बिना टेंडर पुल का शिलान्यास, CM नहीं हैं फिर भी शिलापट्ट बता रहा रघुवर दास के हाथों हुआ शिलान्यास
जरा ये नेता जी को देखिये, नेता जी का नाम राज किशोर महतो है, ये टुंडी से आजसू के विधायक है, कभी किसी समय ये भाजपा के भी विधायक हुआ करते थे। इन्होंने आज यानी 17 सितम्बर को मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजनान्तर्गत नवनिर्मित धनबाद जिला के तोपचांची प्रखण्ड अंतर्गत जीतपुर पंचायत में लालडीह और मिशन स्कूल के बीच सेतु निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया।
जिस शिलापट्ट का इन्होंने घूंघट उठाया, उस शिलापट्ट में लिखा है कि यह शिलान्यास रघुवर दास, मुख्यमंत्री, झारखण्ड के कर-कमलों द्वारा नीलकंठ सिंह मुंडा, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री, चंद्र प्रकाश चौधरी, सांसद गिरिडीह की उपस्थिति में संपन्न हुआ। जबकि सच्चाई यह है कि जब विधायक ने शिलान्यास किया, उस वक्त न तो मुख्यमंत्री रघुवर दास का वहां कर-कमल था और न ही मंत्री ग्रामीण विकास चंद्र प्रकाश चौधरी और न ही गिरिडीह सांसद मौजूद थे।
यानी कैसे जनता को धोखा दिया जाता है, उसकी ये बानगी दिखाती है, इस प्रकार के शिलान्यास यानी आदमी मौजूद नहीं, फिर भी शिलान्यास कहेगा कि आदमी मौजूद हैं, ऐसा इसलिए कि राज्य में एक होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास का प्रार्दुभाव हुआ है, जिनके राज्य में इस प्रकार के कार्य का नया-नया प्रचलन शुरु हुआ है। और अब अखबार में छपे इस विज्ञापन को देखिये।
यानी जिस पुल का शिलान्यास हुआ, इस विज्ञापन का कहना है कि वेबसाइट में निविदा प्रकाशन की तिथि – 19.09.2019 है। ई-निविदा प्राप्ति की अंतिम तिथि एवं समय – 26.09.2019, अपराह्न पांच बजे तक है। ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, धनबाद/मुख्य अभियंता कार्यालय, ग्रामीण विकास विशेष प्रक्षेत्र, एफएफपी भवन, धुर्वा रांची में निविदा शुल्क, अग्रधन की राशि आदि जमा करने की तिथि 28.09.2019 है। निविदा खोलने की तिथि एवं समय 30.09.2019 अपराह्न 2 बजे हैं। मतलब है न, अजब-गजब यानी रघुवर सरकार की अजब है माया, बिना टेंडर के शिलान्यास, सीएम को है भाया।