प्याज की बढ़ी कीमतों से डरी सरकार, शुरु की सस्ते दर पर प्याज बेचना, JMM ने EC से की शिकायत
इधर राज्य की रघुवर सरकार ने लगातार प्याज की कीमतों में हो रही बेतहाशा वृद्धि से कही जनता नाराज न हो जाये, इसके लिए कुछ जगहों पर सस्ते दरों पर प्याज की बिक्री शुरु करवा दी, वही झामुमो ने इस पूरे प्रकरण पर सवाल उठा दिया। झामुमो का कहना है कि यह रघुवर सरकार द्वारा सस्ती प्याज के नाम पर जनता को दिया जा रहा सीधा-सीधा प्रलोभन है।
झामुमो ने इसकी शिकायत दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से कर दी है। झामुमो का कहना है कि चूंकि पूरे राज्य में फिलहाल प्याज 80 से 90 रुपये प्रतिकिलों की दर से बाजार में उपलब्ध है, और चूंकि सरकार जानती है कि प्याज की कीमतें चुनाव को प्रभावित करती है, इसलिए उसने बड़ी ही कलाकारी दिखाई और 35 रुपये की दर से सस्ती प्याज उपलब्ध कराना शुरु कर दिया।
जो साफ बताता है कि सरकार प्याज के नाम पर कितनी तेजी दिखा रही हैं, ये बातें आज संवाददाताओं से बातचीत के क्रम में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही और साथ में यह भी कहा कि इसीलिए इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग से करना जरुरी था, क्योंकि राज्य की सरकार प्याज की कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि से कितना डर गई हैं, वो सबको जानना भी जरुरी था।
झामुमो ने भारत निर्वाचन आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि कल यानी 22 नवम्बर तथा आज 23 नवम्बर को सरकारी नियंत्रणाधीन सहकारी संस्थान द्वारा आम उपभोक्ता, जो कि प्रबुद्ध मतदाता भी है, के बीच शहर के विभिन्न व्यस्ततम व रिहायशी इलाकों में ट्रक भर-भर कर 35 रुपये किलो प्याज का बिक्री निर्बाध रुप से जारी रखना, बता रहा है कि आगामी चुनाव प्रक्रिया के समापन तक यह प्रतिदिन दोहराया जायेगा।
झामुमो का कहना है कि यह सर्वविदित है सब्जी बाजार में प्याज का खुदरा मूल्य 80 से 90 रुपये प्रति किलो है, जबकि थोक मंडियों में इसका भाव 70 से 75 रुपये प्रति किलो है। चूंकि सच्चाई है कि प्याज की कीमतों का असर चुनाव पर पड़ना है, और इसका खामियाजा कौन पार्टी उठायेगी, इसकी भी सरकार को जानकारी है, इसलिए मतदान को लुभाने के लिए इस प्रकार के कुप्रयास किये जा रहे हैं।
झामुमो ने तो इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए यह भी पत्र में लिख दिया कि भारत निर्वाचन आयोग कभी शायद इस प्रकार की स्थिति भी देखे, जब भारतीय जनता पार्टी के नेता व कार्यकर्ता गण बूथ के बाहर कैम्प लगाकर मतदाताओं के बीच नकद राशि का वितरण करें एवं भाजपा के पक्ष में मतदान को प्रेरित करें।
रोजमर्रा के शाक-सब्जी, अनाज, फल, दूध की कीमतों में लगातार बेतहाशा वृद्धि हो रही है, एवं इसके विरुद्ध जनाक्रोश सरकार एवं उसकी व्यवस्था को बदलने के लिए लामबंद हो रही है, वैसी परिस्थिति में सत्तासीन सरकार द्वारा मतदाताओं के बीच भ्रम फैलाने का प्रयास स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है।
झामुमो ने भारत निर्वाचन आयोग से इस पूरे प्रकरण पर गंभीरता से विचार कर त्वरित निर्णय लेने का अनुरोध किया है ताकि राज्य विधानसभा चुनाव को प्रलोभन मुक्त, सरकारी प्रभाव मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, भयमुक्त एवं पारदर्शी तरीके के साथ सम्पन्न कराया जा सके। झामुमो ने इसकी प्रतिलिपि मुख्य निर्वाची पदाधिकारी, रांची को भी प्रेषित किया है।