कल जिस सीपी सिंह को गरदनियां देने में लगे थे, आज उनकी जीत के लिए नमक का कर्ज अदा कर रहे महेश
कल तक जिस रांची के विधायक एवं नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को गरदनिया देकर सूखे तालाब में डूबोने का काम कर रहे थे, आज उस सीपी सिंह को फिर से रांची विधानसभा सीट से विजय दिलाने के लिए भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार पहाड़ उठाये हुए हैं, पर उन्हें सफलता नहीं मिल रही। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने चैम्बर ऑफ कॉमर्स के नाराज व्यवसायियों को भाजपा के पक्ष में करने का जिम्मा भाजपा के राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार को दे रखा हैं।
महेश पोद्दार ने भी ताल ठोक दी हैं कि वे सब कुछ ठीकठाक कर देंगे, पर आज जिस प्रकार से चैंबर ऑफ कॉमर्स के पवन शर्मा की ओर से मोबाइल मैसेज के माध्यम से चुनाव कार्यालय खोलने की सूचना दी जा रही हैं, यह सूचना एक बार फिर सीएम रघुवर दास, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और राज्यसभा सांसद के हाथ-पांव फूला कर रख दिये हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि पवन शर्मा का चुनाव लड़ना भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं, क्योंकि पवन शर्मा को जो भी वोट मिलेगा, वो शुद्ध भाजपा का ही वोट होगा, और जितने वोट पवन शर्मा काटेंगे, उतना ही सुनिश्चित होगा भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह के हालत का पस्त होना।
बेचारे अब भाजपा सांसद महेश पोद्दार क्या करें? भाजपा के राज्य कोषाध्यक्ष है। सीएम रघुवर दास की कृपा से राज्यसभा भी पहुंच चुके हैं। भाजपा के लोगों में इस बात की खूब चलती है कि महेश पोद्दार का चैम्बर ऑफ कॉमर्स में खूब धाक हैं, पर ये कैसी धाक कि वे पवन शर्मा को बैठाने में नाकामयाब हो रहे हैं, हालांकि भाजपा के लिए अभी भी नमक का फर्ज अदा करने में महेश पोद्दार पीछे नहीं हट रहे हैं।
राजनीतिक पंडितों की माने तो अभी कोई ज्यादा दिन नहीं हुआ है, कभी रांची से प्रकाशित होनेवाले अखबारों की सूर्खियों में महेश पोद्दार छाये रहते थे, जब वे नगर विकास मंत्री सीपी सिंह को नाक में नकेल कसने में लगे थे, शायद ही कोई दिन होता होगा, जिस दिन महेश पोद्दार अपने ही मंत्री सीपी सिंह की धज्जियां न उड़ाते हो, जिस समय महेश पोद्दार धज्जियां उड़ा रहे थे, उन्हें भी पता नहीं होगा कि एक दिन ऐसा भी आयेगा कि उन्हें उस व्यक्ति के हित के लिए काम करना पड़ेगा, जिसकी वे आज धज्जियां उड़ा रहे हैं, पर आज सच्चाई तो यही हैं।
अनेक गोपणीय बैठक सीएम रघुवर दास के आदेश पर महेश पोद्दार कर चुके, पर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के लोग टस से मस नहीं हो रहे, वे तो खुलकर बोल रहे है कि इस बार भाजपाइयों को दिखाना है कि चैंबर ऑफ कॉमर्स क्या होता हैं? सूत्र बताते है कि चैम्बर ऑफ कॉमर्स के कई सदस्यों व अधिकारियों ने कई बार सरकार के नुमाइंदों व सरकार से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करनी चाही, पर किसी ने उनकी ओर ध्यान ही नहीं दिया और अब जरुरत पड़ रही हैं, वोटों की बात हो रही हैं तो चल दिये व्यवसायी बनने, वोटों की सौदेबाजी करने, हार-जीत पर मंथन करने, क्या अब चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पास और कोई काम नहीं?
