह के निर्णयों के गलत निर्धारण से झारखण्ड के मूलवासीआदिवासियों के हक को मारा जा रहा है।

रोजगार नहीं मिलने के कारण युवाओं में पलायनवादी संस्कृति और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सरकार के गलत नीतियों के कारण झारखण्ड के छात्रों का बौद्धिक विकास का मार्ग अवरुद्ध हो गया है। किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, भूख से मौते हो रही हैं, जनवितरण प्रणाली पुरी तरह से फेल है। राज्य में बिजलीपानी के साथसाथ कानून व्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है. रघुवर सरकार राज्य में आम जनों को बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाने में सक्षम नहीं है। सरकार के विकास के वादे अखबारों के पन्नों, बड़ेबड़े होर्डिगों पर, बिजली के खम्भों पर, या फिर टीवी और रेडियो पर ही सीमित रह गये है।

लम्बे संघर्ष एवं हजारों साथियों के बलिदान के पश्चात् झारखण्ड राज्य अस्तित्व में आया। झारखण्ड गठन का मूल उद्देश्य ही जलजंगलजमीन की रक्षा एवं स्थानीय लोगों का उत्थान करना था। रघुवर सरकार झारखण्ड गठन के मूल उद्देश्य से भटक कर मुट्ठी भर पूंजीपतियों के हाथ झारखण्ड को बेचने पर आमदा है। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा झारखण्ड के आंदोलन के शहीदों की शहादत एवं आंदोलन में हताहत हुए आंदोलनकारियों के जज्बे को बेकार नहीं जाने देगा।