AISA का प्रथम राज्य सम्मेलन रांची में सम्पन्न, बेहतर शिक्षा व बेरोगारी को लेकर हुई चर्चा
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन झारखंड इकाई की प्रथम राज्य सम्मेलन अंजुमन इस्लामियां हाल मे सम्पन्न हुआ। जिसमें झारखंड के विभिन्न जिलों से करीब 100 आइसा प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन की शुरुआत करते हुए भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य शुभेन्दु सेन ने कहा कि मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति ने छात्रों को विद्यालयों से बाहर ढकेल देने का प्रयास किया है। झारखंड राज्य मे शिक्षा का हाल बेहाल है। सरकारी स्कूलों को मर्ज कर शिक्षकों की छंटनी करने की तैयारी चल रही है। ऊपर से नई बहाली भी नहीं हो रही है।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रीय आइसा कमेटी की ओर से बिहार आइसा के सचिव का. सबीर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज सरकार जिस तरह फीस बढ़ोतरी, छात्रवृत्ति कटौती, सीट कटौती की हैं, उसके कारण मध्यम वर्ग, और निम्न वर्ग से शिक्षा दूर होता चला जा रहा है। आज जरूरत है एकजुट होने की, जिससे हम अपनी आवाज को बुलंद कर सकें, ताकि गरीब बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल बन सके और सरकारी स्कूलों की उचित व्यवस्था कायम की जा सके।
कार्यक्रम मे आइसा के पूर्व नेता सह इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य कमेटी के सदस्य अमल घोष ने कहा कि आज के समय में आइसा किसी पहचान की मोहताज नहीं है और हमारी साथी इस पहचान को मरते दम तक बनाये रखेंगे। हम नए निर्वाचित पदाधिकारी शिक्षा की खराब नीतियों के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे।
सम्मेलन मे आइसा राज्य कमेटी का गठन किया गया, जिसमें, सोहेल अंसारी को राज्य अध्यक्ष, त्रिलोकीनाथ को राज्य सचिव, अभय साहू को उपाध्यक्ष, इजहार अली हैदर को सहसचिव, तरुण को राज्य कार्यालय सचिव समेत 19 सदस्यीय राज्य कमेटी बनाई गई। इस दौरान 43 सदस्यीय आइसा झारखंड राज्य परिषद का चुनाव भी किया गया।
आइसा का प्रथम झारखंड राज्य सम्मेलन का संचालन चार सदस्यीय पुष्पा कुमारी, मोइन खान, निषाद खान और इनौस के राज्य सचिव अमल घोष ने किया। इस प्रथम राज्य सम्मेलन में पहली बार पलामू, रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो, देवघर, धनबाद आदि जिलों के आईसा प्रतिनिधियो ने भाग लिया। नयी टीम ने राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए और बेरोजगारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने की संकल्प भी ली।
प्रथम राज्य सम्मेलन में शामिल हुए सम्मेलन के समापन भाषण में नवनिर्वाचित आइसा राज्य सचिव त्रिलोकीनाथ ने कहा कि जनपक्षीय शिक्षा नीति निर्माण के लिए और बेरोजगारी के खिलाफ लड़ने के लिए झारखंड में एक बड़े राज्यव्यापी आंदोलन की आवश्यकता है और इसके लिए समानधर्मी वाम छात्र युवा संगठनों को इस आंदोलन में जोड़ने की आवश्यकता है। आज के सम्मेलन में आठ से 10 नवंबर 2019 को हैदराबाद में आयोजित होनेवाले AISA के राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल करने की योजना भी बनाई गई।