अपराध

बोकारो पुलिस यह बताए कि BJP MLA का अश्लील विडियो किसने और किसके मोबाइल से बनाया?

सचमुच बोकारो पुलिस का जवाब नहीं है, क्योंकि उसने बोकारो के भाजपा विधायक बिंरची नारायण का वायरल अश्लील विडियो की सत्यता का बिना पता लगाए, अश्लील विडियो किसने बनाया बिना इसका पता लगाए, उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिस पर आरोप है कि उसने अश्लील विडियो वायरल किया, पर वायरल करनेवाले के पास वह अश्लील विडियो किस मोबाइल से उसके पास आया, किस मोबाइल द्वारा वह विडियो बनाया गया, इसका जवाब बोकारो पुलिस के पास है ही नहीं?

तो ऐसे हालात में भाजपा विधायक के पूर्व पीए आदित्य कुमार को किसके कहने पर गिरफ्तार किया गया, यह भी आश्चर्य है? पुलिस इस मामले में भाजपा के ही पूर्व नगर अध्यक्ष गोल्डी को भी तलाश कर रही हैं, खैर पुलिस तो पुलिस है, किसी को भी गिरफ्तार करना और जब सत्ता पक्ष का दबाव हो तो पुलिस को कुछ सुझता ही नहीं, उसे सत्य-असत्य भी दिखाई नहीं देता, उसे तो सिर्फ यह दिखता है कि कही सत्तावाले नाराज न हो जाये, यहीं कारण है कि साइबर क्राइम में वहीं लोग फंसते रहे हैं, जिन्होंने क्राइम ही नहीं किया और जिन्होंने क्राइम किया, उन्हें ससम्मान छोड़ दिया जा रहा हैं।

गिरफ्तार आदित्य के परिजनों का कहना है कि होना तो यह चाहिए कि जिसने इस विडियो को शूट किया, और जिस मोबाइल से पहली बार विडियो शूट करने के बाद किसी को ट्रांसफर किया गया, उसे गिरफ्तार किया जाता, पर यहां हो गया उल्टा। इस मामले में गिरफ्तार आदित्य के परिजन तो साफ कहते है कि आदित्य को विधायक के दबाव में गिरफ्तार किया गया है, परिजन तो साफ कहते है कि उक्त फोन को क्यों नहीं जब्त किया जा रहा, जिससे विडियो बाहर निकलकर वायरल हुआ।

इधर बोकारो के भाजपा विधायक दिल्ली में टिकट पाने की चाह में जमे हुए हैं, और इधर उनके नाम पर यहां बवाल काटा जा रहा है। इस मामले में बोकारो में भाजपा में ही दो गुट बना हुआ हैं, एक गुट बोकारो के भाजपा विधायक बिरंची नारायण के पक्ष में हैं तो दूसरा पक्ष आदित्य के साथ यानी भाजपा विधायक बिरंची नारायण के खिलाफ हैं, आदित्य के समर्थकों का कहना है कि बिना किसी ठोस जांच के यह मान लेना कि आदित्य ने यह अपराध किया हैं, गलत है।

गलत तो वह हैं, जिसने यह विडियो तैयार किया हैं, प्रथम दृष्टया उस विडियो को देख कोई भी बता सकता है कि वह विडियो किसने बनाया और उसके पीछे उसकी मंशा क्या थी? इधर बोकारो के ही कई पत्रकारों का कहना है कि पुलिस बहुत सारे सवालों के जवाबों को देने में असमर्थ हैं, हालांकि इस मामले को लेकर पूरे बोकारो में बवाल है, वहीं कई लोगों ऐसे भी मिले, जिनका कहना था कि जब तक इस मामले को पूरी तरह से सही और निष्पक्ष जांच नहीं हो जाये, भाजपा को बिरंची नारायण को टिकट देने से बचना चाहिए।

नहीं तो भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि यह वायरल विडियो भाजपा को कहीं का नहीं छोड़ा हैं, और इसका असर केवल बोकारो पर ही नहीं पड़ेगा, बल्कि उन विधानसभा क्षेत्रों पर भी पड़ेगा, जो बोकारो से जुड़े हैं, ऐसे भी बिरंची नारायण कई मामलों में विवादित रहे हैं, और विधानसभा चुनाव में इस नये विवाद ने तो उन्हें कहीं का नहीं छोड़ा?