वाह री रघुवर सरकार स्वच्छता पर कार्यक्रम और स्वच्छता मंत्री ही कार्यक्रम से गायब
रघुवर सरकार स्वच्छता पर ताल ठोकते हुए, स्वच्छता पखवाड़ा मना रही है। आज इसका उदघाटन रांची में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने किया। यह स्वच्छता पखवाड़ा 15 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। कमाल की बात है, राज्य सरकार कार्यक्रम आयोजित कर रही है, वह भी स्वच्छता को लेकर, और इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से ही स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी गायब है।
अब सवाल उठता है कि स्वच्छता पर कार्यक्रम, स्वच्छता को लेकर पखवाड़ा का शुभारंभ और ऐसे ही समय में राज्य का स्वच्छता मंत्री, राज्य सरकार के अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम में दिखाई न दें तो इसका मतलब क्या समझा जाये? ऐसे समय में तो स्वच्छता मंत्री और उनके विभाग को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए पर वे तो ऐन मौके पर ही गायब है, आखिर स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने इस कार्यक्रम से दूरियां क्यों बनाई? राज्य सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री रघुवर दास को तो जनता को बताना चाहिए?
जरा जहां कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, उस पर नजर डालिये। मुख्य मंच पर तीन कुर्सियां लगी है, एक पर मुख्यमंत्री रघुवर दास विराजमान है, दूसरे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह विराजमान है और तीसरे पर नगर विकास मंत्री सी पी सिंह, जब चौथी कुर्सी दीखेगी ही नहीं तो फिर स्वच्छता मंत्री नजर आयेंगे कैसे? सूत्र बताते है कि चूंकि सीएम जनता को बताना चाहते है कि यह राज्य सरकार का कार्यक्रम है, पर सच्चाई यह है कि यह पूरा कार्यक्रम ही भारतीय जनता पार्टी का बनकर रह गया, ऐसे मैं आजसू का नेता और आजसू के कोटे से बना कोई मंत्री ऐसे कार्यक्रम में कैसे शामिल हो? इसलिए स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने स्वयं को इस कार्यक्रम से दूर रखने में ही बुद्धिमानी समझी।
कुल मिलाकर देखे तो ऐसे भी भाजपा और आजसू मजबूरी में एक-दूसरे के साथ है, अगर मजबूरियां नहीं होती, और भाजपा का सीट थोड़ा कम तथा आजसू का सीट कुछ ज्यादा होता, तब तो इस समय का माजरा ही कुछ दुसरा होता। सूत्र बताते है कि स्वच्छता पखवाड़ा के नाम पर करोड़ों खर्च करने की योजना सरकार की है, जिस पर गिद्ध दृष्टि पहले से ही बड़े-बड़े व्यापारियों की है, वे इसके नाम पर अभी से ही राज्य सरकार के खजाने पर गिद्धदृष्टि डाले हुए है। ऐसे भी रघुवर सरकार कितना भी कुछ क्यों न कर लें, पर जनता जानती है कि स्वच्छता पखवाड़ा का भी हाल, बाकी अन्य योजनाओं की तरह ही होगा।