चुनाव-प्रचार में भाजपाइयों को दिक्कत से बचाने के लिए CM रघुवर ने चालान काटने पर लगाई रोक
हमारे राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास कितने मासूम है, सुना है कि उन्होंने राज्य की जनता को तीन महीने की मोहलत दी है कि वे अपने गाड़ियों के कागजातों को तीन महीने के अंदर अद्यतन करा लें। साथ ही अपने प्रशासनिक अधिकारियों को हिदायत भी दी है कि वह इस बीच जागरुकता अभियान चलाती रहे, यानी जनता को हमारे मुख्यमंत्री इतना बेवकूफ समझते हैं कि जैसे लगता है कि जनता को पता ही नहीं कि राज्य में विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं, जिसे देखते हुए राज्य के होनहार मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया हैं।
इस राज्य ही नहीं, बल्कि इस देश की विडम्बना है कि एक ऐसा व्यक्ति जिसकी कोई औकात नहीं, जब वह सत्ता के शिखर पर पहुंचता हैं तो वह अपने आस–पास ऐसे लोगों को इकट्ठे कर लेता हैं, जो निहायत आला दर्जे के बेवकूफ होते हैं, जिन्हें आम जन कनफूंकवां के नाम से पुकारते हैं। इन कनफूंकवों की केवल एक ही आदत होती हैं कि सत्ता के शिखर पर बैठे ऐसे व्यक्ति की वह जय–जय करता रहता है और उसकी बेवकूफी से फायदा उठाकर अपने लिए इसी दरम्यान सात पुश्तों तक के लिए धन अर्जित कर लेता है, इस झारखण्ड में फिलहाल यही हो रहा है।
जरा ध्यान दिजियेगा, केन्द्र सरकार में एक धनाढ्य व्यक्ति मंत्री बनता है, जिसका नाम हैं नितिन गडकरी, वह अनाप–शनाप जुर्माना तय कर देता है, उस अनाप–शनाप जुर्माने पर भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री ही पहले आपत्ति दर्ज कराते हैं, जिसमें गुजरात का नाम सबसे पहले हैं, ऐसा नहीं कि वहां विधानसभा के चुनाव होनेवाले हैं, इसलिए वहां का मुख्यमंत्री विरोध करता हैं, बल्कि वह जानता है कि इस प्रकार के जुर्माने से जनता में जागरुकता कम, भय अत्यधिक उत्पन्न होगा और लोगों की सरकार के प्रति वैमनस्यता का भाव उत्पन्न होगा।
इधर महाराष्ट्र जहां विधानसभा के चुनाव होने हैं, वहां का मुख्यमंत्री भी इसका कड़ा विरोध दर्ज करता हैं, पर झारखण्ड का मुख्यमंत्री इसका विरोध नहीं करता, वह दमनात्मक नीति अपनाता है, राज्य की जनता पीसती चली जाती हैं, और इसी बीच कनफूंकवे सीएम रघुवर के कान में बोलते है कि आपकी तो सर्वत्र जय–जयकार हो रही हैं, लेकिन इसी बीच झारखण्ड के प्रतिभाशाली शीर्षस्थ नेता गणेश मिश्र व भाजपा सांसद संजय सेठ जैसे लोग इस नये ट्रैफिक रुल्स की खुलकर अवहेलना करते हैं।
पर सरकार ऐसे भाजपा नेताओं को चालान नहीं कटवा पाती, और न ही जनता का बेदर्दी से चालान काटनेवाले पुलिसकर्मी/पुलिस पदाधिकारी ही चालान काटने में रुचि दिखाते हैं। इसी बीच सरकार की हर गलत बातों में हां में हां मिलानेवाले अखबारों व चैनलों की जनता में तो गलतियां दिख जाती हैं, पर इन भाजपा नेताओं की गलतियां नहीं दिखती, इनके गलत कारनामों की खबर व फोटो न छपती हैं और न ही दिखाई जाती है।
इधर पूरा विपक्ष केन्द्र व राज्य सरकार के इस ट्रैफिक आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर उतरता हैं, झामुमो, झाविमो व कांग्रेस तथा सभी वामपंथी पार्टियों इसका पुरजोर विरोध करती हैं, उसके बाद भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती, तभी भाजपा के एक प्रकोष्ठ से एक प्रपत्र जारी होता है, भाजपा के कुछ नेता जिनको लगता है कि सोशल साइट पर उनकी खिंचाई हो रही हैं, उन्हें थोड़ी बहुत शर्म महसूस होती हैं, भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं को लगता है कि जब विधानसभा का चुनाव होगा तो हेलमेट पहनने से तो जनता उनका चेहरा ही नहीं देख पायेगी, तो इसमें तो नुकसान भाजपा का ही हो जायेगा।
वह अपने आका मुख्यमंत्री रघुवर दास को अपना क्रंदन सुनाते हैं, कहते है कि हेलमेट व ट्रैफिक रुल्स को तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिजिये, उसके लिए बहुत सारे बहाने हैं, उस बहाने का इस्तेमाल किजिये, क्योंकि ट्रैफिक रुल्स को शिथिल करने में फायदा भाजपा को ही हैं, क्योंकि जनता को यह कहने में आयेगा कि राजा रघुवर दास कितने जनानुरागी हैं, कितना जनता के प्रति प्रेम रखते हैं, देखिये तीन महीने का समय दे दिया और इधर भाजपा नेता व कार्यकर्ता भी खुश, तीन महीने में खूब जमकर उत्पात मचायेंगे, वह भी बिना हेलमेट के, चेहरे दिखायेंगे, कहेंगे हम हैं कमलवाले, हम है घर–घर रघुवर वाले।
और रही बात परिवहन विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता की, तो जो नई सरकार आयेगी, वह झेलेगी कि करना क्या है? तब तक के लिए कम से कम भाजपा के कार्यकर्ता व नेता तो तनाव मुक्त रहेंगे, नहीं तो आदत तो बिना हेलमेट के चलने की है, ये नया आदत हेलमेट पहननेवाली भाजपा कार्यकर्ताओं में आलस्य का भाव जगा दे रहा हैं, और अब चलिये इन्हीं सभी बातों में आकर हमारे होनहार मुख्यमंत्री भाजपा कार्यकर्ताओं की बात समझ गये, ये क्या कम है, जय हो रघुवर की, जय हो रघुवर राजा की।
साथ ही तीन महीने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं को मिली इस छूट के लिए विद्रोही24.कॉम की ओर से उन सारे भाजपाइयों को बधाई, जो 1 सितम्बर से लेकर 13 सितम्बर तक ट्रैफिक रुल्स की अवहेलना करने में कभी पीछे नहीं रहे और न ही अपनी ओर से चालान कटवाई, यानी इस बार जनता का कट गया चालान और बच गये भाजपा नेता सीना तान।