ए भाई, इ CM HOUSE वाला भूतवा कहां गया, सदा के लिए शांत हो गया या दूसरी जगह प्रस्थान कर गया?
आज सुबह–सुबह करीब चार बजे मेरी नींद टूटी, नींद टूटने के पूर्व, मैं सपने में था, करीब तीन–चार भूत मेरे सपने में आकर, गंभीर बातें कर रहे थे। सपने में, मैं भी वहां मौजूद था, कभी वे खूब हंसते तो कभी गंभीर मुद्रा में आ जाते, जब भूतों की नजर मेरे उपर पड़ी, तो उन्होंने कहा कि क्या जी पत्रकार महोदय, आप भी आ गये यहां, आ गये तो बैठिये, और देखिये यहां क्या हो रहा है, क्योंकि अंत में समाचार संकलन कर जन–जन तक पहुंचाना, तो आपको ही हैं न।
भूतों के इस बात को सुनकर, मैं भी हैरान रह गया, आराम से कुर्सी पर बैठ गया, तभी कहीं से एक और भूत अपने बच्चों व परिवार के साथ वहां आ धमका, बोला – भाई स्थिति बहुत ही गंभीर है, वहां पहले से उपस्थित भूतों ने कहां – क्यों, क्या हुआ? उसने कहा – होना क्या है? जब से हनुमान जी, को पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री आवास में स्थापित कराया है, उनलोगों का तो हुक्का पानी बंद हो गया है, यहीं नहीं आजकल जो पहले पश्चिम दिशा से भाई जी लोग निकलता था, अब पूर्व दिशा से निकलना शुरु हो गया है, ऐसे में उनके उपर तो रोजी रोटी का संकट गहरा गया है, अरे देखिये न पहले कोई मुख्यमंत्री कोई टर्म पूरा नहीं करता था, और वर्तमान मुख्यमंत्री पांच साल पूरा करने चले हैं।
इस भूत के ये कथन कहने पर, पहले से उपस्थित सारे भूत मुस्कुराने लगे, और कहने लगे, तुम जो कह रहे हो, वह सत्य है, पर ये पूर्ण सत्य नहीं हैं, ये तो दिल्ली में बैठा महाशिवभक्त और शिव के एक अंश हनुमान भक्त की कृपा है, जिसके कारण ये रघुवर बचा हुआ हैं, नहीं तो कब का ये भी पूर्व मुख्यमंत्री के लाइन में आकर बैठ जाता।
वो तो खैर मनाओ, अर्जुन मुंडा की जिसने हनुमान जी की प्रतिमा लगा दी, और जैसे–जैसे हनुमान जी की प्रतिमा पुरानी होने लगी, हनुमान जी ने अपना कमाल दिखाना शुरु कर दिया, यहीं हनुमान जी है कि जो अर्जुन मुंडा के सारे कष्टों को हर लिया, जो पुराने पूर्व जन्म के पाप थे, वे भी कट गये, लेकिन रही बात रघुवर की, तो याद रखो, उधर मोदी गया और इधर रघुवर गया।
अंत में पूर्व में उपस्थित भूतों ने कह दिया कि अब चिन्ता मत करों, मोदी दिल्ली में सर्वशक्तिमान यानी 2014 की तरह नहीं आ रहा, ऐसे में इस रघुवर का जाना तय हैं, इसलिए भूतों की सत्ता का अवतरण होने ही वाला है और सभी भूत एक साथ मिलकर हंसने लगे, हंसते–हंसते इतनी हंसी आई की हमारी नींद ही टूट गई।
सचमुच एक समय था, जब भी मुख्यमंत्री की यहां सत्ता हिलती, इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकार, मुख्यमंत्री आवास यानी भूतों का डेरा कहकर न्यूज चलाने लगते, लोग भी दिलचस्पी लेकर इन खबरों को देखते, उस वक्त कोई ऐसा राष्ट्रीय चैनल नहीं होगा, जिसने मुख्यमंत्री आवास में भूतों के डेरा से संबंधित खबरें नहीं चलाई होगी।
इलेक्ट्रानिक मीडिया का असर देखिये, कई मुख्यमंत्रियों ने भूतों को शांत कराने के लिए कई–कई अनुष्ठान कराने लगे, कोई दक्षिण भारत के ब्राह्मणों को बुलाया, तो कोई हनुमान मंदिर ही स्थापित करा दिया, कोई पूर्व में एक नया दरवाजा खुलवा दिया, शायद किसी ने कह दिया कि वास्तुदोष के कारण ही ऐसा हो रहा है, इसलिए पूर्व में एक बड़ा सा गेट होना जरुरी है, स्थिति ऐसी हो गई कि वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास भी इसी रास्ते का आने–जाने में प्रयोग करते हैं, मुख्यमंत्री के पश्चिमवाले द्वार से तो कब का आना–जाना बंद हो गया।
कई राजनीतिक पंडित इसे अंधविश्वास मानते हैं, पर कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इन सारी चीजों पर गहरा विश्वास हैं, कई तो प्रमाण भी देते हैं कि जब हेमन्त सोरेन मुख्यमंत्री थे, तब भी ये कभी पश्चिम के दरवाजे से नहीं निकले, अपना पूर्व का आवास नहीं छोड़ा, विपक्ष के नेता होने पर भी, ये वर्तमान आवास में आज भी पूर्व के दरवाजे से ही निकलना पसंद करते हैं। भाई ऐसे तो अब कुछ भी कहें, ये बात तो पक्की है कि पहली बार कोई मुख्यमंत्री अपना पूरा टर्म करने जा रहा हैं, बाकी किसी ने तो पूरा टर्म पूरा ही नहीं किया, आया राम और गया राम होता रहा।
ऐसे भी भूतों का ये कहना कि मोदी के कारण ही रघुवर दास टिके हैं, ये भी सही है, क्योंकि उन्होंने जिस प्रकार से हाथी उड़ाया हैं, और हाथी उड़ाने के बाद भी टिके हैं, ये तो मोदी का ही कमाल है, नहीं तो अब तक ये कब के पूर्व मुख्यमंत्री के लाइन में लग जाते, ऐसे भी भूतों का ये कहना कि जल्दी ही अब वो सब कुछ होगा, जो होना चाहिए, वो दिखना भी शुरु हो गया हैं, राज्य की जनता के नजरों से रघुवर दास तो कब के नीचे गिर चुके, कल रांची में कांके की घटना उसकी एक झलक थी, समझदार होंगे तो समझ जायेंगे, नहीं तो जो होना हैं, वो तो होकर रहेगा, आनेवाले समय में भाजपा इनके नेतृत्व में डबल डिजिट में भी रह पायेंगी, इसकी संभावना, हमें लगता है कि कम ही हैं।
जय जय जय हनुमान गोसाईं..