खूंटी मतलब BJP नहीं, नीलू फैन्स क्लब और नीलू फैन्स का मतलब सिर्फ नीलकंठ सिंह मुंडा यानी व्यक्तिवाद हावी
भाजपा में व्यक्तिवाद कितना हावी हो चुका है, वो अब खुलकर देखने को मिल रहा है। इस व्यक्तिवाद के खेल में हर जिला, हर प्रखण्ड खुद को शामिल कर लिया हैं, और अपने विधायकों-सांसदों के नाम पर फैंस क्लब स्थापित कर भाजपा की पुरानी परम्परा और उसकी शुचिता को नष्ट करने में लगा है। कमाल इस बात का है कि इस व्यक्तिवाद की लड़ाई में भाजपा के बड़े नेता से लेकर छोटे नेता, यहां तक की कार्यकर्ता तक शामिल होकर व्यक्तिवाद की इस खेती को सिंचिंत करने में लगे हैं, पर किसी को इस बात से मतलब नहीं कि इस व्यक्तिवाद की खेती ने पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाया है।
राजनीतिक पंडित बताते हैं कि इसकी शुरुआत तो बहुत पहले से हो चुकी थी, पर इसे खाद-पानी देने का काम राज्य की रघुवर सरकार ने किया। हर काम में रघुवर-रघुवर जपने की जो बीमारी शुरु हुई, वह बीमारी रांची से चलकर पूरे प्रदेश में हावी हो गई, यहीं नहीं अब तो जिधर देखिये, उधर ही मंत्रियों व कई नेताओं के नाम पर फैंस क्लब चलने शुरु हो गये और इस फैंस क्लब की आड़ में वह सारा काम हो रहा है, जिससे भाजपा का मूल्य व सिद्धांत ही फेल हो जाये। इन फैंस क्लबों से भाजपा जहां बर्बाद होने के कगार पर हैं, वहीं इसका फायदा विपक्ष को मिलता दिख रहा हैं।
राजनीतिक पंडित बताते हैं कि पूर्व में फैंस क्लब की बीमारी दूसरे दलों में हुआ करती थी, जिसके आड़ में वे अपनी दुकानदारी चलाते थे, पर यह बीमारी आज भाजपा में बहुत तेजी से फैल रही हैं। ये फैंस क्लब भाजपा नेताओं-मंत्रियों के इशारे पर खुल रहे हैं और इसके संरक्षक भी ये मंत्री-नेता ही होते हैं। लोग बताते है कि इसके आड़ में मंत्री अपने समर्थकों की एक अलग टीम बना लेते हैं, साथ ही पार्टी पर दबाव बनाते है कि उनके इलाके में अगर कोई हैं तो सिर्फ वही है, वही है, वही है। दूसरे का यहा वजूद नहीं।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि ये लोग इसकी आड़ में अपनी ही पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं को चुनाव जीताने व हराने का भी काम करते हैं, ये अलग बात है कि किसी की किस्मत अच्छी रही, तो वह हारते-हारते भी जीत जाता हैं, नहीं तो हराने के लिए तो लोग दिमाग लगा ही देते हैं, जैसे खूंटी में देखने को आया कि अर्जुन मुंडा को झारखण्ड की सत्ता से दूर भगाने के लिए खूंटी से चुनाव लड़ाया गया।
पहले तो यह दिमाग लगाया गया कि अगर खूंटी से अर्जुन मुंडा चुनाव हारते हैं, तो उनका राजनैतिक कैरियर ही दांव पर लग जायेगा, फिर रघुवर दास को कोई चुनौती नहीं दे सकता, जिसको लेकर खूंटी से अर्जुन मुंडा को हराने के लिए भाजपा के ही अंदर कई लोगों ने रघुवर दास को प्रसन्न करने के लिए योजनाबद्ध ढंग से काम किये, पर ये अलग बात रही कि अर्जुन मुंडा चुनाव हारते-हारते जीत गये, जिससे अर्जुन मुंडा को हरानेवाले लोगों को बहुत बड़ा झटका लगा।
