अबकी बार 65 पार चिल्लानेवालों भाजपाइयों, जन-भावनाओं को समझो, नहीं तो हो जाओगे तड़ीपार
जिस प्रकार मध्यप्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनाव में अबकी बार 200 पार का नारा देनेवाली भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया, ठीक उसी प्रकार हरियाणा की जनता ने भी अबकी बार 75 पार का नारा दे रही भाजपा को पूर्ण बहुमत देने से इनकार कर दिया, दूसरी ओर महाराष्ट्र में भी भाजपा जो 2014 में 122 सीट लेकर अपना दबदबा कायम की थी, आज वो वहां 100 से भी नीचे में सिमट गई, जो बताता हैं कि अब देश में मोदी और शाह का जादू धीरे-धीरे समाप्ति की कगार पर हैं।
आज हरियाणा और महाराष्ट्र में भले ही भाजपा सरकार बना लें, पर उसे याद रखना होगा कि अब बार-बार धारा 370, कश्मीर, राष्ट्रवाद, भारत-पाकिस्तान का हौवा खड़ाकर अपना इमेज बार-बार नहीं चमकाया जा सकता, आज भी जनता की प्राथमिकता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों द्वारा की जा रही खुदकुशी ही हैं, और जरुरत हैं इन्हीं समस्याओं पर ध्यान देने की।
जनता की नजरों में धारा 370, कश्मीर, भारत-पाकिस्तान से ज्यादा जरुरी महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी
लेकिन जिस प्रकार से हरियाणा-महाराष्ट्र विधानसभा की चुनाव में कश्मीर,धारा 370, भारत पाकिस्तान को लाया गया और विपक्ष के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक व्यवहार किये गये, वो बताता है कि भाजपा के लोगों ने चुनाव प्रचार का स्तर कितना गिरा दिया हैं। कल ही झारखण्ड में भाजपा का एक सांसद, जामताड़ा मे जिस प्रकार जनता को संबोधन के क्रम में यह कह दिया कि भाजपा अगर चोर, डकैत या बदमाश को भी टिकट दे दें तो उसे जिताइये, तो यह साफ बताता है कि भाजपा किस स्तर तक गिर गई हैं? जिस प्रकार भाजपा नेताओं द्वारा महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में विपक्षी दल के नेताओं के लिए डूब मरने की बात कही गई, वो बता रहा था कि भाजपा के नेताओं ने प्रचार का स्तर कितना गिरा दिया।
आज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने रांची में जिस प्रकार से संवाददाता सम्मेलन कर, अपनी बात रखी और भाजपा नेताओं को महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में उनके द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ किये गये भाषाई प्रयोग पर सवाल उठाया, वो ऐसे ही नहीं हैं। यहां भी लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपाइयों ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था।
हरियाणा-महाराष्ट्र की जनता का साफ संदेश, जनता की आंखों में कोई अब धूल नहीं झोंक सकता, भाजपा को मिला सबक
भाजपा को अब स्वीकार करना होगा कि जनता अब इस प्रकार की नारों से खुश होनेवाली नहीं हैं, अब आप कितना भी 65 पार, 65 पार चिल्लाते रहिये, आपका झारखण्ड में भी मध्यप्रदेश और हरियाणा वाला हाल होगा, और इसके बाद भी अगर आप नहीं चेते, तो समझ लीजिये जनता अब समझ गई है कि आप इस प्रकार के नारों से उसकी आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे हैं।
झामुमो को आशंका चुनाव परिणाम से घबराई भाजपा झारखण्ड में देर से करा सकती है विधानसभा चुनाव
झामुमो ने तो साफ कह दिया है कि झारखण्ड की जनता भाजपा को राज्य सीमा से तड़ीपार करने जा रही हैं, क्योंकि राज्य की भाजपा सरकार ने लोगों को सिर्फ और सिर्फ बरगलाने का ही काम किया है। झामुमो ने तो आशंका व्यक्त कर दी है कि महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव परिणाम आने के बाद संभव है कि भाजपा झारखण्ड में देर से चुनाव कराना चाहेगी ताकि उनके कार्यकर्ता व नेता हरियाणा-महाराष्ट्र में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने की हताशा से उबर सकें।
दागियों-दलबदलूओं को bjp में शामिल करने से समर्पित भाजपाई नाराज, राज्य में भाजपा को लग सकता है झटका
राजनीतिक पंडितों की मानें, तो हरियाणा में जिस प्रकार चुनाव के दौरान अनाप-शनाप लोगों को भाजपा ने पार्टी में शामिल करना शुरु किया, ठीक वहीं हाल झारखण्ड का हैं। जो लोग भाजपा व भाजपा कार्यकर्ताओं को हमेशा नीचा देखा करते थे, उनके खिलाफ विषवमन करते थे, आज उन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं के सामने ही माथे पर बिठाया जा रहा हैं, कमाल है, जो युवा भाजपा के लिए झंडा उठाया करता था, जो भाजपा का सदस्य हैं, उसे और उसके परिजनों को भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के सामने मंच से फेंक दिया जाता हैं, क्योंकि वह सिर्फ यह कहने आया था कि उसकी मां के हत्यारे को भाजपा में शामिल नहीं किया जाय, ये हाल हैं, आज की भाजपा का।
कमाल हैं, जो करोड़ों के घोटालें में फंसे हैं, जिन पर सरकारी जमीन हथियाने का आरोप हैं, जो बकोरिया कांड में फंसे हैं, ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री माला पहनाकर पार्टी में शामिल कर रहे हैं। कमाल यह भी है कि जो व्यक्ति भाजपा में रहकर जिंदगी गुजार दी, वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं और विपक्षी दल में शामिल रहनेवाला दागी-दलबदलू भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं के लिए सिरमौर्य बन गया हैं, ऐसे में भाजपा को कौन हरायेगा, जाहिर है कि भाजपा के लोग ही हरायेंगे और इसका फायदा अगर यहां का विपक्ष चालाक होगा तो उठायेगा, नहीं तो जायेगा, लेकिन हमें नहीं लगता कि विपक्ष यहां का मूर्ख हैं।
हरियाणा-महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम ने झारखण्ड के विपक्षियों में किया उत्साह का संचार
हरियाणा-महाराष्ट्र की जनता का संदेश तो कांग्रेसियों के लिए भी हैं, अगर कांग्रेसी अभी से ही स्वयं को सक्रिय कर लें, और जनता की महत्वपूर्ण मांगों को देखते हुए उस पर काम करना शुरु करें और सरकार को घेरे तो हमें लगता है कि भाजपा झारखण्ड में 25 से 30 सीटों पर सिमट जायेगी, पर उसके लिए कांग्रेस को यहां की महत्वपूर्ण दूसरी पार्टी झामुमो को साथ लेकर चलना होगा, उससे मिल-बैठकर बात करनी होगी, झाविमो को भी साथ लेना होगा, नहीं तो विपक्ष के एक वोट का बिखराव भी भाजपा को प्राणदान दे देगा।
हमें लगता है कि झारखण्ड के सभी महत्वपूर्ण विपक्षी दलों को एकता के सूत्र में बंधकर अभी से काम करना चाहिए, सफलता मिलेगी, हो सकें तो अहंकार को फिलहाल किसी ताखे पर रख दें और वामपंथियों का भी सहयोग ले, सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लें, क्योंकि राज्य में हाथी उड़ानेवाली सरकार से हर जनता मुक्त होना चाहती है, क्योंकि जनता को मालूम हैं कि हाथी नहीं उड़ता हैं।