इधर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के उन पदाधिकारियों की भी हालत पस्त हो गई है, जो विशुद्ध भाजपाई हैं, जो भाजपा के प्रवक्ता तक बने हुए हैं, जिनका भाजपा से अच्छा खासा कारोबार चल रहा हैं, उन्हें लग रहा है कि जैसे-जैसे यह पवन शर्मा का मामला उलझेगा, वैसे-वैसे इनके भाजपा से चल रहे कारोबार, सरकार की कृपा से मिले कई कारोबार भी प्रभावित होंगे, ऐसे लोगों की तो न बोलते बन रही हैं और न निगलते बन रही।
चैम्बर ऑफ कॉमर्स से जुड़े भाजपा व सरकार से नाराज व्यवसायियों का कहना है कि महेश पोद्दार जो अभी दिमाग लगा रहे हैं, उस वक्त उनका दिमाग कहां गया था, जब वे अपने सवालों के तीरों से सीपी सिंह को घेरा करते थे, कल सीपी सिंह गलत थे, और आज वे महान कैसे हो गये, इसलिए कि वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए कि महेश पोद्दार भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं, अगर ये कॉनसेप्ट हैं तो ये कॉनसेप्ट अब नहीं चलेगा। लोगों को सत्य बताना होगा कि इस भाजपा सरकार और राज्य के वर्तमान नगर विकास मंत्री से राज्य को यहां के व्यवसायियों को कितना नुकसान हुआ।
लोग खुलकर कह रहे कि ज्यादा दिन नहीं, अखबारों की सुर्खियों को महेश पोद्दार खुद देखे और जवाब दे, कि आखिर वे इन दिनों भाजपा के पक्ष में काम करने तथा पवन शर्मा को बैठाने की फिराक में ज्यादा क्यों लगे हैं? जरा इस प्रभात खबर अखबार को देखिये, उसकी हेडिंग को देखिये। “मंत्री सीपी सिंह के नाम सांसद महेश पोद्दार ने लिखा खुला पत्र, कहा राजधानी की दुर्गति कर दी, इसकी जिम्मेदारी से आप बच नहीं सकते”
और लगे हाथो अब दूसरे दिन का दैनिक भास्कर देखिये, जिसने हेडिंग दी है – “नगर विकास मंत्री ने दिया राज्यसभा सांसद के खुले पत्र का जवाब…दोनों नेताओं में तनातनी और बढ़ी, विपक्ष को मिला मुद्दा, सीपी सिंह ने कहा – शिकायत है तो सांसद सीएम से कहें…सीबीआई जांच करवा लें, महेश पोद्दार बोले – मैं सीएम से क्यों कहूं…सब मंत्री जी की नाक के नीचे हो रहा हैं।”
अब ये रांची से प्रकाशित हिन्दुस्तान की कटिंग देखिये, उसकी हेडिंग देखिये – “मार्केट बनाने की खबर डरानेवाली, सांसद ने लिखा पत्र, मंत्री सीपी सिंह के नाम सांसद महेश पोद्दार का खुला पत्र, बकरी बाजार को खुले मैदान में विकसित करने की बात कही।”
राजनीतिक पंडितों की माने तो सच पुछा जाये तो कल के उपरोक्त सारे बयान को देखे तो खुद महेश पोद्दार की आत्मा भी कहेगी कि सीपी सिंह रांची और व्यवसायियों के लिए फिट नहीं, पर चूंकि चुनाव हैं, मुख्यमंत्री रघुवर दास की कृपा से सांसद बने हैं, और उनका ही आदेश हैं, उनके आदेश की अवहेलना उनके आगे के सेहत के लिए भी ठीक नहीं, क्योंकि एक बार राज्यसभा में प्रवेश कर गये, बार-बार मौका मिलता रहे, इसके लिए पवन शर्मा को बैठाने के लिए मिला टारगेट उन्हें पूरा करना ही होगा।
लेकिन ये क्या पवन शर्मा ने तो आगे की चाल चल दी, कल चुनाव कार्यालय खुलेगा और फिर होगा सरकार और भाजपा के खिलाफ उनकी निर्णायक लड़ाई, जिसको लेकर चैम्बर ऑफ कॉमर्स के राज्य भर के व्यवसायियों ने ताल ठोक दी है कि अभी नहीं तो कभी नहीं, ऐसे में महेश पोद्दार क्या करेंगे? सीएम रघुवर को ये कहेंगे कि सर इन दिस टाइम, आइ एम फेल्ड ऑन दिस टॉपिक, सीपी सिंह को भगवान पर छोड़ दीजिये, क्योंकि मैं बहुत दिमाग लगाया, अब कहीं कोई विकल्प नहीं दिख रहा।