राजनीतिक पंडित बताते हैं कि खूंटी इलाके में स्वयं को बड़ा नेता का ख्वाब देखनेवाले तथा झारखण्ड में आदिवासियों का भाजपा में सबसे बड़ा नेता मनवाने को लेकर काम कर रहे नीलकंठ सिंह मुंडा की भूमिका भी इसमें प्रमुख रही और इनका साथ अप्रत्यक्ष रुप से राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिया, पर दांव उलटी पड़ गई। राजनीतिक पंडित बताते है कि अगर नीलकंठ सिंह मुंडा दिल से अर्जुन मुंडा का साथ देते, तो इतने कम मार्जिन से अर्जुन मुंडा को जीत नहीं मिलती, मार्जिन का दायरा बढ़ जाता, पर उन्होंने अर्जुन मुंडा की जगह काली चरण मुंडा को जीताने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई, सूत्र बताते है कि इसकी जानकारी संघ एवं उसके आनुषांगिक संगठनों व भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं तक को हैं।
इधर स्वयं को पूरे राज्य में प्रतिष्ठित करने के लिए खूंटी इलाके में नीलकंठ सिंह मुंडा नीलू फैंस क्लब चला रखे हैं, जिसके संरक्षक स्वयं वही है। कल ही कर्रा में भाजपा के प्रखण्ड अध्यक्ष कैलाश राम की अध्यक्षता में नीलू फैंस क्लब की ओर से खिलाड़ियों का मिलन समारोह आयोजित था। जिसमें राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री व खूंटी से भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा स्वयं शामिल हुए। खुब भाषणबाजी हुई, जैसा कि ऐसे अवसर पर होता है। भाषण में नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि खिलाड़ी देश का भविष्य है, खेल से शारीरिक व मानसिक विकास होता है, नीलू फैंस के माध्यम से खेल प्रतियोगिता ही नहीं, बल्कि समाज में चल रही बुराइयों को दूर किया जायेगा तथा विकासात्मक कार्य चलाये जायेंगे।
भाजपा के जिलाध्यक्ष काशीनाथ महतो का कहना था कि कर्रा प्रखण्ड के तीन हजार नौजवानों का एक साथ जुटना, ऐतिहासिक कहा जा सकता है। इन्होंने नीलू फैन्स के लक्ष्य के बारे में बताते हुए कहा कि समाज में हो रहे बुराइयों व समस्याओं का निराकरण ही उनका उद्देश्य हैं। 20 सूत्री उपाध्यक्ष ओमप्रकाश कश्यप ने कहा कि सभी गांव कालीकरण रोड से जुड़ रहा है और सभी गांवों का विकास हो रहा हैं।
नीलू फैंस क्लब की इस बैठक में महामंत्री विनोद नाग, राजेश महतो, डहरू पहान, तेंम्बा उरांव, मुखिया -चरन मुंडा, बिरसा धान, पुरमान मोहम्मद, सागीर खान, आदि लोग उपस्थित थे। अब सवाल उठता है कि जब नीलू फैन्स क्लब का कार्यक्रम हो रहा हैं, तो भाजपा के पदाधिकारी वहां क्या कर रहे हैं और किस हैसियत से भाग ले रहे हैं, क्या नीलू फैन्स क्लब भी भाजपा की एक इकाई है।
जब भाजपा के प्रखण्ड अध्यक्ष से लेकर जिलाध्यक्ष तक किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, जहां पार्टी का ग्रामीण विकास मंत्री शामिल हो रहा हैं, जहां सरकारी की योजनाओं की बात हो रही हैं, गांव के विकास की बात हो रही हैं, वहां नीलू फैन्स के गले में आइकार्ड क्यों दिख रहे हैं, भाजपा का झंडा, बैनर, पोस्टर आदि क्यों नहीं? इसका मतलब है कि इन सारे लोगों ने नीलू फैंस क्लब के आगे भाजपा को बौना बना दिया।
साथ ही, एक तरह से भाजपा के राज्यस्तरीय नेताओं व केन्द्रीय नेताओं को बता दिया कि, खूंटी का मतलब भाजपा नहीं, नीलू फैन्स क्लब, और नीलू फैन्स क्लब का मतलब और कोई नहीं, सिर्फ और सिर्फ नीलकंठ सिंह मुंडा, यानी जिस इलाके में भाजपा से करिया मुंडा जैसे समर्पित, प्रतिभाशाली व कर्मठ नेता रहे हो, वहां अगर बात करनी हैं तो सिर्फ नीलकंठ सिंह मुंडा से बात करिये, क्योंकि इनके पास नीलू फैन्स क्लब के नाम पर हजारों युवाओं को एकत्रित करने की ताकत जो हो चुकी हैं, इसका मतलब साफ है कि खूंटी में भाजपा खत्म।