कांके विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी समरी लाल का नामांकन रद्द करने की मांग
कांके के हेठ कोनकी, पिठौरिया निवासी दिनेश रजक ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त, निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली, मुख्य निर्वाचन आयुक्त झारखण्ड, रांची, जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को पत्र लिखकर झारखण्ड से बाहर के निवासी को नामांकन करने से रोकने की मांग की है। रांची, कांके निवासी दिनेश रजक ने अपने लिखे पत्र में कहा है कि चूंकि कांके विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां केवल झारखण्ड के मूल निवासी अनुसूचित जाति के उम्मीदवार को ही अधिकार है, कि वे कांके विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
दिनेश रजक ने पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि समरी लाल जो कि राजस्थान के मूल निवासी है और भाजपा से प्रत्याशी के रुप में नामांकन दाखिल कर रहे हैं, वह बिल्कुल गैर-कानूनी है। साथ ही झारखण्ड राज्य की अधिसूचना संख्या 6763, दिनांक 5 अगस्त 2016 के सरकार का पत्र जो राज्य के सभी उपायुक्तों को लिखा गया है, उसके विपरीत है। दिनेश रजक ने उस अधिसूचना को अपने आवेदन के साथ संलग्न किया है।
दिनेश रजक का कहना है कि झारखण्ड उच्च न्यायालय के आदेश जो कविता कुमारी के केस में हुआ है, जिसको 2006(2) जेसीआर पेज – 512-518 में छपा भी है। इस फैसले में उच्चतम न्यायालय के फैसलों की चर्चा हैं, जो कि 1994 (5) एससीसी पेज – 244 एवं 2003(7) एससीसी पेज – 657 में दर्शाया गया है। दिनेश ने न्यायालय के आदेश की एक प्रति भी इसके साथ लगाया है।
दिनेश रजक ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया है कि इस सभी फैसलों के अनुसार कोई भी क्षेत्र जो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं ओबीसी के लिए आरक्षित है। दूसरे राज्य के मूल निवासी आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते हैं। अतः झारखण्ड सरकार का पत्र एवं न्यायालय के आदेशों को देखते हुए समरी लाल, भाजपा प्रत्याशी, कांके विधान सभा क्षेत्र, जो झारखण्ड राज्य के बाहर के मूल निवासी है। उनका नामांकन रद्द किया जाये, अन्यथा इसकी जवावदेही आप सभी पर होगी।