राहुल-प्रियंका के कश्मीर पर दिये गये बयान से पाकिस्तान की ‘भागते भूत की लंगोटी काफी’ जैसी हाल
राहुल गांधी का यह बयान कि केन्द्र सरकार की विपक्ष के नेताओं और मीडिया के लोगों को श्रीनगर जाने का प्रयास करते समय प्रशासनिक क्रूरता और जम्मू–कश्मीर के लोगों पर किये जा रहे बल के बर्बर प्रयोग का उन्हें ऐहसास हुआ, दूसरी ओर प्रियंका गांधी का यह बयान कि कश्मीर के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को कथित तौर पर ताक पर रखने से ज्यादा कुछ भी ‘राजनीतिक’ और ‘राष्ट्रद्रोह’ नहीं, को पाकिस्तानियों ने हाथों–हाथ लिया हैं। राहुल और प्रियंका का यह बयान, पाकिस्तान के लिए ‘भागते भूत की लंगोटी काफी’ वाली कहावत चरितार्थ हो गई है।
जिस पाकिस्तान को विदेशों मे कश्मीर मुद्दे पर कोई भाव नहीं दे रहा, यहां तक की संयुक्त राष्ट्र संघ में भी उसकी भद्द पीट गई, विश्व के विकसित देशों ने भी पाकिस्तान की नहीं सुनी, उस पाकिस्तान के लिए राहुल और प्रियंका का रविवार को दिया गया बयान, संजीवनी का काम कर रहा हैं। राहुल और प्रियंका के इस बयान को पाकिस्तानी मीडिया और वहां के मंत्री खूब उछाल रहे हैं। वहीं भारत में राहुल के इस बयान की लोग कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कड़ी आलोचना करनेवालों में बसपा सुप्रीमो मायावती भी शामिल हो गई है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि जैसा कि सर्वविदित है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमेशा देश की समानता, एकता व अखंडता के पक्षधर रहे हैं, इसलिए वे जम्मू–कश्मीर राज्य में अलग से धारा 370 का प्रावधान करने के कतई पक्ष में नहीं थे, इसी खास वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया।
लेकिन देश में सविधान लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरांत इस धारा की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय लगेगा, इसका थोड़ा इंतजार किया जाये तो बेहतर है, जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है। मायावती ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल के कश्मीर दौरे और उस पर दिये गये बयान से भाजपा ही मजबूत होगी, न कि विपक्ष, क्योंकि अभी इस मुद्दे पर सरकार को समय देना चाहिए।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो राहुल गांधी का कश्मीर पर दिया गया बयान और उनका कश्मीर दौरा स्पष्ट करता है कि राहुल गांधी अभी बहुत सारे मामलों में अपरिपक्व है, उन्हें अभी परिपक्व होने में काफी समय लगेगा, क्योंकि उनकी जो भी हरकतें हो रही हैं, वो भाजपा के लिए नुकसानदायक कम और फायदेमंद ज्यादा हो रही है। फिलहाल पूरा देश, वर्तमान में जम्मू–कश्मीर पर सरकार द्वारा लिये गये फैसले को सही ठहरा रहा है, पर राहुल और उनके लोग अभी भी उसी बात पर कायम है, जिसे कोई सही नहीं ठहरा रहा।
इधर राजनीतिक पंडितों का कहना है कि राहुल और प्रियंका के बयान पर पाकिस्तान चाहे कितना भी उछल लें, पाकिस्तान को मालूम होना चाहिए कि वर्तमान में राहुल और प्रियंका का वजूद खुद ही हिन्दुस्तान में खतरे में हैं। कांग्रेस तो लोकसभा में लगातार विपक्ष का नेता बनने लायक सीट भी नहीं ला सकी है, ऐसे में जब भारत के लोग कांग्रेस के इन नेताओं को विपक्ष के नेता के लायक भी नहीं मानते, तो पाकिस्तान को इनके बयानों से खुशफहमी पाल लेना मूर्खता के सिवा और कुछ नहीं यानी ये वही बात हुई डूबते को तिनके का सहारा अर्थात् पाकिस्तान को राहुल–सोनिया का सहारा।