Chiefministerupdates Jharkhand सह raghuwardasupdates ने उड़ाई आचारसंहिता की धज्जियां, EC मौन
मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रमों से संबंधित समाचारों को अतिशीघ्र संवाददाताओं तक पहुंचाने के लिए बनाये गये Chiefministerupdates Jharkhand सह raghuwardasupdates ने कल आचार संहिता की धज्जियां उड़ा दी और आश्चर्य है कि इस पर राज्य निर्वाचन आयोग मौन हैं, इस पर कोई एक्शन तक नहीं लिया और न ही किसी ने इस पर आवाज उठाई है।
ज्ञातव्य है कि कल ही 16.00 बजे नई दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग ने झारखण्ड में विधानसभा चुनाव के तिथियों की घोषणा की और चुनाव की तिथियों के घोषणा के बाद से ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया, पर लगता है कि मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए काम करनेवालों के लिए आदर्श आचार संहिता कोई मायने नहीं रखता, और यहीं कारण है कि Chiefministerupdates Jharkhand सह raghuwardasupdates ने कल सायं 6.35 में राज्य के कई मीडिया हाउसों तथा संवाददाताओं को एक मेल जारी किया।
जिसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास से संबंधित समाचार थे, जो समाचार मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा पश्चिमी सिंहभूम के खूंटपानी प्रखण्ड स्थित कुम्हार टोला में आयोजित जन चौपाल महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार टेक होम राशन वितरण योजना एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों पर मुफ्त रसोई गैस चूल्हा वितरण के शुभारंभ से संबंधित थी। जिसका प्रमाण विद्रोही24.कॉम के पास मौजूद हैं।
आखिर ये कौन लोग हैं, जो सीएम के लिए काम करते हैं, और वे आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने से भी बाज नहीं आते। सूत्र बताते है कि इसमें सीएमओ में रह रहे अधिकारी स्तर तथा निजी स्तर पर रखे गये लोगों का हाथ हैं, जो सीएम रघुवर दास के चेहरे चमकाने का काम करते हैं, और इसके बदले में उन्हें उचित पारिश्रमिक मुहैया कराया जाता हैं।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह अपने आप में पहला मौका हैं, कि कल ही झारखण्ड विधानसभा चुनाव के तिथियों की घोषणा हुई और कल ही आचार संहिता के उल्लंघन का मामला भी हो गया और किसी का इस पर ध्यान ही नहीं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि हो सकता है कि लोगों को लगता है कि मुख्यमंत्री से संबंधित लोगों का इसमें हाथ हैं, ऐसे में इनके खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जाये, ऐक्शन तो साधारण लोगों पर लिये जाने के लिए होता है।
इसी बीच कल के इस हरकत को लेकर कई राजनीतिक दलों ने इस पर कड़ी टिप्पणियां की है, तथा इस मामले को उच्चस्तर पर उठाने की बात कही हैं, राजनीतिक दलों का कहना है कि पूर्व में जो किया सो किया, अब आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर उतर जायेंगे तो फिर चुनाव आयोग का क्या मतलब, चुनाव आचार संहिता का क्या मतलब? चुनाव आयोग को चाहिए कि वे स्वयं इस पर संज्ञान लें और जो लोग दोषी हैं, उन पर कार्रवाई करें।