अपनी बात

निशिकांत दूबे के एक पोस्ट से मचा बवाल, कहा विपक्ष के साथ लेन-देन करते भाजपा कार्यकर्ताओं के वीडियो उनके पास मौजूद, राजनीतिक पंडितों ने कहा यह पोस्ट बताने के लिए काफी, भाजपा की स्थिति राज्य में ठीक नहीं

भाजपा के तेज तर्रार नेता व प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी कहे जानेवाले गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे के फेसबुक पर की गई एक पोस्ट ने धमाल मचाकर रख दी है। इस पोस्ट के कई कयास लगाये जा रहे हैं। किसी का कहना है कि यह पोस्ट साफ बता रहा है कि संथाल परगना क्षेत्र में भाजपा की स्थिति अब ठीक नहीं रही। कइयों का कहना है कि यह पोस्ट यह भी बता रहा है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को अब कोई भी खरीद सकता है और वे अब किसी भी हाल में बिकने को तैयार है। बशर्तें अगर खरीदार खरीदने को तैयार हो।

आखिर निशिकांत दूबे ने लिखा क्या हैं? पहले इस पर ध्यान दिया जाये। उन्होंने लिखा है कि ‘संथाल परगना के भाजपा व एनडीए के सैकड़ों कार्यकर्ताओं का वीडियो मुझे विपक्ष के नेता के साथ लेन-देन करते हुए मिला है। यह लेन-देन विपक्ष आपसे पार्टी व विचारधारा को खरीदने के लिए दे रहा है। मोदी जी अपनी पूरी ताकत झारखण्ड चुनाव में लगाई हैं, पार्टी के साथ गद्दारी मत करिये, नहीं तो मजबूरन मुझे वीडियो-ऑडियो जारी करना पड़ेगा।’

निशिकांत दूबे के इस पोस्ट के बाद कई लोगों ने उनके पोस्ट पर ही कई प्रतिक्रियाएं दी हैं। कइयों का कहना है कि निशिकांत दूबे को ऐसे लोगों का ऑडियो-वीडियो जारी करने में तनिक विलम्ब नहीं करना चाहिए, ऐसे लोगों का पर्दाफाश करना चाहिए ताकि लोगों को पता चल सकें कि वे कौन लोग हैं, जो पार्टी में रहकर पार्टी से ही दगा करते हैं। कइयों ने कमेन्ट्स की है कि उनका यह पोस्ट साफ बता रहा है कि संथाल परगना में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि निशिकांत दूबे का यह पोस्ट कोई सामान्य पोस्ट नहीं हैं। इसका मतलब है कि निशिकांत दूबे के पास ऐसे ऑडियो-वीडियो पहुंच गये हैं, जो भाजपा के ही बड़े नेताओं के नींद उड़ा सकते हैं। हो सकता है कि वे इस प्रकार के ऑडियो-वीडियो को उपर के नेताओं तक भी पहुंचा दें तथा यह दिखा दें कि आखिर भाजपा की संथाल परगना या पूरे झारखण्ड में यह दुर्दशा क्यों हो रही हैं?

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि किसी भी दल में एक सामान्य कार्यकर्ता कभी इस प्रकार की घटियास्तर का काम नहीं करता। इस प्रकार का काम वे ही लोग करते हैं, जो बड़ी तेजी से नीचे के कार्यकर्ताओं की छाती या मस्तक पर चढ़कर अपने सपनों को पूरा करने के लिए किसी भी प्रकार के षडयंत्र में भाग लेने को तैयार रहते हैं। अब ऐसे में, इस प्रकार की घिनौनी हरकत कौन कर रहा होगा या कौन करवा रहा होगा। वो किसी से छुपा थोड़े ही न हैं।

कुल मिलाकर देखा जाये। तो प्रथम चरण में तो भाजपा ऐसे ही बहुत पीछे हैं। दूसरे चरण में निशिकांत दूबे का ये पोस्ट साफ कर दिया कि भाजपा अब संथाल परगना में कही नहीं हैं और जब कही नहीं हैं तो परिणाम क्या आयेगा। समझ लीजिये। मतलब भाजपा को नाश करनेवाले लोग, कोई दूसरे दल में नहीं, भाजपा में ही हैं और जब भाजपा को डूबानेवालों की संख्या भाजपा में ही अधिक होगी तो दूसरा भाजपा को डूबाने के लिए क्यों दिमाग लगायेगा?

पूरे संथाल परगना में जिस प्रकार कल्पना सोरेन और हेमन्त सोरेन की सभा में भीड़ उमड़ी हैं। वो भी यह बताने के लिए काफी है कि संथाल परगना और कोयलांचल में किसकी लहर चल रही हैं। शायद यह भी हो सकता है कि भाजपा के कार्यकर्ता व नेता यह समझ गये हो कि चाहे जो कुछ हो जाये, भाजपा अब सत्ता में नहीं आ रही तो क्यों न झामुमो गठबंधन को ही समर्थन दे दिया जाये और ऐसा करने में वे आगे निकल रहे हो तो भला उन्हें रोक भी कौन सकता है।

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