हिन्दुस्तान को छोड़ सभी अखबारों-चैनलों ने CM रघुवर के आगे घूटने टेके, नहीं छापी CM रघुवर के खिलाफ की गई थाने में शिकायत की रिपोर्ट
यह नया झारखण्ड है। यहां आम जनता और विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ होनेवाली थानों में शिकायतों व प्राथमिकियों की खबरें प्रथम पृष्ठ पर वह भी बड़े-बड़े अक्षरों में विशेष स्थान देकर छापी जाती हैं। चैनलों में उसे प्रमुखता से उनकी खबरों को जैसे बाल का खाल निकाला जाता हैं, उस प्रकार से दिखाई जाती हैं, पर जैसे ही मुख्यमंत्री रघुवर दास की बात आती हैं। रांची से प्रकाशित होनेवाली अखबारों (हिन्दुस्तान को छोड़कर), व चैनल सब की सांप सूंघ जाती हैं, ऐसा क्यों हैं? आइये इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
2 नवम्बर को जमशेदपुर के एग्रिको मैदान में नेहा कक्कड़ का प्रोग्राम था, जो सिदगोड़ा मंदिर कमेटी के लोगों द्वारा आयोजित था, बताया जाता है कि इसके मुख्य संरक्षक स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास है और उन्होंने इस प्रोग्राम में बड़ी ही संजीदगी से भाग लिया, इस कार्यक्रम का कई चैनलों ने विशेष प्रसारण भी किया था। लोग बताते है कि इस कार्यक्रम में अश्लील गीतों व फूहड़ प्रदर्शन हुए। बुद्धिजीवियों का कहना था कि हर प्रोग्राम का एक समय होता हैं, छठ जैसे महापर्व में इस प्रकार के आयोजन, किसी भी प्रकार से उचित नहीं।
कुछ लोगों को लगा, कि इससे उनको धार्मिक भावनाओं को आघात पहुंचा हैं, वे इसे लेकर सिदगोड़ा थाना पहुंचे और थाना प्रभारी को एक पत्र लिखकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। आश्चर्य है कि 24 घंटे बीतने को आये, अभी तक उस शिकायत को प्राथमिकी का रुप नहीं दिया गया हैं। यह शिकायत झारखण्ड विकास मोर्चा के वरिष्ठ नेता अभय सिंह ने दर्ज कराई थी। थाने में शिकायत करने के बावजूद उसे प्राथमिकी का रुप नहीं दिया जाना, बताता है कि इस शिकायत का क्या होगा? पुलिस इस शिकायत पत्र पर क्या रवैया अपनायेगी?
विद्रोही24.कॉम से बातचीत में अभय सिंह ने कहा कि उनके द्वारा की गई शिकायत को जमशेदपुर से प्रकाशित प्रभात खबर ने स्थान ही नहीं दिया, जबकि सोशल साइट पर इस खबर को हाथों-हाथ लिया गया, उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि अखबार-चैनल आजकल खबरों के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं, या यों कहें कि लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही हैं, जिसमें कुछ मीडिया के लोग भी शामिल हो गये।
जब विद्रोही24.कॉम ने प्रभात खबर के जमशेदपुर कार्यालय से संपर्क करना चाहा तो बार-बार मोबाइल से संपर्क करने के बावजूद वहां के संपादक ने शायद बात करने में रुचि नहीं दिखाई। राजनीतिक पंडितों की मानें तो यह आठवां आश्चर्य हैं, कि आम जनता या किसी भी विपक्षी नेताओं के खिलाफ एक छोटी सी भी शिकायत दर्ज होती हैं, तो ये अखबार व चैनल के लोग आसमां सिर पर उठा लेते हैं, पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हिन्दूओं के महान पर्व पर बड़ी संख्या में लोगों के धार्मिक भावनाओं का आहत किया।
सीएम रघुवर दास के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी गई, पर उस खबर को ही वे निगल गये, क्या ये आम जनता के उनके समाचार जानने के मूल अधिकार के साथ विश्वासघात नहीं। क्या इससे पता नहीं चल रहा कि अखबार व चैनल के लोगों ने किस प्रकार से स्वयं को सीएम रघुवर दास के आगे घूटने टेक दिये हैं, अगर ऐसा ही होता रहा तो फिर यहां हो रहे विधानसभा चुनाव में सीएम रघुवर के प्रति ये सॉफ्ट कार्नर नहीं रखेंगे, आम जनता इस बात पर विश्वास कैसे करें?