झामुमो ने भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं के खिलाफ मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र के माध्यम से की शिकायत
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के महासचिव द्वय सुप्रियो भट्टाचार्य एवं विनोद कुमार पांडेय ने आज भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर इस बात की शिकायत की है, कि पंचम झारखण्ड विधानसभा के गठन के लिए आयोजित साधारण निर्वाचन 2019 को प्रभावित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार के मंत्री, केन्द्रीय सरकार के प्रतिष्ठान तथा भाजपा संपोषित सोशल मीडिया कार्य कर रही हैं, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता हैं।
पत्र में झामुमो के इन दोनों महासचिवों ने लिखा हैं कि 01 नवम्बर 2019 को झारखण्ड राज्य के पंचम विधान सभा गठन करने के उद्देश्य से पाँच चरणों में निर्वाचन सम्पन्न करवाने की घोषणा की गई थी। साधारण निर्वाचन 2019 के घोषणा के साथ ही झारखण्ड राज्य में आदर्श निर्वाचन आचार संहिता लागू कर दी गई थी। आचार संहिता में सरकार द्वारा किसी भी अतिसंवेदनशील एवं आपातकालीन स्थिति को छोड़ कर साधारण व्यवस्थाओं के संबंध में केन्द्र एवं राज्य सरकार तथा संस्थाओं पर निर्वाचन को प्रत्यक्षतः प्रभावित करने के उद्देश्य से किसी भी प्रकार की घोषणाएं करने की मनाही थी।
आचार संहिता में स्पष्टतः तय है कि धर्म, जाति, समुदाय या व्यक्तिगत रूप से किसी भी तरह की दुर्भावना से प्रेरित हो कर कोई भी वक्तव्य प्रेषित नहीं होनी चाहिए और न ही इस तरह का कोई भी विज्ञापन या पेड न्यूज जनसंवाद के विभिन्न माध्यमों (प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक) से या सोशल प्लेटफार्म का भुगतान कर इस्तेमाल पर भी पुरी तरह पाबंदी लगाई गई है। आचार संहिता के द्वारा यह तय किया गया है कि MCMC के अनुमति के बगैर किसी भी तरह के विज्ञापन या वक्तव्य का प्रकाशन, प्रसारण एवं प्रचारण नहीं किया जा सकता है।
झामुमो ने कहा है कि भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावडे़कर ने 15 नवम्बर 2019 को नई दिल्ली में भारतीय वन कानून 1927 में संशोधन किये जाने से संबंधित भारत सरकार द्वारा लाये गए संशोधन प्रस्ताव को पूर्णतः वापस लेने की घोषणा की। सनद रहे कि वर्तमान भारत सरकार भारतीय वन अधिनियम 1927 में विभिन्न धाराओं में संशोधन का खाका प्रस्तुत किया था, उसके विरोध में देश एवं खास कर झारखण्ड राज्य में लाये जाने वाले संशोधनों का तीव्र जन-विरोध किया गया तथा कई स्तर पर राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय आंदोलन भी चलाए गए।
झारखण्ड राज्य की भौगोलिक बनावट ऐसी है, जहाँ वनक्षेत्रों की बहुलता है एवं राज्य के लगभग एक तिहाई जनसंख्या या प्रबुद्ध मतदाता इन्हीं वन क्षेत्रों में निवास करते हैं। प्रस्तावित संशोधन के द्वारा उनके अस्तित्व को ही समाप्त कर देने के कई प्रावधान थे। भारतीय वन कानून 1927 में अनुमानित संशोधन से लोगो ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी हर प्रकार से व्यक्त करने का काम किया था।
झारखण्ड में विधान सभा निर्वाचन प्रस्तावित है, ऐसे समय में जनाक्रोश को प्रत्यक्षतः संबोधित करते हुए इसे वापस लेने की घोषणा करना प्रत्यक्षतः प्रबुद्ध मतदाताओं को प्रभावित कर केन्द्र एवं राज्य में वर्तमान भाजपा नीत सरकार के दल भारतीय जनता पार्टी तथा उनके उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई है। जबकि भारत सरकार के किसी केन्द्रीय मंत्री द्वारा कोई भी विभागीय निर्णय या कार्यक्रम मतदाताओं के पक्ष में करने को स्पष्टतः प्रतिबंधित है।
भारत सरकार के उपक्रम हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड, जो झारखण्ड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला अनुमंडल के अधीन मुसाबनी में अवस्थित हैं, में रिक्त 47 पदों की नियुक्ति हेतु अपने सूचना प्रकाशित करने का काम स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से किया गया। आवेदन का प्रकाशन 16 नवम्बर 2019 से विज्ञापन संख्या HCL/ICC/RECT.-01/2019 द्वारा कर आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 दिसम्बर 2019 की रखी गई है। यह सम्पूर्ण काल खण्ड विधान सभा की द्वितिय चरण के निर्वाचन के नामांकण प्रक्रिया से शुरू कर प्रचार, मतदान एवं मतगणना के समय के अधीन है।
समाज में बेरोजगारी के चरम संकट के समय सरकारी रोजगार का अवसर प्रदान कर नौजवानों सहित समाज के प्रबुद्ध मतदाताओं को प्रलोभन देकर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अप्रत्यक्ष अपील के समान है। इस प्रकार के प्रलोभन के पीछे सरकारी संस्थानों का दुरूपयोग कर चुनाव कार्य को प्रभावित करने की मंशा आदर्श चुनाव आचार संहिता के पूर्णतः विरूद्ध है।
सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म (फेसबुक, ट्विटर, वाट्स्एप इत्यादि) में भाजपा संरक्षित, सम्पोषित एवं भुगतान के एवज में कई तरह के पेज या समूह का निर्माण कर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा तथा उनके नेताओं विशेष कर पार्टी अध्यक्ष दिशोम गुरू श्री शिबू सोरेन, कार्यकारी अध्यक्ष श्री हेमन्त सोरेन एवं अन्य केन्द्रीय नेताओं के संबंध में कई प्रकार के घृणा, विद्वेष से प्रेरित तथ्य प्रकाशित किये जा रहे हैं एवं बगैर MCMC अनुमोदित विज्ञापनों या तथ्यों को प्रसारित किये जा रहे हैं। झामुमो नेताओं ने उन फेसबुक पेजों के लिकों के नाम भी उपलब्ध कराये हैं।
भारत सरकार के कई मंत्री गण, राज्य सरकार के मंत्री गण सहित भाजपा के स्टार प्रचारकों द्वारा विगत दिनों माननीय उच्चतम न्यायालय के चिरप्रतिक्षित, ऐतिहासिक निर्णय, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की स्वीकृति संबंधित आदेश पारित किये गए, उसे भाजपा की राजनैतिक उपलब्धि एवं डबल ईंजन की सरकार यथा केन्द्र एवं राज्यों में भाजपा की सरकार होने के कारण, यह संभव हुआ की बात सार्वजनिक मंचों से की जा रही है।
देश के एक ऐतिहासिक न्यायिक फैसला या निर्णय किसी भी राजनैतिक पार्टी के निर्णय से जोड़ कर देखना मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति उत्पन्न करता है। झामुमो नेताओं ने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से उपरोक्त अंकित विषय वस्तूओं की गंभीरता के आलोक में विचारोपरान्त उचित मार्गदर्शन एवं कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील की है।