लो जी अपने CM रघुवर दास, अब ‘ख़ुदा’ भी हो गये, TEAM PRD(CMO) ने जारी किया प्रेस रिलीज
लो जी, अब तक अपने मुख्यमंत्री जो “रघुवर दास” के नाम से जाने जाते थे, अब वो ख़ुदा भी बन गये और ये ख़ुदा बनाने का काम किया, झारखण्ड की टीम सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग (मुख्यमंत्री कार्यालय) ने, जरा आज Team PRD(CMO) द्वारा जारी इस समाचार को सबसे पहले ध्यान से पढ़िये, आपको सब पता लग जायेगा। आखिर वह समाचार क्या है? जरा इसे देखिये…
ख़ुदा बन कर आये मुख्यमंत्री – मुफ़ीज़
मुख्यमंत्री सचिवालय रांची
प्रेस विज्ञप्ति – 513/2019
12 अगस्त 2019
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट, रांची
मुख्यमंत्री जी शुक्रिया आपके प्रयास से आज मेरा भाई ढाई साल बाद मिल गया – ख़ुर्शीद
ख़ुदा बन कर आये मुख्यमंत्री – मुफ़ीज़, रांची।
ख़ुर्शीद के पांव आज एक जगह टिक नहीं रहे थे... वह एयरपोर्ट से बाहर आने वाले लोगों को बड़ी बेसब्री से देख रहा था… लेकिन उसकी आंखें अपने भाई मुफ़ीज़ को ढूंढ रहीं थीं… और वह पल आ भी गया... जब मुफ़ीज़ उसे नजर आया… दौड़ता हुआ ख़ुर्शीद अपने भाई मुफ़ीज़ के गले लग गया… भाई को आंखों के सामने देख खुर्शीद के आंसू छलक गए... बरबस रुंधे गले से बोला… ईद–उल–अजहा मुबारक भाई जान… फिर क्या था दोनों भाई, ऐसे गले मिले मानो वर्षों बाद मिल रहें हों... सच भी तो था आज पूरे ढाई साल बाद यातनाओं और मुसीबतों को झेल कर खुर्शीद का भाई मुजीब उसके सामने खड़ा था… वह भी बकरीद जैसे मुबारक दिन में…. बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर इस नजारे को देख सभी खुश थे।
जहन्नुम जैसी जिंदगी हो गई थी
मुफ़ीज़ ने बताया कि 2017 में वह दुबई गया था। यह सोचकर कि कुछ पैसे कमाकर वह वतन अपने परिवार को भेजेगा पर ऐसा हुआ नहीं। एक वर्ष तक किसी तरह काम करने के बाद जब उसका अनुबंध समाप्त हुआ, तो उसने घर वापसी करना चाहा। लेकिन उससे जबरन काम लिया जाता रहा। अपराधी और गुलामों जैसा व्यवहार उसके साथ उसका मालिक मोहम्मद जहिया हुसैन करने लगा। एक दिन किसी तरह वह जहिया के चुंगल से निकल गया।
लगाया चोरी का आरोप और दर्ज करा दिया मामला,
ख़ुदा बन कर आये मुख्यमंत्री
काम छोड़कर भाग जाने के बाद मुफीज के मालिक ने उस पर चोरी का आरोप लगाया। सऊदी अरब की पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर छोड़ भी दिया। लेकिन पुलिस लगातार उससे पूछताछ करती रही। मुफीज ने बताया कि किसी तरह किराये के घर पर उसने 4 महीने व्यतीत किये जो किसी जहन्नुम से कम नहीं था। फिर अपने परिवार वालों को अपनी आपबीती सुनाई और परिवारवालों ने राज्य के मुख्यमंत्री तक मेरी पीड़ा को पहुंचाया। देखते ही देखते मुख्यमंत्री जी ने पहल की और आज मैं अपने घर आ गया। मुझे वतन वापसी की उम्मीद नहीं थी… मुख्यमंत्री जी खुदा बन कर आये। मुख्यमंत्री के आप्त सचिव श्री के पी बालियन ने भी मेरी बहुत मदद की है।
चोरी का आरोप गलत साबित हुआ
