परचून व किराना दुकानों पर दारु बेचने की प्रस्तावित योजना का सोशल साइट पर उड़ रहा मजाक, लोग CM रघुवर पर छोड़ रहे व्यंग्य बाण
जैसे ही लोगों को अखबारों के माध्यम से पता चला है कि राज्य सरकार अब विभिन्न पंचायतों व मुहल्लों में स्थित परचून व किराना दुकानों पर भी शराब बेचने की प्रस्तावित योजना पर काम करना शुरु किया है, लोग राज्य के होनहार मुख्यमंत्री रघुवर दास पर व्यंग्य बाण छोड़ जा रहे हैं, यहीं नहीं राज्य सरकार की इस आम योजना की लोग कड़ी निन्दा तथा मजाक भी उड़ा रहे हैं, पर राज्य सरकार और उनके अधिकारियों को इसकी कोई चिन्ता नहीं और न ही इन्होंने इस समाचार का खण्डन ही किया है।
जरा एक नजर डालते है कि लोग इस खबर पर क्या सोच रहे हैं और कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं? टीएसी के सदस्य रतन तिर्की ने सोशल साइट पर कड़ा व्यंग्य किया है, जरा देखिये वे क्या लिख रहे है – जोहार, झारखण्ड मनिहारी दुकान, सेठ जी, एगो पिन्ट और एगो निप दीजिये। रतन तिर्की के इस पोस्ट पर कई लोगों ने टिप्पणियां की है।
संजय कुमार के अनुसार, राजस्व के लिए अब यही धंधा बच गया था सरकार के लिए, शर्मनाक है। ऐसा महान सुझाव देनेवाले अफसरों को भी चिह्नित किया जाना चाहिए। वाल्टर कंडुलूना ने लिखा है एक तीर से कई शिकार, दुकान के सेठ का वोट पक्का, पीनेवाले आदिवासी का वोट पक्का, शराब बनानेवाले का वोट पक्का (अब पुलिस उसे तंग नहीं करेगी) शराब के ठेकेदार, ट्रांसपोर्टर का वोट पक्का, जिस पर आलोका कुजूर ने यह कहकर तड़का लगा दिया कि आएगा मंदी ही।
इधर विभिन्न सोशल साइटों पर विभिन्न समाज के लोगों ने भी व्यंग्य बाण चलाने में कोई कोताही नहीं बरती, जैसे आलोक मिश्र ने कहा अच्छे दिनों की शुरुआत हो गई। श्याम गुप्ता कहते है कि पकौड़ा भी उपलब्ध होगा तो सेल बढ़ेगी। देवेन्द्र सिन्हा कहते है कि सबसे बढ़िया रहता जन-वितरण दुकान में दारु वितरण।
प्रमोद सारस्वत कहते है कि मांस भी बेचे ज्यादा अच्छा रहेगा। संतोष कुमार कहते है कि इसको कहते है राम राज। राकेश चौबे के अनुसार रघुवर है तो मुमकिन है। छंदोश्री ठाकुर कहती है चुनाव से पहले यह सब होना ही है। रौशन कुमार कहते है कि पियेगा झारखण्ड तभी तो बढ़ेगा झारखण्ड।