ट्रैफिक आतंकवाद से गुस्साई जनता विधानसभा चुनाव में CM रघुवर का चालान काटने को तैयार
CM रघुवर दास और भाजपा के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लगता कि दुनिया के सबसे समझदार व बुद्धिमान व्यक्ति वही हैं, जनता तो मूर्ख है उसे कितना भी लतियाओ, उसका कितना भी शोषण करो, अंत में चुनाव के दिन एक लहर पैदा कर दो और फिर जनता आपके पीछे–पीछे आकर वोट दे ही देगी, उस बांसुरीवाले की तरह, जिस की बांसुरी की आवाज सुनकर छोटे–मोटे–दूबले–पतले–काले–गोरे यानी भांति–भांति के चूहें उसके पीछे दोड़ते चले आ रहे थे।
लेकिन इन दोनों को नहीं पता कि पूरे राज्य में ट्रैफिक चालान काटने की फैलाई गई दहशत ने आम जनता के बीच भाजपा की लोकप्रियता को पूरी तरह मिट्टी में मिला दिया है। कई भाजपा नेता, कार्यकर्ता व समर्थक ऐसे हैं जो भय से भले ही न बोल पा रहे हो, पर वे भी मानते है कि इस ट्रैफिक आतंकवाद में जनता पीस रही हैं, पर नेताओं व बड़े–बड़े उच्चाधिकारियों का बाल बांका भी नहीं हो रहा, उनका चालान काटा नहीं गया, बल्कि उन्हें आराम से बचा लिया जा रहा, जबकि कई ऐसे लोग भी हैं, जिनके पास सारे कागजात होने के बावजूद, उन्हें पीस दिया जा रहा है, तथा नये–नये कानून इजाद कर उनके विरुद्ध चालान काट दिया जा रहा है, और वे इस ट्रैफिक आतंकवाद के शिकार हो जा रहे हैं।
कमाल है, ये ट्रैफिक आतंकवाद वे फैला रहे हैं, जिन्होंने इस कानून को पारित करने के पूर्व कई बार इस कानून को तोड़ा और न कभी चालान कटवाया। आज भी सोशल साइट पर केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संघ मुख्यालय नागपुर में प्रवेश करते हुए बिना हेलमेट के उन्हें देख सकते हैं, आज भी आप राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास को जमशेदपुर में बिना हेलमेट के स्कूटर चलाने का विडियो जो वायरल हैं, उसे देख सकते हैं।
कई बार भाजपा के नेताओं का दौरा रांची में हुआ और भाजपा के ही कई नेता व कार्यकर्ता उनके स्वागत में आयोजित होनेवाले जुलूस में कभी भी हेलमेट नहीं पहनते, इसका भी विडियो और फोटोग्राफ सोशल साइट पर उपलब्ध है, ऐसे में आम जनता पर ट्रैफिक चालान के नाम पर बरती जा रही यह क्रूरता के खिलाफ आम जनता ने भी मन बनाना शुरु कर दिया है।
कई स्थानों पर अब जनता भाजपा नेताओं व भाजपा के खिलाफ आग उगलने लगे हैं, वे कहते है कि तुम करो तो सदाचार और हम करें तो भ्रष्टाचार, ये नहीं चलेगा। जनता को थमा रहे चालान और जब अपनी बात आ रही तो बगले झांक रहे हैं। कुछ का कहना है कि जूर्माना भी इतना होता है, जूर्माना असहनीय है, और जो कहते है कि इस जूर्माने से सड़क दुर्घटना में कमी आयेगी, वो भूल रहे हैं कि इस प्रकार के जूर्माने से सड़क दुर्घटना का कोई संबंध ही नहीं हैं, और जो ऐसा बोल रहे हैं, या मंत्री हो या भाजपा के नेता वे सरासर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, और जनता अब गुमराह नहीं होनेवाली। विधानसभा चुनाव में इनका इतना बढ़िया से चालान काटेगी कि वे जिंदगी भर याद रखेंगे।
ऐसे पूरे रांची में ट्रैफिक आंतकवाद के खिलाफ लोग अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं, हाल ही में अलबर्ट एक्का चौक पर पीसीआर गाड़ी में बैठे पुलिस अधिकारियों द्वारा सीट–बेल्ट का प्रयोग नहीं करने के कारण आम जनता ने ही इन पुलिसकर्मियों का चालान काटना शुरु कर दिया, एक स्थान पर तो पुलिस जब स्कूटर सवार की गाड़ी से चाबी निकालने की कोशिश की, तब गुस्से में आये उस स्कूटर सवार ने उक्त पुलिस अधिकारी की चप्पल से पिटाई कर दी।
स्थिति ऐसी है कि कई लोगों ने अपने स्कूटर, बाइक व कार को घरों में बंद करके रख दिया हैं, जबकि उनके पास सारे कागजात है, गुस्साये इन लोगों का कहना है कि क्या पता वो गाड़ी निकाले और कुछ और चीजों में फंसाकर उनसे हजारों रुपये वसूलने के लिए चालान काट दिया जाय, क्योंकि यहां तो रोज नियम ही बदल रहे हैं, कभी दो बाइक सवार को कहा जा रहा है कि दोनों हेलमेट पहने, कभी कहा जा रहा है कि आप जूते पहनकर बाइक चलाये और जूते नहीं पहनकर चलायेंगे तो आपके चालान काटे जायेंगे।
इसका मतलब है कि सरकार को जनता का ध्यान नहीं, जनता के पास जो पैसे हैं, उस पर ध्यान है, और उसे लूटने का काम सरकार ने इन पुलिसकर्मियों द्वारा शुरु करवा दिया गया है, यानि जिनका काम जनता की सेवा करना हैं, वे सरकारी लूट के धंधे में लग गये हैं, ऐसे में जनता सीएम रघुवर दास को क्यों न सबक सिखायें। बस मौका आने दीजिये, इनकी आज चल रही हैं, और जब चुनाव होगा, तो हमारी चलेगी, महागठबंधन को हमलोग जितायेंगे, क्योंकि एक पार्टी की सरकार की मनोवृत्ति तो देख ही रहे हैं, जो खुद हेलमेट नहीं पहनते, वे हमें ट्रैफिक कानून का पालन करना सीखा रहे हैं, शर्म आनी चाहिए ऐसे नेताओं व मंत्रियों को।