मुफिज ने कहा कि उसपर लगा चोरी का आरोप गलत साबित हुआ। मोजन अली मुझे लेकर गया था। उसने गलत ढंग से मेरे कागजात बनवाये थे। वह भी मेरी परेशानी का सबब बना। मैं तो लोगों से अपील करुंगा अपने वतन में काम करो। लेकिन गैर वतन जाकर कभी काम मत करो।
मुख्यमंत्री जी आपको शुक्रिया, आपने मुझे भाई से मिलवाया
मुफ़ीज़ के भाई ने बताया कि वर्ष 2017 में मुफ़ीज़ सउदी अरब काम करने गया था। वह एक कुशल मैकेनिक है। उसे लेकर जाने वाला उसके दोस्त ने काम का आफर दिया था। लेकिन वहां जाकर उसे पता चला कि उसे बताया गया वेतन नहीं मिल रहा है और अधिक काम लिया जा रहा है। लेकिन 1 वर्ष का अनुबंध होने की वजह से मुफीज चुप रहा। जब एक वर्ष 2018 में पूरा हुआ तो उसने रांची वापसी की गुहार लगाई। बावजूद इसके उससे जबरन काम कराया जाता रहा। इसके बाद हमलोगों ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई और उन्होंने हमारे भाई की वतन वापसी करवाई। शुक्रिया मुख्यमंत्री जी
*Team PRD(CMO)*
अब सवाल उठता है, कि क्या सचमुच हमारे मुख्यमंत्री ख़ुदा हो गये? इसकी जानकारी हमने जुटानी शुरु की। जब हमारे तक टीम पीआरडी(सीएमओ) की यह खबर पहुंची, तब मैंने उक्त व्यक्ति को फोन लगाया कि आपने जो यह समाचार व्हाट्सएप पर एक ग्रुप में भेजा है, उसकी सच्चाई क्या है, क्या सचमुच उस व्यक्ति ने कहा था कि ख़ुदा बन कर आये मुख्यमंत्री, जिसके हवाले से आइपीआरडी ने इस समाचार को रिलीज किया।
उस व्यक्ति का कहना था कि दुनिया का कोई मुसलमान किसी भी इन्सान की ख़ुदा से तुलना नहीं कर सकता, पर जिस व्यक्ति की बात यहां आ रही हैं, वो उसका रिश्तेदार लगता है, जब उसने इस संबंध में बातचीत की, तब वह इस बात को स्वीकार किया था कि उसने ऐसा कहा, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि उससे यह गलती हो गई, उसे ख़ुदा की जगह फरिश्ता कहना चाहिए था। इधर जब हमने विडियो खंगाले, जो आइपीआरडी ने जारी किये हैं, जो हमारे तक पहुंचे, उस विडियो में कहीं कोई ऐसी बात नहीं हैं, जिसमें यह कथन हो कि उसने ऐसी बात कही “ख़ुदा बन कर आये मुख्यमंत्री।”
अब राजनीतिक पंडितों व इस्लाम के जानकारों का कहना है कि अगर किसी ने ऐसा कहा तो भी जिस विभाग ने यह समाचार जारी किया, उसे ऐसी बात लिखने से बचना चाहिए था, क्योंकि ख़ुदा की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। हो सकता है कि वह गरीब, हालात को देखते हुए, कुछ कह दिया हो, पर मुख्यमंत्री को जिस प्रकार से ख़ुदा बनाने की कोशिश आइपीआरडी ने कर दी, वह बताता है कि आइपीआरडी को या तो ज्ञान नहीं, या खरखाही में उसने ऐसी बात लिख दी, जो किसी भी इस्लाम धर्मावलम्बी को अच्छा नहीं लगेगा, खुद को ख़ुदा समझने की कोशिश तो कोई न करें, क्योंकि ख़ुदा को ये सब पसन्द नहीं, पर जिस प्रकार से इस समाचार में मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए ‘ख़ुदा’ शब्द का प्रयोग किया गया, उसकी जितनी निन्दा की जाय कम है।
विद्या बिनु विवेक उपजाए..।।
सब साधे सब जाए..
अति सर्वत्र वर्जयेत