दीपंकर का बयान, पूरे झारखण्ड में रघुवर सरकार के खिलाफ जन-विद्रोह की स्थिति, जनता सरकार बदलने को तैयार
विद्रोही24. कॉम से बातचीत के दौरान भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे राज्य में रघुवर सरकार के खिलाफ जन-विद्रोह की स्थिति हैं, जनता सरकार बदलने को तैयार है, 23 दिसम्बर को जब चुनाव परिणाम आयेंगे तो पता चल जायेगा कि झारखण्ड की जनता क्या चाहती है? उनका कहना था कि दरअसल महाराष्ट्र से जो बदलाव की आंधी चली हैं, उसका प्रभाव यहां भी दिखेगा, चाहे भाजपा के लोग माने अथवा न माने।
उन्होंने कहा कि जैसे महाराष्ट्र और हरियाणा में एक चरण में चुनाव हो गये, ठीक इसी प्रकार झारखण्ड में भी ऐसा हो सकता था, परन्तु पता नहीं सरकार और उनके अधिकारियों को क्या सूझी कि उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष कौन सी बात रख दी, जिससे चुनाव आयोग यहां पांच चरण में चुनाव कराने को उत्सुक हुआ, जबकि झारखण्ड में कोई ऐसी बात नहीं, यहां भी आराम से एक चरण में चुनाव हो सकते थे।
अगर सरकार यह सोचती है कि वो गरीबी, भूखमरी, बेकारी, पलायन, अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए लड़ रहे दलित-आदिवासियों को देशद्रोही, नक्सली बताकर उन्हें अपमानित और उन पर जुल्म ढाने का प्रयास जारी रखेंगी तो वह मुगालते में हैं, लोग अपने हक को लेकर सजग हो रहे हैं, और निश्चित ही उसका परिणाम इस बार के चुनाव में दिखेगा।
सरयू राय द्वारा भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सीएम रघुवर को घेरने के सवाल पर उनका कहना था कि सरयू राय का ये कार्य प्रशंसनीय हैं, पर वे सीएम रघुवर को तभी और बेहतर ढंग से घेर पायेंगे, जब वे भाजपा से खुद को मुक्त करेंगे, बिना भाजपा से मुक्त हुए, कुछ भी संभव नहीं, लेकिन उन्होंने जो भाजपा सरकार और सीएम रघुवर पर जो आरोप लगाये हैं, वो सत्य साबित हो, उसके लिए उन्हें प्रयास करना चाहिए ताकि जनता का उन पर विश्वास बना रहे।
उन्होंने कहा कि राजनीति में शुचिता एवं शुद्धता की बात करनेवाली भाजपा को कम से कम अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए कि क्या उसने राजनीति को शुद्ध रखने का प्रयास किया, वो तो खुद ही इतनी गंदगी फैलाने में लगी है कि लोग घबरा रहे हैं, भय खा रहे हैं, आज इनके शासनकाल में कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं हैं, मॉब लिंचिग आम बात हो गई है, भ्रष्टाचार चरम पर है, दलितों-अल्पसंख्यकों व आदिवासियों पर इनके शासनकाल में अत्याचार बढ़ा है।
दीपंकर भट्टाचार्य ने इस अवसर पर उन 16 प्रत्याशियों की सूची भी जारी की, जो झारखण्ड के विभिन्न विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने यह भी कहा कि जहां उनकी पार्टी नहीं लड़ रही हैं, वहां ऐसे लोगों तथा पार्टियों का समर्थन करेगी, जो इस सरकार के जन-विरोधी नीतियों के खिलाफ हमेशा से मुखर रहे हैं।
हम आपको बता दें कि भले ही भाजपा की सत्ता रही हो, पर झारखण्ड विधानसभा में भाकपा माले ही एकमात्र पार्टी रही, जिनके विधायक स्व.महेन्द्र प्रसाद सिंह ने बेहतर ढंग से जनता की बातों को सदन में रखा और सदन के प्रति ईमानदारी बरती, और आश्चर्य इस बात की है उनके बाद आज तक कोई ऐसा नेता कम से कम झारखण्ड विधानसभा ने नहीं देखा, हां उनके बेटे विनोद सिंह ने अपने पिता के पद-चिह्नों पर चलकर उस मर्यादा को कायम रखने की भरपूर कोशिश की।