होनहार CM रघुवर द्वारा उद्घाटन किया 22 सौ करोड़ का कोनार नहर आठ घंटे भी नहीं टिक सका, नहर बहा, लाखों की फसल बर्बाद
आज का सारा अखबार देख लीजिये, सभी अखबार व चैनल रघुवर स्तुति में व्यस्त है, सभी सीएम रघुवर की जय-जयकार कर रहे हैं। अपने अखबारों में लिख रहे हैं, चैनल में चला रहे हैं, कल राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 22 सौ करोड़ की लागत से बनी झारखण्ड की दूसरी सबसे बडी कोनार सिंचाई परियोजना का उद्घाटन किया।
सभी अखबार व चैनल मुख्यमंत्री का भाषण मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित व प्रसारित किये हैं, पर किसी ने यह नहीं लिखा कि यह नहर उनके उद्घाटन के बाद आठ घंटे भी नहीं टिक सका, क्योंकि सभी जानते है कि जैसे ही लिखेंगे, होनहार मुख्यमंत्री नाराज हो जायेंगे, हां जनता नाराज हो जाये, जनता बर्बाद हो जाये, या राज्य बर्बाद हो जाये, उससे उन्हें क्या मतलब?
उन्हें तो बस विज्ञापन मिलता रहे, उनकी रोजी-रोटी चलती रहे, बस इससे मतलब है, कल एक चैनल अपने यहां एक कार्यक्रम चला रहा था, नाम था – राइजिंग झारखण्ड, पर वो चैनल कैसे झारखण्ड डूब रहा हैं, वो दिखाने की जूर्रत नहीं कर रहा था? जबकि कल की ही यह घटना है, कोनार नहर आठ घंटे भी नहीं टिक सकी, जिसका उद्घाटन सीएम रघुवर दास ने कल ही किया था।
कई लोग ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री रघुवर दास के सोसल साइट फेसबुक पर ही सीएम रघुवर दास से सवाल पूछ रहे हैं, जनता है न, वो तो पूछेगी है, पत्रकार थोड़े ही हैं कि माल देखकर, पूछना बंद कर देगी। कई लोग अपने-अपने ढंग से राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास से सवाल पूछ रहे हैं। देखिये, संदीप महतो कठुआर ने क्या लिखा है?
“2500 करोड़ का नहर बहा। कोनार नहर 103KM लंबी है, कल रघुबर दास ने उद्घाटन किया, पानी छोड़ा गया और पहली पानी मे ही नहर टूट गया। कई गाँव डूब गए, फसलें बर्बाद हो गयी। पानी हरियाली क्या लाएगी? खुशहाली भी लूटकर ले भागी। तस्वीरों में देखे आफत की पानी बना नहर। ग्राम– तिरला–चिचाकी, खटैया, कुसमरजा, घोसको, (बगोदर, विष्णुगढ़) में किसानों की खुशी पर मातम।
उद्घाटन के बाद रात 12 बजे नहर ध्वस्त हो गया, जिससे खटैया, कुसमरजा, घोसको समेत आस–पास के गांव में नहर का पानी फैल गया। पुरा फसल, मकई , धान और मुंगफली नष्ट हो गया। अभी तक कोई विभागीय अधिकारी नहीं पहुंचे हैं। यहां पर नहर में सिमेंटेट मैउंटिंग नहीं हुआ था। संयोग यह सुबह में घटना नहीं घटी, नहीं तो जान माल का भी नुकसान भी हो सकता था। फिलहाल आवागमन भी बाधित है।”
भाकपा माले के वरिष्ठ नेता विनोद सिंह कहते है कि ये आफत जानबूझकर मुख्यमंत्री रघुवर दास और उनके अधिकारियों द्वारा लाई गई है। वे कहते है कि जब 60 किलोमीटर के बाद नहर बनी ही नहीं है, और इस नहर में जब पानी स्वयं लबालब भरा हैं तो इस नहर में पानी छोड़ने की जरुरत क्यों पड़ गई?
वे कहते है कि कोनार नहर से जीवन यापन बसर करनेवालों के लिए ये नहर का उद्घाटन आफत लेकर आई है, और इसके लिए अगर कोई दोषी है तो राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास है, जिन्होंने बिना कोनार नहर की स्थिति को जानें, इसकी असलियत को जाने इसका उद्घाटन किया और नतीजा सामने हैं, नहर टूट गई हैं, लाखों की फसल बर्बाद हो गई है, किसानों के पास आंसू बहाने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं दिख रहा।
अति पर इति होगा ही..